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डिपुओं में मनपसंद दालें खरीदने का ऑप्शन खत्म, अब बाजार से सस्ते रेट में मिलेगी ये 3 किस्म की दालें

हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में मिलने वाली पसंद की दालों का ऑप्शन खत्म हो गया है. अब उपभोक्ताओं को 3 किस्म की ही दालें मिलेंगी.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

3 TYPES OF PULSES IN HIMACHAL DEPOT
डिपुओं में मिलेगी 3 किस्म की दाल (File Photo)

शिमला: हिमाचल के डिपुओं में लाखों परिवार अब अपनी पसंद की दालें नहीं खरीद सकेंगे. प्रदेश सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों के जरिए से दी जाने वाली च्वाइस की तीन दालें देने के ऑप्शन को खत्म कर दिया है. त्योहारी सीजन से पहले डिपुओं में उपभोक्ताओं को पसंद से तीन दालें खरीदने का विकल्प मौजूद था, जिसे अब इस महीने से खत्म कर दिया गया है. डिपुओं में अब उपभोक्ताओं को एक किलो दाल चना, एक किलो मलका और एक किलो उड़द की दाल बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध होगी. बाजार में इन दिनों सब्जियों और दालों की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसे में उपभोक्ताओं के पास सस्ती दालें खरीदने के लिए केवल एकमात्र उचित मूल्य की दुकानें ही विकल्प बची हैं. जिससे डिपुओं में कोई भी उपभोक्ता दालों के कोटे को नहीं छोड़ रहा है.

पहले मिलती थी दो किलो चना दाल

हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से मिलने वाली दाल की किस्म में नवंबर 2023 में बदलाव किया गया था. बाजार में मूंग की कीमत बढ़ने से उचित मूल्यों की दुकानों में उपभोक्ताओं को मूंग दाल की जगह दो किलो चना दाल देने का फैसला लिया गया था. ऐसे में पिछले करीब एक साल से 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को डिपुओं में दो किलो दाल चना दी जा रही थी. वहीं, उपभोक्ताओं के पास मलका और उड़द में से अपनी पसंद की दाल खरीदने का ऑप्शन उपलब्ध था. जिसे अब खत्म किया गया है. बता दें कि नवंबर 2023 से पहले उपभोक्ताओं को डिपुओं में मूंग की एक किलो दाल दी जाती थी, लेकिन आसमान छूती कीमत को देखते हुए सरकार ने मूंग की जगह एक किलो अतिरिक्त दाल चना देने का फैसला लिया था.

विदेशी दालों के फ्लेवर्स

हिमाचल में रसोई घर में विदेशी दालों का स्वाद चखने से लोगों को नए और अनोखे फ्लेवर्स का अनुभव हो रहा है. प्रदेश में उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत दिलाने और बाजार की कीमतों में स्थिरता बनी रहे, इसके लिए डिपुओं में दी जाने वाली दाल मलका और उड़द को विदेशों से आयात किया गया है. प्रदेश भर में 5200 से अधिक उचित मूल्यों की दुकानें है. जिसमें लाखों उपभोक्ताओं को म्यांमार, मोजांबिक और तंजानिया की उड़द और कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से आयात की गई दाल मलका उपलब्ध कराई जा रही है. विदेशों से आयात की गई दालें उपभोक्ताओं को इसी साल अगस्त महीने से सस्ते रेट पर मिल रही हैं. विदेशों से दालें आयात करने के बाद सरकार ने अगस्त महीने डिपुओं में उड़द 5 रुपये और मलका की दाल की कीमत 1 रुपये प्रति किलो घटा दी थी.

हर महीने 5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम से बाजार से सस्ते रेट पर दालें उपलब्ध करा रही है. जिस कारण उचित मूल्यों की दुकानों में लगातार दालों की मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से दाल का कोटा उठा रहे हैं. इस तरह से उचित मूल्य की दुकानों के दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी है. प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख से ज्यादा है. ऐसे में हर महीने डिपुओं में दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है.

डिपुओं में ये हैं दालों का भाव

हिमाचल में उचित मूल्य की दुकानों में दुकानों में बीपीएल परिवारों को उड़द की दाल 58 रुपए किलो के हिसाब से दी जा रही है. इसी तरह से एपीएल परिवारों को उड़द की दाल के 68 रुपये किलो में उपलब्ध हो रही है. इसके अलावा टैक्स पेयर को डिपुओं में 93 रुपए किलो उड़द की दाल मिल रही है. डिपुओं में मिलने वाली मलका की दाल भी अगस्त महीने से एक रुपए प्रति किलो सस्ती मिल रही है. बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो मिल रही है. इसी तरह से एपीएल परिवारों मलका दाल 66 रुपए किलो दी जा रही है. वहीं, टैक्स पेयर मलका की दाल के प्रति किलो 91 रुपए किलो खरीद रहे हैं. डिपुओं में एपीएल परिवारों को 48 रुपए किलो दाल चना उपलब्ध कराई जा रही है.

हिमाचल में 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक

हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 19,65,589 राशन कार्ड धारक हैं. जो उचित मूल्य की दुकानों से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इन राशन कार्ड धारकों की कुल आबादी 73,20,338 है. इसमें नॉन एनएफएसए आबादी 43,27,171 हैं. वहीं, एनएफएसए के अंतर्गत 29,93,167 आबादी कवर होती है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के राशन कार्ड धारकों के लिए खुशखबरी, जितना मर्जी डिपो से ले जाओ सस्ता सरसों तेल

ये भी पढ़ें: महंगा हुआ डिपुओं में राशन, तेल के बाद अब आटा-चावल के भी बढ़े दाम

ये भी पढ़ें: मंहगाई ने निकाले आंसू: टमाटर इस साल भी 100 पार, सेब से भी महंगी हुई फूलगोभी और मटर

शिमला: हिमाचल के डिपुओं में लाखों परिवार अब अपनी पसंद की दालें नहीं खरीद सकेंगे. प्रदेश सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों के जरिए से दी जाने वाली च्वाइस की तीन दालें देने के ऑप्शन को खत्म कर दिया है. त्योहारी सीजन से पहले डिपुओं में उपभोक्ताओं को पसंद से तीन दालें खरीदने का विकल्प मौजूद था, जिसे अब इस महीने से खत्म कर दिया गया है. डिपुओं में अब उपभोक्ताओं को एक किलो दाल चना, एक किलो मलका और एक किलो उड़द की दाल बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध होगी. बाजार में इन दिनों सब्जियों और दालों की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसे में उपभोक्ताओं के पास सस्ती दालें खरीदने के लिए केवल एकमात्र उचित मूल्य की दुकानें ही विकल्प बची हैं. जिससे डिपुओं में कोई भी उपभोक्ता दालों के कोटे को नहीं छोड़ रहा है.

पहले मिलती थी दो किलो चना दाल

हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से मिलने वाली दाल की किस्म में नवंबर 2023 में बदलाव किया गया था. बाजार में मूंग की कीमत बढ़ने से उचित मूल्यों की दुकानों में उपभोक्ताओं को मूंग दाल की जगह दो किलो चना दाल देने का फैसला लिया गया था. ऐसे में पिछले करीब एक साल से 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को डिपुओं में दो किलो दाल चना दी जा रही थी. वहीं, उपभोक्ताओं के पास मलका और उड़द में से अपनी पसंद की दाल खरीदने का ऑप्शन उपलब्ध था. जिसे अब खत्म किया गया है. बता दें कि नवंबर 2023 से पहले उपभोक्ताओं को डिपुओं में मूंग की एक किलो दाल दी जाती थी, लेकिन आसमान छूती कीमत को देखते हुए सरकार ने मूंग की जगह एक किलो अतिरिक्त दाल चना देने का फैसला लिया था.

विदेशी दालों के फ्लेवर्स

हिमाचल में रसोई घर में विदेशी दालों का स्वाद चखने से लोगों को नए और अनोखे फ्लेवर्स का अनुभव हो रहा है. प्रदेश में उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत दिलाने और बाजार की कीमतों में स्थिरता बनी रहे, इसके लिए डिपुओं में दी जाने वाली दाल मलका और उड़द को विदेशों से आयात किया गया है. प्रदेश भर में 5200 से अधिक उचित मूल्यों की दुकानें है. जिसमें लाखों उपभोक्ताओं को म्यांमार, मोजांबिक और तंजानिया की उड़द और कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से आयात की गई दाल मलका उपलब्ध कराई जा रही है. विदेशों से आयात की गई दालें उपभोक्ताओं को इसी साल अगस्त महीने से सस्ते रेट पर मिल रही हैं. विदेशों से दालें आयात करने के बाद सरकार ने अगस्त महीने डिपुओं में उड़द 5 रुपये और मलका की दाल की कीमत 1 रुपये प्रति किलो घटा दी थी.

हर महीने 5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम से बाजार से सस्ते रेट पर दालें उपलब्ध करा रही है. जिस कारण उचित मूल्यों की दुकानों में लगातार दालों की मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से दाल का कोटा उठा रहे हैं. इस तरह से उचित मूल्य की दुकानों के दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी है. प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख से ज्यादा है. ऐसे में हर महीने डिपुओं में दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है.

डिपुओं में ये हैं दालों का भाव

हिमाचल में उचित मूल्य की दुकानों में दुकानों में बीपीएल परिवारों को उड़द की दाल 58 रुपए किलो के हिसाब से दी जा रही है. इसी तरह से एपीएल परिवारों को उड़द की दाल के 68 रुपये किलो में उपलब्ध हो रही है. इसके अलावा टैक्स पेयर को डिपुओं में 93 रुपए किलो उड़द की दाल मिल रही है. डिपुओं में मिलने वाली मलका की दाल भी अगस्त महीने से एक रुपए प्रति किलो सस्ती मिल रही है. बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो मिल रही है. इसी तरह से एपीएल परिवारों मलका दाल 66 रुपए किलो दी जा रही है. वहीं, टैक्स पेयर मलका की दाल के प्रति किलो 91 रुपए किलो खरीद रहे हैं. डिपुओं में एपीएल परिवारों को 48 रुपए किलो दाल चना उपलब्ध कराई जा रही है.

हिमाचल में 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक

हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 19,65,589 राशन कार्ड धारक हैं. जो उचित मूल्य की दुकानों से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इन राशन कार्ड धारकों की कुल आबादी 73,20,338 है. इसमें नॉन एनएफएसए आबादी 43,27,171 हैं. वहीं, एनएफएसए के अंतर्गत 29,93,167 आबादी कवर होती है.

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