अलवर: महाराष्ट्र के नासिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी के नाम से विख्यात अलवर की मंडी में प्याज की आवक शुरू हो गई है. वर्तमान में प्याज मंडी में करीब 15 हजार कट्टे रोजाना आ रहे हैं, हालांकि बीते समय में करीब 50 हजार प्याज के कट्टों की आवाज होती रही है.अलवर में प्याज की आवक शुरू होते ही विभिन्न राज्यों से व्यापारी भी अलवर प्याज मंडी पहुंचने लगे हैं. लाल प्याज के नाम से विश्व विख्यात अलवर का प्याज अपने तीखेपन के लिए जाना जाता है. इस बार अलवर में प्याज की बुवाई का लक्ष्य अधिक मिलने के चलते इस बार उत्पादन भी बंपर होने की उम्मीद है.
प्याज के आढ़ती पप्पू भाई प्रधान ने बताया कि इस सीजन में प्याज मंडी में 25 अक्टूबर से प्याज की आवक शुरू हो गई है. इस बार क्षेत्र में अधिक बुवाई लक्ष्य मिला था. इसके चलते बार 6 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की उम्मीद लगाई जा रही है, जबकि बीते वर्ष करीब 4 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था. उन्होंने बताया कि अभी शुरुआती समय ने मंडी में प्याज की 15 हजार कट्टों की आवक हो रही है. कारण है कि प्याज की फसल बारिश के चलते किसानों द्वारा लेट लगाई गई थी.
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तिजारा व खैरथल का रुख भी कर रहे किसान: किसान पप्पू भाई ने बताया कि जिले के किसान अलवर के अलावा खैरथल व तिजारा की मंडी में भी प्याज लेकर जा रहे हैं. इसको भी कम आवक का कारण माना जा रहा है. उन्होंने बताया कि 15 नवंबर से मंडी में प्याज के करीब 50 हजार कट्टों की आवक रोजाना होगी. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले इस वर्ष प्याज की किस्म बेहतर है, जिससे किसानों को शुरुआती समय में अच्छे दाम मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी प्याज का भाव 35 रुपए से लेकर 45 रुपए प्रति किलो तक मिल रहा है.आने वाले समय में किसानों को और भी अच्छे भाव मिलने की उम्मीद है.
देश के व्यापारी कर रहे अलवर का रुख: पप्पू भाई प्रधान ने बताया कि अलवर में प्याज मंडी की शुरुआत होते ही देश के व्यापारी भी अलवर का रुख करने लगे हैं. अलवर के लाल प्याज की डिमांड देश ही नहीं, विदेशों में भी है.इसके चलते व्यापारी भी अलवर पहुंचकर अपना स्टॉक के तैयारी करने लगे हैं.