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मासूम शक्ल, हौंसला बुलंद, भाई को मौत के मुंह से खींच लाई थी आराधना, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर हुई सम्मानित

दस साल की आराधना के जज्बे को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर किया गया सम्मानित, बाघ के मुंह से भाई को लाई थी बचाकर.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

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दस साल की आराधना को किया गया सम्मानित. (ETV Bharat)

देहरादून: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (11 अक्टूबर) के अवसर पर राजधानी देहरादून में भी उत्तराखंड सरकार की तरफ से कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में बहादुर बालिकाओं को सम्मानित किया गया. ऐसी ही एक बालिका के बारे में आज हम आपको बताते है, जो 10 साल की उम्र अपने सात साल के भाई को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई थी. 10 साल की आराधना ने न सिर्फ बाघ के मुंह से अपनी भाई जान बचाई थी, बल्कि बाघ को भागने पर भी मजबूर कर दिया था. आराधना को भी अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर सम्मानित किया गया है. इस दौरान ईटीवी भारत ने भी आराधना से बात की.

दस साल की आराधना में पहाड़ जैसा हौसला: मासूम सी दिखने के वाली दस साल की आराधना का हौसला और हिम्मत पहाड़ जैसा हैं. पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक की रहने वाली आराधना शायद ही वो घटना कभी भूल पाए, जब अपने भाई को बचाने के लिए वो बाघ से भिड़ गई थी. दरअसल, 25 सितंबर 2023 को खिर्सू ब्लॉक में आदमखोर बाघ का आतंक मचा हुआ था.

भाई को मौत के मुंह से खींचकर लाने वाली आराधना की कहानी. (ETV Bharat)

बाघ ने अचानक से भाई पर किया था हमला: आराधना ने बताया कि 25 सितंबर को वो अपने भाई के साथ घर के बाहर खेल रहे थी. आराधना की मां घर में खाना बना रही थी और पिता पड़ोस के घर में थे. तभी अचानक से घर के बाहर खेल रहे भाई और बहन पर बाघ ने झपटामार दिया. गुलदार आराधना के सात साल के भाई को खींचते हुए जंगल की तरफ ले जाने लगा. ऐसी परिस्थितियों में जहां बड़े-बड़े भी डर जाते हैं, वहां पर दस साल की आराधना ने हिम्मत दिखाई और खूब जोर से चिल्लाकर अपने भाई की शर्ट का कॉलर पकड़ लिया.

बाघ के आगे नहीं हारी हिम्मत: आराधना ने बताया कि एक तरफ जहां बाघ उसके भाई को खींच रहा था तो वहीं आराधना अपने सात साल के भाई को जकड़ के पकड़े हुए थी. आखिर में आराधना ने हौसला दिखाते हुए उस स्टूल को बाघ पर फेंक मारा, जिस पर वो अपने भाई के साथ बैठकर खेल रही थी. इतने में वहां और भी लोग आ गए, जिन्हें देखकर बाघ आराधना के भाई को छोड़कर भाग गया. इस तरह आराधना ने बाघ के मुंह से अपने भाई की जान बचाई.

मंत्री रेखा आर्य ने किया सम्मानित: इसी हिम्मत के लिए आज 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर देहरादून में आराधना को सम्मानित किया गया. हर किसी ने आराधना के जज्बे और हिम्मत को सलाम किया. खुद महिला कल्याण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने जब आराधना को देखा तो उस पर खूब प्यार लुटाया. मंच से महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने आराधना की खूब तारीफ की.

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देहरादून: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (11 अक्टूबर) के अवसर पर राजधानी देहरादून में भी उत्तराखंड सरकार की तरफ से कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में बहादुर बालिकाओं को सम्मानित किया गया. ऐसी ही एक बालिका के बारे में आज हम आपको बताते है, जो 10 साल की उम्र अपने सात साल के भाई को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई थी. 10 साल की आराधना ने न सिर्फ बाघ के मुंह से अपनी भाई जान बचाई थी, बल्कि बाघ को भागने पर भी मजबूर कर दिया था. आराधना को भी अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर सम्मानित किया गया है. इस दौरान ईटीवी भारत ने भी आराधना से बात की.

दस साल की आराधना में पहाड़ जैसा हौसला: मासूम सी दिखने के वाली दस साल की आराधना का हौसला और हिम्मत पहाड़ जैसा हैं. पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक की रहने वाली आराधना शायद ही वो घटना कभी भूल पाए, जब अपने भाई को बचाने के लिए वो बाघ से भिड़ गई थी. दरअसल, 25 सितंबर 2023 को खिर्सू ब्लॉक में आदमखोर बाघ का आतंक मचा हुआ था.

भाई को मौत के मुंह से खींचकर लाने वाली आराधना की कहानी. (ETV Bharat)

बाघ ने अचानक से भाई पर किया था हमला: आराधना ने बताया कि 25 सितंबर को वो अपने भाई के साथ घर के बाहर खेल रहे थी. आराधना की मां घर में खाना बना रही थी और पिता पड़ोस के घर में थे. तभी अचानक से घर के बाहर खेल रहे भाई और बहन पर बाघ ने झपटामार दिया. गुलदार आराधना के सात साल के भाई को खींचते हुए जंगल की तरफ ले जाने लगा. ऐसी परिस्थितियों में जहां बड़े-बड़े भी डर जाते हैं, वहां पर दस साल की आराधना ने हिम्मत दिखाई और खूब जोर से चिल्लाकर अपने भाई की शर्ट का कॉलर पकड़ लिया.

बाघ के आगे नहीं हारी हिम्मत: आराधना ने बताया कि एक तरफ जहां बाघ उसके भाई को खींच रहा था तो वहीं आराधना अपने सात साल के भाई को जकड़ के पकड़े हुए थी. आखिर में आराधना ने हौसला दिखाते हुए उस स्टूल को बाघ पर फेंक मारा, जिस पर वो अपने भाई के साथ बैठकर खेल रही थी. इतने में वहां और भी लोग आ गए, जिन्हें देखकर बाघ आराधना के भाई को छोड़कर भाग गया. इस तरह आराधना ने बाघ के मुंह से अपने भाई की जान बचाई.

मंत्री रेखा आर्य ने किया सम्मानित: इसी हिम्मत के लिए आज 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर देहरादून में आराधना को सम्मानित किया गया. हर किसी ने आराधना के जज्बे और हिम्मत को सलाम किया. खुद महिला कल्याण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने जब आराधना को देखा तो उस पर खूब प्यार लुटाया. मंच से महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने आराधना की खूब तारीफ की.

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Last Updated : 2 hours ago
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