प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में मचे सियासी भूचाल के बीच शुक्रवार को प्रयागराज में भाजपा काशी प्रान्त की बैठक हुई. इस बैठक में काशी प्रान्त के 16 जिलों के पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए और अपने सुझाव दिए. इस बैठक में लोकसभा सीटों के पदाधिकारी भी शामिल हुए और हार के कारणों पर चर्चा की. बैठक की अध्यक्षता करने वाले काशी प्रान्त के अध्यक्ष दिलीप सिंह ने उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर जीतने का दावा किया है. इस बैठक में सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी शामिल होना था. लेकिन, ऐन मौके पर उनके आने का कार्यक्रम निरस्त हो गया. इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि आखिर संगठन को सरकार से ऊपर बताने वाले डिप्टी सीएमबैठक में शामिल होने नहीं क्यों नहीं आए.
काशी प्रान्त की इस बैठक में मौजूद पार्टी पदाधिकारी और नेताओं ने कार्यकर्ताओं को देवतुल्य बताया है. बैठक के जरिये यह संदेश देने की कोशिश की गयी है, कि पार्टी कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान दिया जाना ही पहली प्राथमिकता है. कार्यकर्ताओं को यह भी बताया गया, कि अधिकारी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कानून के मुताबिक ही काम कर रहे हैं. अधिकारी सूबे में कानून का राज स्थापित करने में लगे हुए हैं. सरकार से और बेहतर समन्वय कर नौकरशाही को कार्यकर्ताओं की सलाह सुनने को भी कहा जाएगा.
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उपचुनाव को लेकर हुई चर्चा, सभी सीटों पर जीतने का दावा: काशी प्रांत की इस बैठक में फूलपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी चर्चा की गई. इस बैठक में यह संकल्प भी लिया गया, कि मजबूत रणनीति और कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर पार्टी यूपी में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनावों में जीत हासिल कर विपक्ष को जवाब दिया जाएगा. काशी प्रांत की यह बैठक फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्दावा इलाके में आयोजित हुई. प्रयागराज की फूलपुर विधान सभा सीट के साथ ही मिर्जापुर जिले की मझवा सीट पर भी उपचुनाव होना है. बैठक की अध्यक्षता कर रहे काशी प्रांत के अध्यक्ष दिलीप पटेल ने यह भी दावा किया, कि उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर पार्टी को जीत मिलेगी.
डिप्टी सीएम की बैठक में शामिल न होने पर हुई चर्चा: फूलपुर विधानसभा क्षेत्र में सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था. लेकिन, शुक्रवार कल कार्यक्रम शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम की तरफ से संदेश आ गया, कि अपरिहार्य कारणों से उनका आना निरस्त हो गया है. जिसके बाद डिप्टी सीएम के न आने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं होने लगी हैं. लोगों का कहना है, कि एक तरफ डिप्टी सीएम ने जहां कहा था, कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. लेकिन, संगठन की बैठक में ही उनके न आने पर तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं.