फतेहाबाद: जिले के भट्टू क्षेत्र के गांव सूलीखेड़ा के पास आज एक नहर टूट गई. नहर में काफी बड़ी दरार आने के कारण पानी तेजी से खेतों की तरफ बहने लगा, जिससे आसपास लगते गेहूं के काफी खेत जलमग्न हो गए. सूचना मिलने पर बीघड़ हेड से नहर को बंद करवा दिया गया, लेकिन नहर में पानी का लेवल ज्यादा होने के चलते पानी तेजी से खेतों में फैल रहा है. ग्रामीण अपने स्तर पर कटाव को रोकने में जुटे हुए हैं. घटना से मौके पर हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी के अनुसार बीघड़ हेड से निकलने वाली खेड़ी माइनर नहर सूली खेड़ा के पास टूट गई. नहर की बुर्जी नंबर 31 हजार के समीप नहर में बड़ी दरार आ गई. नहर टूटने का पता चलते ही काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचने शुरू हो गए, जिसके बाद सिंचाई विभाग को सूचित किया गया और पीछे हेड से नहर की सप्लाई बंद करवाई गई.
किसान नहर को पाटने में जुटे : ग्रामीणों ने बताया कि नहर के आसपास क्षेत्र में किसानों ने गेहूं की बिजाई कर रखी है. पानी बेहद तेजी से 50 से ज्यादा एकड़ में फैल गया है, जिससे नई बीजी गई गेहूं की फसल जलमग्न हो गई. विभाग को सूचित करने के बाद किसान अपने स्तर पर नहर को पाटने के लिए जुटे हुए हैं.
चरखी दादरी में भी सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न : वहीं, चरखी दादरी में भी खेतों में पानी जाने का मामला सामने आया है. दरअसल, यहां गलती अधिकारियों की है, जिनकी कार्यशैली के चलते सीवर और जलभराव का पानी किसानों के खेतों में डाला गया है. ऐसे में किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई. जिसके कारण जहां किसानों की खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई, वहीं रबी फसलों की बिजाई पर भी संकट आ गया है. ऐसे में किसानों ने दोहरी मार पड़ने पर सरकार व प्रशासन से प्रभावित क्षेत्र की स्पेशल गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजे की मांग उठाई है. वहीं किसानों ने अल्टीमेटम दिया है कि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे आत्महत्या करने या फिर शहर छोड़कर पाकिस्तान पलायन करने पर मजबूर होंगे.
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