बुरहानपुर: हरीरपुरा उर्दू स्कूल में उर्दू भाषी शिक्षकों की मांग की जा रही है. छात्राओं का कहना है कि "उर्दू स्कूलों में गैर उर्दू भाषी शिक्षकों की नियुक्ति से हमारी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. वे उर्दू भाषा के पाठ्यक्रम सही से नहीं पढ़ा पाते हैं. इससे हमारा कोर्स अधूरा है और ऐसे में बोर्ड परीक्षा में परिणाम बिगड़ सकते हैं. बच्चों ने मांग पूरी नहीं होने पर स्कूल में तालाबंदी आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
छात्राओं ने दिया 3 दिन का अल्टीमेटम
मंगलवार को बड़ी संख्या में उर्दू स्कूल की छात्राएं जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी से मिलकर अपनी मांग रखी. छात्राओं का आरोप है कि उनके स्कूल में गैर उर्दू भाषी शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. जिससे उनकी पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है और बच्चों को परेशान होना पड़ रहा है. इसकी शिकायत प्राचार्य से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद वे अपनी मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे हैं.
छात्राओं ने बताया कि उर्दू स्कूलों में उर्दू विषय की पुस्तकों का वितरण नहीं किया गया है और न ही नोट्स दिए गए हैं. इससे उनका कोर्स अधूरा पड़ा है. इसलिए छात्राओं ने शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द पुस्तकों की भी मांग की. वहीं, बच्चों ने शिक्षा विभाग को अल्टीमेटम दिया है कि यदि 3 दिन के भीतर उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तो वे स्कूल में तालाबंदी आंदोलन करेंगे.
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समस्या निराकरण का मिला आश्वासन
इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्षद इस्माइल अंसारी ने भी अपर कलेक्टर वीर सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा है. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सोलंकी ने छात्राओं की समस्या का जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि " प्राचार्य को पुस्तक छपवाने सहित फोटो कॉपी की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. जल्द ही नोट्स प्रिंट करवाकर छात्राओं को वितरित किए जाएंगे."