गौरेला पेंड्रा मरवाही : कृषि प्रधान देश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सरकार इसके लिए समय समय पर बड़े बजट खर्च कर बांध, स्टापडैम आदि का निर्माण कराती है. जीपीएम जिले के मरवाही विकासखंड के सेमरदर्री गांव में भी 3 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से बीते साल बुंदेली टोला डायवर्सन बांध बनकर तैयार हुआ था. लेकिन साल भर बाद ही इसके मुख्य वेयर वाल में दरार आ गई है.
आईसीसी वेयर वाल में दरार पर उठे सवाल : आईसीसी वेयर वाल (Reinforced Cement Concrete) में दरार आना साधारण घटना नहीं है. क्योंकि इस वेयरवाल को तैयार करने में सीमेंट कंक्रीट के साथ स्टील का सरिया भी इस्तेमाल किया जाता है. इंजीनियर और एसडीओ की विशेष निगरानी में यह काम कराया जाता है. इस तरह के बांध का जीवनकाल साधारण परिस्थितियों में भी कम से कम 50 से 100 साल की होती हैं. लेकिन 1 साल के भीतर ही बांध के मेन वाल में दरार आने से पूरे सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं.
गांववालों को भ्रष्टाचार का अंदेशा : दूसरी ओर बुंदेली टोला डायवर्सन बांध का नहर बनने के बाद से गांव वालों को पानी नहीं मिला है. ग्रामीण अब सरकारी तंत्र के इस काम से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि डेम और नहर निर्माण कार्य के दौरान जवाबदार अधिकारी की मिली भगत से ही इस तरह गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किया गया है, जिसका नतीजा आज सामने है. 3 करोड़ 20 लाख रुपये के इस बांध और नहर की वर्तमान स्थिति को देखकर भ्रष्टाचार का अंदेशा लगाया जा रहा है.
नहर और पुल तो बना दिया गया, लेकिन इसमें क्रेक आ गया है. इसे बनाए 6 महीना ही हुआ है. यह जब बन रहा था तो अधिकारी आते, देखते और चले जाते थे. ठेकेदार ने जैसा बनाया, बन गया है. कुछ दिनों बाद पुल पर से आना जाना भी बंद हो जाएगा. इसमें भ्रष्टाचार तो हुआ है : दया राम, ग्रामीण
इस नहर को किसानों को लाभ दिलाने के लिए बनाया गया था, लेकिन आज किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है : मान सिंह, ग्रामीण
मरवाही एसडीओ की सफाई : इस मामले में संबंधित अधिकारी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इस बांध के निर्माण का ठेका अक्षय लाल अग्रवाल के पास था. जबकि इसमें एसडीओ के रूप में वे खुद काम देख रहे थे. जेएल एक्का कार्यपालन अभियंता के रूप में थे. नहर को बिना टेस्ट करवाए संबंधित ठेकेदार को फाइनल भुगतान कर दिया.
सेमरदर्री गांव में जो स्टापडैम बना है, उसका ठेका अक्षय लाल अग्रवाल को मिला था. जिसे 3 करोड़ 20 लाख की लागत से बनाया गया है. अभी इसे बने सालभर ही हुआ है. डेम सूखा हुआ था. डेम में पानी रहता तभी चेक किया जा सकता था. अब नहर और स्टाप डेम की सफाई कार्य कराएंगे. : जे एल एक्का. एसडीओ, जल संसाधन विभाग मरवाही
बांध के टूटने का मंडराया खतरा : बुंदेली टोला डायवर्सन बांध के मेन वॉल के पीछे लाखों गैलन पानी का दबाव है, जिसे यह बीयर वॉल झेल रही है. ऐसे में दरार यदि बढ़ा तो बांध के टूटने का खतरा मंडराने लगेगा. बाध टूटने से कई गांव जलमग्न हो जाएंगे.