बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से महज 8 किमी दूर बहादरपुर गांव स्थित सहकारी सूत मिल के कर्मचारियों में हड़कंप है. सूत मिल चोरी होने से कर्मचारियों का अब भविष्य अधर में है. इस मामले को लेकर सूत मिल के सैकड़ों कर्मचारी तहसील कार्यालय पहुंचे. उन्होंने तहसीलदार रामलाल पगारे को पूरी घटना की जानकारी दी और ज्ञापन सौंपा. कर्मचारी आनंदा उमाले ने बताया मिल बंद होने के बाद सरकार ने ध्यान नहीं दिया. मिल की रखवाली के लिए दो माह तक चौकीदार रखे गए थे.
मशीनों से लेकर ईंट तक चोरी
कर्मचारियों का कहना है कि गार्ड को कुछ दिन बाद हटा दिया गया. इसके बाद यहां से मशीनों से लेकर ईंट तक चोरी हो गईं. मिल में केवल मुख्य द्वार के पिलर और शेष समतल भूमि बची है, जो अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. मिल कर्मचारी आनंदा उमाले ने बताते हैं कि हम पिछले 30 साल से हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिए जिला प्रशासन और विधायक से लेकर सांसद तक से गुहार लगाई, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो पा रही है. हमें पेंशन नहीं मिल रही है. इस कारण बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो रहा है.
कर्मचारी लगा रहे गुहार
इस सूत मिल में 1250 कर्मचारी काम करते थे. इसमें से 400 कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है. शेष बचे कर्मचारी अपने हक के लिए गुहार लगा रहे हैं. अब ग्रेच्युटी, पेंशन भी बंद हो चुकी है. लेकिन कोई निराकरण नहीं हो पाया. मोहन यादव सरकार से हमें उम्मीद है, ताकि परिवार के भरण पोषण और बच्चों की पढ़ाई ठीक तरह से कराई जा सके. कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि सूत मिल की जमीन पर ईंट भट्टा संचालकों ने कब्जा कर रखा है.
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तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा
सूत मिल के स्थान पर चोरी की वारदात लगातार होती रही लेकिन जिम्मेदारों ने कभी फिक्र नहीं की. सूत मिल की जमीन पर ईंट भट्टा संचालित किया जा रहा है, लेकिन इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है. इस मामले में तहसीलदार रामलाल पगारे ने बताया ग्राम पंचायत बहादरपुर की सहकारी सूत मिल को लेकर श्रमिक आए थे. उन्होंने बताया कि ग्रेच्युटी, पेंशन नहीं मिल रही है. इसकी जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.