लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चालकों परिचालकों की मेहनत की बदौलत ही बड़े अफसरों को हर माह लाखों रुपये वेतन मिलता है. ड्राइवर कंडक्टर काम न करें, तो अफसरों को सैलरी के भी लाले पड़ जाए. बावजूद इसके प्रचंड गर्मी में काम करने वाले चालकों परिचालकों की मूलभूत सुविधाओं का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. ईटीवी भारत ने लखनऊ कैसरबाग के वातानुकूलित बस स्टेशन के चालकों परिचालकों के रेस्ट रूम जायजा लिया, तो ये समस्याएं सामने आईं.
एसी रूम से बाहर नहीं निकल रहे अफसर : लखनऊ का कैसरबाग बस स्टेशन वातानुकूलित है. अधिकारियों के सभी कमरों में एसी लगे हुए हैं और अफसर एसी रूम से बाहर नहीं निकलते. वहीं दिनभर सफर में रहने वाले चालकों परिचालकों के लिए बने रेस्ट रूम में एसी नहीं है. रेस्ट रूम में केवल दो कूलर हैं जिनमें एक काम नहीं करता. छत वाले पंखे आग उगल रहे हैं. कई पंखे भी खराब मिले.
अफसरों के लिए हम लोग "सड़कछाप" : परिचालक वीरेंद्र मिश्रा का कहना है कि यहां पहले छोटे दो ऐसी लगे थे. उन्हें निकाल कर कहीं और लगा दिया गया है. एकमात्र कूलर काम कर रहा है. वेंटिलेशन न होने से यह भी आग उगलता है. ड्राइवर कंडक्टर को यहां आराम करने के लिए कोई सहूलियत नहीं है. अधिकारियों के कमरे में फर्स्ट क्लास एसी लगे हुए हैं. अफसर हम लोगों को सड़कछाप आदमी समझते हैं.
गर्मी की वजह से नींद आती नहीं : रोडवेज के परिचालक प्रशांत का कहना है कि इस रेस्ट रूम हर रोज कम से कम 150 चालक परिचालक रुकते हैं. इतनी गर्मी में यहां सोना या आराम करना नामुमकिन हो जाता है. रेस्ट रूम में ज्यादा लोगों को होने पर सभी की हालात खराब हो जाती है. प्रशांत का कहना है कि साढ़े तीन बजे रात में चलकर यहां पहुंचे हैं. कुछ ही देर लेट पाए फिर ड्यूटी पर जाना है. गर्मी की वजह से नींद भी पूरी नहीं हुई, सिर्फ एक घंटे सो सके हैं.
रेस्ट रूम में जिंदगी नरक जैसी : ड्राइवर अनुराग सिंह का कहना है कि रेस्ट रूम में जटिल समस्या है. कई बार अधिकारियों से मांग की जा चुकी है कि चालकों परिचालकों का भी ख्याल किया जाए. उन्हें भी चैन की नींद आए. इसके लिए एसी की व्यवस्था कराई जाए, लेकिन अधिकारियों को इससे कोई मतलब नहीं. उनका मतलब सिर्फ इनकम लाओ. कैसे ला रहे हो, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं. टॉयलेट की भी स्थिति यहां बहुत खराब है. दरवाजे टूटे पड़े हैं. साफ सफाई कराई ही नहीं जाती है. रेस्ट रूम में ड्राइवर कंडक्टर की जिंदगी नरक जैसी गुजरती है.
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