लखनऊ : अकबरनगर और बटलर पैलेस कॉलोनी में लखनऊ विकास प्राधिकरण का बुलडोजर मंगलवार को गरजा है. अकबरनगर अवैध बस्ती में एक कमर्शियल निर्माण को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च तक की मोहलत दी थी. मोहलत समाप्त होने पर मंगलवार को यह निर्माण गिरा दिया गया. दूसरी ओर बटलर पैलेस कॉलोनी में भी झील विकास को लेकर यहां झुग्गी बस्ती को हटाया गया. यहां बसे लोगों का आरोप है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण को बिना पुनर्वास दिए बिना ही हटाना जा रहा है.
अकबर नगर प्रथम व द्वितीय में अवैध निर्माण के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा की जा रही कार्रवाई के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका में याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं मिली थी. साथ ही जिनके निर्माण पूर्व में ध्वस्त किये जा चुके हैं, उन्हें भी कोई राहत नहीं मिली थी. न्यायालय में विष्णु स्वरूप चौरसिया की तरफ से दायर की गई याचिका में सुनवाई करते हुए सरकारी भूमि पर किये गये सभी व्यावसायिक एवं आवासीय निर्माण को अनाधिकृत एवं अवैध करार दिया गया था. न्यायालय ने आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता 4 मार्च की मध्य रात्रि तक स्वयं अपने निर्माण हटा लें. इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है. इसी आदेश पर अमल करते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को कार्रवाई की है. यहां बचे हुए निर्माण को गिराने को लेकर हाईकोर्ट में आदेश सुरक्षित कर दिया गया है. निकट भविष्य में उस पर भी बड़ा फैसला आ सकता है. दूसरी ओर बटलर पैलेस कॉलोनी में भी झुग्गी बस्ती के ऊपर बुलडोजर का कहर बरपा है. जिसमें यहां रहने वाले लोगों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि गरीबों को बिना पुनर्वास दिए ही हटाया जा रहा है.
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लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अकबरनगर में सुप्रीम कोर्ट की मोहलत समाप्त होने के बाद बचे हुए निर्माण को हमने गिरा दिया है. जबकि, बटलर पैलेस कॉलोनी में झीलों का सौंदर्यीकरण किया जाना है. इसलिए इस अतिक्रमण को हटाया गया है.
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