बिलासपुर: तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला घुमारवीं हिमाचल प्रदेश की पहली स्पेस लैब का उद्घाटन किया. घुमारवीं में बनी यह प्रदेश की पहली स्पेस लैब है. इस स्पेस लैब से विद्यार्थी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के प्रोजेक्ट्स का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे. यूपी मॉडल को स्टडी कर जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों की वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है. स्पेस लैब से छात्रों को अंतरिक्ष से जुड़ी तकनीक, विज्ञान और मनोवैज्ञानिक अध्ययन करने का मौका मिलेगा.
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने बताया कहा बड़ी खुशी की बात है कि हिमाचल प्रदेश की पहली स्पेस लैब घुमारवीं में खोली गई है. इस लैब में आधुनिक तकनीक को दर्शाने का काम किया गया है. जिस ज्ञान को बच्चे किताबों में पढ़ते हैं. उस ज्ञान को इस लैब के माध्यम से अब वह अपनी आंखों से देख सकते हैं. इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होगी. आने वाले समय में अन्य स्कूल के बच्चे भी इस लैब का फायदा उठा सकेंगे.
उन्होंने बताया कि सरकार पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई में इंक्यूबेशन सेंटर खोलने पर भी विचार कर रही है. घुमारवीं में स्थापित स्पेस लैब के निर्माण के लिए प्रशासन ने पहले उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर की एक पंचायत के मॉडल को स्टडी किया था. इस लैब का लाभ स्थानीय स्कूल के छात्रों के साथ अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी मिलेगा. लैब में विद्यार्थी सैटेलाइट लॉन्चर प्रणाली के साथ-साथ ड्रोन बनेंगे और इसरो के अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की जानकारी भी प्राप्त होगी.
इस लैब पर लगभग 10 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. ग्रामीण बच्चों में साइंस तकनीक के प्रति रुचि बढ़ाने के मकसद से इस लैब को तैयार किया गया है. इस मौके पर शिक्षा उपनिदेशक जोगिंदर राव, स्थानीय विद्यालय प्रधानाचार्य अश्वनी शर्मा, पार्षद कपिल समेत कई लोग मौजूद रहे.
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