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राजनीतिक-जातीय समीकरण पक्ष में, फिर भी कांग्रेस पर यह मुद्दा भारी ! साक्षात्कार बीच में छोड़ भागे ओला - rajasthan Lok sabha election 2024 - RAJASTHAN LOK SABHA ELECTION 2024

jhunjhunu constituency , सालों तक नहर को लेकर राजनीति करने वाले पूर्व सांसद शीशराम ओला के बेटे बृजेंद्र ओला अब कांग्रेस की तरफ से झुंझुनू के प्रत्याशी हैं. हालांकि, नहर अब तक नहीं बनने का सवाल ओला को पसंद नहीं आया और वो साक्षात्कार बीच में ही छोड़कर चले गए. पढ़िए क्या नहर का मुद्दा इस बार ओला के पक्ष में होगा या नहीं... झुंझुनू लोकसभा सीट पर मतदान 19 अप्रैल को है. झुंझुनू लोकसभा सीट की मतगणना 4 जून को है.

CONGRESS CANDIDATE BRIJENDRA SINGH
CONGRESS CANDIDATE BRIJENDRA SINGH
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 14, 2024, 6:45 PM IST

Updated : Apr 18, 2024, 3:47 PM IST

साक्षात्कार बीच में छोड़ भागे ओला

झुंझुनू. जाटों के कद्दावर नेता रहे और झुंझुनू लोकसभा सीट से पांच बार के सांसद शीशराम ओला ने एक समय में नहर लाने का वादा क्या किया. हर चुनाव इसी मुद्दे के आसपास सिमट गया. समय के साथ पीने के पानी की भी किल्लत हो गई और यह मुद्दा और ज्यादा तेज हो गया. सांसद रहते हुए शीशराम ओला का निधन हो गया, लेकिन नहर तब भी नहीं आई. ऐसे में इस बार लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले आधा अधूरा ही सही, लेकिन यमुना का पानी झुंझुनू लाने के लिए हरियाणा और राजस्थान सरकार में भाजपा ने समझौता करवा दिया. कांग्रेस से झुंझुनू लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र ओला इस मुद्दे पर जवाब नहीं दे रहे. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बृजेंद्र ओला से जब पहला सवाल नहर के बारे में पूछना शुरू किया तो वह साक्षात्कार बीच में ही छोड़कर चले गए.

यह समीकरण ओला के पक्ष में : झुंझुनू लोकसभा सीट की 8 विधानसभा में से 6 पर कांग्रेस का कब्जा है. झुंझुनू से कांग्रेस के प्रत्याशी वर्तमान में विधायक हैं. उन्होंने अच्छे खासे मतों से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा सूरजगढ़ फतेहपुर मंडावा सीट पर भी कांग्रेस ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अच्छे मतों से भाजपा को शिकस्त दी थी. ऐसे में यह राजनीतिक समीकरण ओला के पक्ष में हैं.

दूसरा कांग्रेस के कोर वोटर के रूप में पहचाने जाने वाले जाट मुस्लिम और दलित मतों की संख्या की बात की जाए तो इनकी कुल संख्या 15 लाख के आसपास है. वहीं, कुल वोटर की संख्या यहां पर लगभग 22 लाख है. इन तीनों ही जातियों का अच्छा खासा धड़ा कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जाता हुआ नजर आता है. इस तरह से राजनीतिक और जातीय समीकरण पक्ष में होने के बावजूद देखने वाली बात होगी कि नहर का मुद्दा कांग्रेस के लिए कितना नुकसान पहुंचा पाता है.

पढ़ें. कांग्रेस का न कोई गठ है, न बंधन, ये भानुमति का कुनबा है, प्रदेश में भाजपा की शत प्रतिशत हैट्रिक लगेगी - विनय सहस्त्रबुद्धे

यह मामला भी पक्ष में : झुंझुनू लोकसभा सीट की आठ विधानसभा में कद्दावर जाट नेताओं शीशराम ओला, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी और डॉक्टर चंद्रभान, 6 बार के विधायक श्रवण कुमार के बीच सदा से ही जबरदस्त गुटबाजी चला करती थी. इसके बाद अगली पीढ़ी के रूप में विधायक रीटा चौधरी विधायक बृजेंद्र ओला, विधायक श्रवण कुमार सहित अन्य नेताओं के बीच में भी जबरदस्त गुटबाजी थी. इस विधानसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले शीशराम ओला की मूर्ति के अनावरण में प्रियंका गांधी झुंझुनू आईं.

उन्होंने और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी नेताओं को समझाया कि अभी फिलहाल सभी को एक दूसरे की जरूरत है, नहीं तो सभी चुनाव हार जाएंगे. यही स्थिति लोकसभा चुनाव में भी रहेगी. ऐसे में आश्चर्यजनक रूप से सभी कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे का साथ दिया और झुंझुनू लोकसभा की 6 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया. यह संगठन एकता इस लोकसभा में भी देखने को मिल रही है और कोई भी नेता अभी फिलहाल बृजेंद्र ओला का विरोध नहीं कर रहा है.

जल संसाधन विभाग ने किया सर्वे : नहर का पानी लाने के लिए हांसियावास रिजर्वायर के अलावा झुंझुनू जिले में भी यमुना जल के रिजर्वायर बनाने की योजना है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम ने इसी सप्ताह में जिले में कांटली नदी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर वाटर रिजर्वायर बनाने के लिए सर्वे किया है. टीम ने कांटली नदी के बहाव क्षेत्र में उदयपुरवाटी के भाटीवाड़, नाटास, चिड़ावा तहसील के खुडाना, लांबा गोठड़ा में निरीक्षण व सर्वे किया है.

गौरतलब है कि यहां वाटर रिजर्वायर बनाया जाएगा, ताकि यमुना जल को जिले में अधिक बहाव होने पर रिजर्व किया जा सके. हालांकि, इस एमओयू में कई तरह की कमियों को लेकर जिले के किसान कई जगह पर प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके चलते कांग्रेस कम से कम इसी आधार पर इस मुद्दे का विरोध कर सकती थी, लेकिन कांग्रेस के नेता इससे बचते हुए नजर आ रहे हैं.

साक्षात्कार बीच में छोड़ भागे ओला

झुंझुनू. जाटों के कद्दावर नेता रहे और झुंझुनू लोकसभा सीट से पांच बार के सांसद शीशराम ओला ने एक समय में नहर लाने का वादा क्या किया. हर चुनाव इसी मुद्दे के आसपास सिमट गया. समय के साथ पीने के पानी की भी किल्लत हो गई और यह मुद्दा और ज्यादा तेज हो गया. सांसद रहते हुए शीशराम ओला का निधन हो गया, लेकिन नहर तब भी नहीं आई. ऐसे में इस बार लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले आधा अधूरा ही सही, लेकिन यमुना का पानी झुंझुनू लाने के लिए हरियाणा और राजस्थान सरकार में भाजपा ने समझौता करवा दिया. कांग्रेस से झुंझुनू लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र ओला इस मुद्दे पर जवाब नहीं दे रहे. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बृजेंद्र ओला से जब पहला सवाल नहर के बारे में पूछना शुरू किया तो वह साक्षात्कार बीच में ही छोड़कर चले गए.

यह समीकरण ओला के पक्ष में : झुंझुनू लोकसभा सीट की 8 विधानसभा में से 6 पर कांग्रेस का कब्जा है. झुंझुनू से कांग्रेस के प्रत्याशी वर्तमान में विधायक हैं. उन्होंने अच्छे खासे मतों से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा सूरजगढ़ फतेहपुर मंडावा सीट पर भी कांग्रेस ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अच्छे मतों से भाजपा को शिकस्त दी थी. ऐसे में यह राजनीतिक समीकरण ओला के पक्ष में हैं.

दूसरा कांग्रेस के कोर वोटर के रूप में पहचाने जाने वाले जाट मुस्लिम और दलित मतों की संख्या की बात की जाए तो इनकी कुल संख्या 15 लाख के आसपास है. वहीं, कुल वोटर की संख्या यहां पर लगभग 22 लाख है. इन तीनों ही जातियों का अच्छा खासा धड़ा कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जाता हुआ नजर आता है. इस तरह से राजनीतिक और जातीय समीकरण पक्ष में होने के बावजूद देखने वाली बात होगी कि नहर का मुद्दा कांग्रेस के लिए कितना नुकसान पहुंचा पाता है.

पढ़ें. कांग्रेस का न कोई गठ है, न बंधन, ये भानुमति का कुनबा है, प्रदेश में भाजपा की शत प्रतिशत हैट्रिक लगेगी - विनय सहस्त्रबुद्धे

यह मामला भी पक्ष में : झुंझुनू लोकसभा सीट की आठ विधानसभा में कद्दावर जाट नेताओं शीशराम ओला, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी और डॉक्टर चंद्रभान, 6 बार के विधायक श्रवण कुमार के बीच सदा से ही जबरदस्त गुटबाजी चला करती थी. इसके बाद अगली पीढ़ी के रूप में विधायक रीटा चौधरी विधायक बृजेंद्र ओला, विधायक श्रवण कुमार सहित अन्य नेताओं के बीच में भी जबरदस्त गुटबाजी थी. इस विधानसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले शीशराम ओला की मूर्ति के अनावरण में प्रियंका गांधी झुंझुनू आईं.

उन्होंने और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी नेताओं को समझाया कि अभी फिलहाल सभी को एक दूसरे की जरूरत है, नहीं तो सभी चुनाव हार जाएंगे. यही स्थिति लोकसभा चुनाव में भी रहेगी. ऐसे में आश्चर्यजनक रूप से सभी कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे का साथ दिया और झुंझुनू लोकसभा की 6 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया. यह संगठन एकता इस लोकसभा में भी देखने को मिल रही है और कोई भी नेता अभी फिलहाल बृजेंद्र ओला का विरोध नहीं कर रहा है.

जल संसाधन विभाग ने किया सर्वे : नहर का पानी लाने के लिए हांसियावास रिजर्वायर के अलावा झुंझुनू जिले में भी यमुना जल के रिजर्वायर बनाने की योजना है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम ने इसी सप्ताह में जिले में कांटली नदी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर वाटर रिजर्वायर बनाने के लिए सर्वे किया है. टीम ने कांटली नदी के बहाव क्षेत्र में उदयपुरवाटी के भाटीवाड़, नाटास, चिड़ावा तहसील के खुडाना, लांबा गोठड़ा में निरीक्षण व सर्वे किया है.

गौरतलब है कि यहां वाटर रिजर्वायर बनाया जाएगा, ताकि यमुना जल को जिले में अधिक बहाव होने पर रिजर्व किया जा सके. हालांकि, इस एमओयू में कई तरह की कमियों को लेकर जिले के किसान कई जगह पर प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके चलते कांग्रेस कम से कम इसी आधार पर इस मुद्दे का विरोध कर सकती थी, लेकिन कांग्रेस के नेता इससे बचते हुए नजर आ रहे हैं.

Last Updated : Apr 18, 2024, 3:47 PM IST
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