लखनऊ: राजधानी के चिनहट थाने के लॉकअप में व्यापारी मोहित पांडेय की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्ष लगातार इस प्रकरण पर हमलावर है. डैमेज कंट्रोल के तहत सोमवार को सीएम योगी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंच चुके हैं. इस बीच मोहित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके सिर, हाथ, कमर और पीठ पर चोट के निशान दर्शाए गए हैं. जिस पर डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह का कहना है कि ये निशान थाने आने से पहले हुई मारपीट के हैं. इसी मारपीट की सूचना पर पुलिस पहुंची थी.
काश जान लेनेवाले मुआवज़े में जीवन भी दे सकते।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 28, 2024
दीवाली पर जिन्होंने किसी के घर का चिराग़ बुझाया है, उम्मीद है वो झूठ के दीये नहीं जलाएंगे, झूठी रोशनी से अपने शासनकाल का घोर काला अंधकार मिटाने की कोशिश नहीं करेंगे। जनता पूछ रही है, जिसकी हिरासत में मौत हुई है उस पर बुलडोज़र चलेगा?…
घटना पर विपक्ष हमलावर : इस घटना को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया है-'काश, जान लेनेवाले मुआवजे में जीवन भी दे सकते. दीवाली पर जिन्होंने किसी के घर का चिराग बुझाया है, उम्मीद है वो झूठ के दीये नहीं जलाएंगे, झूठी रोशनी से अपने शासनकाल का घोर काला अंधकार मिटाने की कोशिश नहीं करेंगे. जनता पूछ रही है, जिसकी हिरासत में मौत हुई है उस पर बुलडोज़र चलेगा निंदनीय!'. वहीं आप नेता संजय सिंह ने भी सरकार पर सवाल उठाए हैं. कहा है-'उत्तर प्रदेश में ऐसी एक घटना नहीं हुई है. अगर लोगों में कानून व्यवस्था का डर नहीं होगा तो कोई भी ऐसी घटना को रोक नहीं पाएगा.' इससे पहले भी एक दलित युवक को पीट-पीटकर मार दिया गया था. इसलिए सरकार को ऐसा संदेश ज़रूर देना चाहिए कि ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एक विधायक की कॉल ने मोहित को पहुंचाया लॉकअप: इस मामले एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिस झगड़े को लेकर पुलिस मृतक मोहित पांडेय को लेकर लॉकअप में बंद रखा था, वह झगड़ा पुलिस चौकी में ही सुलझ गया था, लेकिन गोंडा से एक विधायक की कॉल ने मोहित को लॉकअप पहुंचा दिया, जहां उसकी मौत हो गई. मृतक मोहित पांडेय के दोस्त राहुल सिंह का कहना है कि, 25 अक्टूबर को मोहित की आदेश सिंह से 600 रुपए को लेकर झगड़ा हुआ था. मामला पुलिस चौकी पहुंचा, जहां मामला पुलिस की मौजूदगी में सुलझ गया था, लेकिन तभी आदेश का चाचा वहां आ गया और उसने पुलिस कर्मी की गोंडा में विधायक की बात करवाई. जिसके बाद पुलिसकर्मी मोहित को थाने ले गए और वहां पिटाई करने के बाद लॉकअप में बंद कर दिया. दावा है कि, आदेश और उसका चाचा गोंडा के सत्ताधारी पार्टी से विधायक के लिए ठेकेदारी करते हैं.
मानवाधिकार आयोग पहुंचा: वहीं मोहित की लॉकअप में मौत का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा है. अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने इस मामले में मानवाधिकार आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज की थी. लखनऊ पुलिस ने इस केस से जुड़ी एक रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भेजी है.
सुरक्षित रखा गया है विसरा : डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह के मुताबिक, मृतक का रविवार को डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया था, जिसकी वीडियोग्राफी भी हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, वहीं हृदय व विसरा सुरक्षित रखा है. मोहित पांडेय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मोहित के सिर, हाथ, कमर और पीठ पर चोट के निशान दर्शाए गए हैं. जिसे लेकर सवाल पर डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह का कहना है कि ये निशान थाने आने से पहले हुई मारपीट के हैं। जिसकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी.
इंस्पेक्टर ने शुरू की विवेचना : चिनहट थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है. वहीं इस पूरे मामले की विवेचना गोमती नगर विस्तार थाना प्रभारी के द्वारा कराई जा रही है. रविवार को गोमतीनगर विस्तार के इंस्पेक्टर सुधीर अवस्थी चिनहट थाने पहुंचे और जांच शुरू की.