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महाकुंभ मेले के बाद भी नहीं हटता एक शिविर, 11 वर्षों से जल रही दिव्य ज्योति, प्रसिद्ध बाबा से है इस शिविर का नाता

प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में 17 साल पहले स्थापित शिविर में 50 फीट ऊंचे मचान पर 11 वर्षों से जल रही अखंड ज्योति

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राम नाम की अखंड ज्योति (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 7:02 PM IST

प्रयागराज: संगमनगरी में महाकुंभ को लेकर साधु संतों और अखाड़ों के हजारों शिविर बनने शुरू हो गए हैं. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले मेले की समाप्ती के बाद शिविर उखड़ने भी शुरू हो जाते हैं. लेकिन मेला क्षेत्र में एक ऐसा शिविर है जो पिछले 17 सालों से स्थापित है इसके साथ ही वहां बने एक मचान में 11 सालों से अखंड ज्योति भी जल रही है. ये शिविर प्रसिद्ध संत देवराहा बाबा का है. उनको ही समर्पित ये मचान और कुटिया सालों भर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहता है. बाबा के भक्त मचान का ही आशीर्वाद लेते हैं.

धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में कुंभ के दौरान देश और दुनिया के सैकड़ों संतों का जमावड़ा लगाता है. सभी के भक्त भी उनसे आशीर्वाद लेने और उनका प्रवचन सुनने कुंभ में खास तौर पर आते हैं. लेकिन कुंभ मेला क्षेत्र में एक ऐसे संत का शिविर मौजूद है जो सालों भर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना रहता है. ये शिविर 17 साल पहले तैयार हुआ लेकिन आज तक हटा नहीं.

प्रयागराज में देवराहा बाबा का शिविर (Video Credit : ETV Bharat)

गंगा के किनारे 50 फीट की ऊंचाई पर मचान है, जहां 11 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है. ये कोई साधारण अखंड ज्योति नहीं, बल्कि श्रीराम नाम की अखंड ज्योति है जो पिछले 11 साल से मचान पर जल रही है. गंगा में बाढ़ आए या फिर तूफान, इस ज्योति की लौ कम नहीं हुई. शास्त्री ब्रिज से ये ज्योति साफ दिखाई देती है.

बता दें कि, अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए ये ज्योति आज से 11 वर्ष पहले जलाई गई थी. ऐसे में यह स्थान इसलिए भी खास हो जाता है, क्योंकि यहां देवरहा बाबा बैठकर साधना करते थे और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते थे. यहीं से उन्होंने राम मंदिर आंदोलन का समर्थन किया था.

महंत रामदास महाराज ने बताया, ये अखंड ज्योति पिछले 11 वर्षो से जल रही है. इसकी लौ कभी कम नहीं होने दी जाती. बाढ़ के दिनों में जब पानी बहुत ऊपर तक आ जाता है, तब भी ज्योति में घी डालने के लिए लोग नाव से आते हैं. जिससे बराबर ज्योति प्रज्ज्वलित होती रहे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, देवरहा बाबा के आशीर्वाद से आज तक कभी भी अखंड दिव्य ज्योति बुझी नहीं है. मचान एक लिप्टस के पेड़ पर बनाया गया है, जो करीब 50 फीट लंबा है. बगल से ही उतनी ही लंबी लोहे की सीढ़ी लगाई है, जिससे ऊपर जाकर घी डाल सके.

उसी स्थान पर करीब 40 फिट ऊंची दूसरी मचान है, जो घास-फूस से बनाई गई है. उसमें देवरहा बाबा की मूर्ति स्थापित है. 'परिसर और मचान पर देवरहा बाबा रहते थे, जिनके आशीर्वाद के लिए लाखों लोग पहुंचते थे. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी सहित देश की अन्य महान विभूतियां देवरहा बाबा से आशीर्वाद के लिए आती थीं. वह कभी भी मंच से नीचे नहीं उतरते थे, बल्कि आशीर्वाद और प्रसाद मंच के ऊपर से ही देते थे.

बता दें कि, इन दिनों महाकुंभ मेला में संगम लोवर मार्ग पर देवरहा बाबा मंच का शिविर लगा हुआ है. ये शिविर गर्मी, बारिश और ठंड में भी संगम की रेती पर लगा रहता है. माघ मेले में बड़ी संख्या में कल्पवासी यहां कल्पवास करने के लिए आते हैं. इसके साथ ही बाबा के अनुयायी भी उनका आशीर्वाद लेने सालों भर आते रहते हैं.

यह भी पढ़ें:महाकुंभ के दौरान गोरखपुर से चलेंगी 390 बसें, 5 लाख यात्रियों को कुंभ स्नान कराने की तैयारी, भगवा रंग में रंगी होंगी बसें

प्रयागराज: संगमनगरी में महाकुंभ को लेकर साधु संतों और अखाड़ों के हजारों शिविर बनने शुरू हो गए हैं. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले मेले की समाप्ती के बाद शिविर उखड़ने भी शुरू हो जाते हैं. लेकिन मेला क्षेत्र में एक ऐसा शिविर है जो पिछले 17 सालों से स्थापित है इसके साथ ही वहां बने एक मचान में 11 सालों से अखंड ज्योति भी जल रही है. ये शिविर प्रसिद्ध संत देवराहा बाबा का है. उनको ही समर्पित ये मचान और कुटिया सालों भर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहता है. बाबा के भक्त मचान का ही आशीर्वाद लेते हैं.

धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में कुंभ के दौरान देश और दुनिया के सैकड़ों संतों का जमावड़ा लगाता है. सभी के भक्त भी उनसे आशीर्वाद लेने और उनका प्रवचन सुनने कुंभ में खास तौर पर आते हैं. लेकिन कुंभ मेला क्षेत्र में एक ऐसे संत का शिविर मौजूद है जो सालों भर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना रहता है. ये शिविर 17 साल पहले तैयार हुआ लेकिन आज तक हटा नहीं.

प्रयागराज में देवराहा बाबा का शिविर (Video Credit : ETV Bharat)

गंगा के किनारे 50 फीट की ऊंचाई पर मचान है, जहां 11 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है. ये कोई साधारण अखंड ज्योति नहीं, बल्कि श्रीराम नाम की अखंड ज्योति है जो पिछले 11 साल से मचान पर जल रही है. गंगा में बाढ़ आए या फिर तूफान, इस ज्योति की लौ कम नहीं हुई. शास्त्री ब्रिज से ये ज्योति साफ दिखाई देती है.

बता दें कि, अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए ये ज्योति आज से 11 वर्ष पहले जलाई गई थी. ऐसे में यह स्थान इसलिए भी खास हो जाता है, क्योंकि यहां देवरहा बाबा बैठकर साधना करते थे और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते थे. यहीं से उन्होंने राम मंदिर आंदोलन का समर्थन किया था.

महंत रामदास महाराज ने बताया, ये अखंड ज्योति पिछले 11 वर्षो से जल रही है. इसकी लौ कभी कम नहीं होने दी जाती. बाढ़ के दिनों में जब पानी बहुत ऊपर तक आ जाता है, तब भी ज्योति में घी डालने के लिए लोग नाव से आते हैं. जिससे बराबर ज्योति प्रज्ज्वलित होती रहे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, देवरहा बाबा के आशीर्वाद से आज तक कभी भी अखंड दिव्य ज्योति बुझी नहीं है. मचान एक लिप्टस के पेड़ पर बनाया गया है, जो करीब 50 फीट लंबा है. बगल से ही उतनी ही लंबी लोहे की सीढ़ी लगाई है, जिससे ऊपर जाकर घी डाल सके.

उसी स्थान पर करीब 40 फिट ऊंची दूसरी मचान है, जो घास-फूस से बनाई गई है. उसमें देवरहा बाबा की मूर्ति स्थापित है. 'परिसर और मचान पर देवरहा बाबा रहते थे, जिनके आशीर्वाद के लिए लाखों लोग पहुंचते थे. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी सहित देश की अन्य महान विभूतियां देवरहा बाबा से आशीर्वाद के लिए आती थीं. वह कभी भी मंच से नीचे नहीं उतरते थे, बल्कि आशीर्वाद और प्रसाद मंच के ऊपर से ही देते थे.

बता दें कि, इन दिनों महाकुंभ मेला में संगम लोवर मार्ग पर देवरहा बाबा मंच का शिविर लगा हुआ है. ये शिविर गर्मी, बारिश और ठंड में भी संगम की रेती पर लगा रहता है. माघ मेले में बड़ी संख्या में कल्पवासी यहां कल्पवास करने के लिए आते हैं. इसके साथ ही बाबा के अनुयायी भी उनका आशीर्वाद लेने सालों भर आते रहते हैं.

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