नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा फेज वन पुलिस ने एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचने के नाम पर विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस सभी आरोपियों का इतिहास पता कर रही है. गिरोह का सरगना चंदर शेख अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. सरगना की तलाश में पुलिस की एक टीम गठित कर दी गई है. आरोपी अमेरिका, कनाडा और इंग्लैड सहित अन्य देशों के नागरिकों को कॉल करके 100 डॉलर में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचते थे. कॉल सेंटर बिना लाइसेंस के चल रहा था.
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचने के नाम पर आरोपी अमेरिका और कनाडा के नागरिकों से कर रहे थे ठगी
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गुरुवार रात को मुखबिर से सूचना मिली कि सेक्टर दो में विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाला कॉल सेंटर संचालित हो रहा है. पुलिस ने मुखबिर द्वारा बताए गए ठिकाने पर छापा मारा और वहां काम कर रहे 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे विदेशी नागरिकों से एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचने के नाम पर 100 डॉलर लेते थे और एक साल तक सेवा देने का दावा करते थे. इसके बाद लिंक उनकी ईमेल पर भेजकर पैसे ठगते थे. जैसे ही पैसा आरोपियों को मिल जाता था, वह सेवा चंद दिन में ही रोक देते थे.
आरोपियों द्वारा बगैर किसी लाइसेंस के फर्जी रूप से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था. सेक्टर दो के सी ब्लॉक में संचालित कॉल सेंटर से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मणिपुर के प्रदीप कुमार प्रधान, कानपुर के अविरल गौतम, पंजाब के ऋषभ शुक्ला, बनारस के अली हसन, बहराइच के अनुराग तोमर, झारखंड के हरेंद्र चौधरी, दिल्ली के मोहम्मद राजू, हिमाचल प्रदेश के संदीप कुमार, कुशीनगर के दीपक शर्मा, देवरिया के सौरभ कुमार, पटना के साकेत और संगम विहार के शिवम के रूप में हुई है. इनके कब्जे से 14 डेस्कटॉप, इतने ही की-बोर्ड, माउस और सीपीयू, 14 हेडफोन, एक वाईफाई, एक राउटर और दो सर्वर समेत अन्य सामान बरामद किया गया है.
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पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी बीते एक साल से ठगी का कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे. आरोपी पैसा गिफ्ट कार्ड या बिट क्वाइन के जरिए लेते थे. यूनिक कोड के जरिए एक बार पैसा रीडिम होने पर ये कॉल को डिस्कनेट कर देते थे. इनके पास यूएसए नागरिकों का डाटा था. जिनको सर्वर के जरिए ये कॉल करते थे. इसके बाद उन्हीं की ई-मेल पर एक लिंक भेजा जाता था. इस लिंक को क्लिक करते ही प्रोसेसिंग फीस के रूप में विदेशी नागरिक पैसा जमा करते. जब वे साफ्टवेयर डाउनलोड करते तो वह फेक होता था. आरोपियों की कॉल डटेल और बैंक स्टेटमेंट चेक किए जा रहे है. इससे पहले भी नोएडा में यूएसए के नागरिकों के साथ ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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