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Delhi: दिवाली से पहले बर्न वार्ड तैयार, अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टी रद्द

दीपावली पर एमएमजी अस्पताल में बर्न वार्ड को सक्रिय करने के साथ ही बेड आरक्षित करा दिए गए हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 30, 2024, 6:36 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर साल की तरह, इस वर्ष भी दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारी है. लेकिन इस पर्व के साथ ही स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ जाते हैं, विशेषकर पटाखों की चिंगारी और आग से होने वाली दुर्घटनाओं के कारण. इन घटनाओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खास इंतजाम किए हैं, जिनका मुख्य केंद्र है एमएमजी अस्पताल, जहां एक पूरी तरह से विकसित बर्न वार्ड तैयार किया गया है.

बर्न वार्ड की विशेष व्यवस्था: एमएमजी अस्पताल में बर्न वार्ड में आठ बेड उपलब्ध हैं और इसके अतिरिक्त, आईसीयू में भी आठ बेड रिजर्व किए गए हैं, जिसमें 6 वेंटिलेटर की सुविधा है. अस्पताल का स्टाफ 24 घंटे अलर्ट मोड में काम कर रहा है और डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. यह सब इस त्यौहार के दौरान आग से जलने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

दिवाली से पहले बर्न वार्ड तैयार (ETV Bharat)

चिकित्सीय सलाह और सुविधा: जिला एमजी अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट डॉ. चरण सिंह ने बताया है कि दिवाली के अवसर पर लोग अक्सर पटाखों का उपयोग करते हैं, जिससे जलने या झुलसने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. वे खासकर आंख से जलने पर घरेलू उपचार पर निर्भर हो जाते हैं, जो स्थिति को और बिगाड़ सकता है. डॉ. सिंह ने सलाह दी है कि जलने की स्थिति में मरीज को तुरंत अस्पताल लाना चाहिए और किसी भी प्रकार का घरेलू उपचार करने से बचना चाहिए.

यह भी पढ़ें- आज से दिल्ली से चलेंगी 'फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें', देखें सूची; डीआरएम ने दी ये सलाह

108 नंबर की एंबुलेंस सेवा को भी अलर्ट कर दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचा सकें. पिछले वर्ष, गाजियाबाद में दिवाली पर 23 आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं, जिसमें से कई मामलों को अग्निशमन विभाग की सूझबूझ से समय पर काबू पाया गया था.

आग से झुलसने पर क्या करें

  • यदि जलने वाले क्षेत्र पर कपड़े चिपके हुए हैं, तो उन्हें हटाने का प्रयास न करें.
  • जले हुए स्थान पर बर्फ का प्रयोग बिल्कुल भी न करें.
  • सूती कपड़े पहनें और सिंथेटिक कपड़ों से बचें.
  • गंभीरता से जलने पर तुरंत एंबुलेंस को कॉल करें और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराएं.

यह भी पढ़ें- ट्रेन में सीट नहीं तो बस की तरफ रुख कर रहे यात्री, UPSRTC चला रही ढाई सौ अतिरिक्त बसें

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर साल की तरह, इस वर्ष भी दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारी है. लेकिन इस पर्व के साथ ही स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ जाते हैं, विशेषकर पटाखों की चिंगारी और आग से होने वाली दुर्घटनाओं के कारण. इन घटनाओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खास इंतजाम किए हैं, जिनका मुख्य केंद्र है एमएमजी अस्पताल, जहां एक पूरी तरह से विकसित बर्न वार्ड तैयार किया गया है.

बर्न वार्ड की विशेष व्यवस्था: एमएमजी अस्पताल में बर्न वार्ड में आठ बेड उपलब्ध हैं और इसके अतिरिक्त, आईसीयू में भी आठ बेड रिजर्व किए गए हैं, जिसमें 6 वेंटिलेटर की सुविधा है. अस्पताल का स्टाफ 24 घंटे अलर्ट मोड में काम कर रहा है और डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. यह सब इस त्यौहार के दौरान आग से जलने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

दिवाली से पहले बर्न वार्ड तैयार (ETV Bharat)

चिकित्सीय सलाह और सुविधा: जिला एमजी अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट डॉ. चरण सिंह ने बताया है कि दिवाली के अवसर पर लोग अक्सर पटाखों का उपयोग करते हैं, जिससे जलने या झुलसने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. वे खासकर आंख से जलने पर घरेलू उपचार पर निर्भर हो जाते हैं, जो स्थिति को और बिगाड़ सकता है. डॉ. सिंह ने सलाह दी है कि जलने की स्थिति में मरीज को तुरंत अस्पताल लाना चाहिए और किसी भी प्रकार का घरेलू उपचार करने से बचना चाहिए.

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108 नंबर की एंबुलेंस सेवा को भी अलर्ट कर दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचा सकें. पिछले वर्ष, गाजियाबाद में दिवाली पर 23 आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं, जिसमें से कई मामलों को अग्निशमन विभाग की सूझबूझ से समय पर काबू पाया गया था.

आग से झुलसने पर क्या करें

  • यदि जलने वाले क्षेत्र पर कपड़े चिपके हुए हैं, तो उन्हें हटाने का प्रयास न करें.
  • जले हुए स्थान पर बर्फ का प्रयोग बिल्कुल भी न करें.
  • सूती कपड़े पहनें और सिंथेटिक कपड़ों से बचें.
  • गंभीरता से जलने पर तुरंत एंबुलेंस को कॉल करें और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराएं.

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