लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के इंजीनियरों पर आए दिन अवैध निर्माण के एवज में घूसखोरी के आरोप लगते रहते हैं. इस बीच एलडीए की न्यू बिल्डिंग के चौथे तल पर कथित तौर पर वसूली की रकम वापस करने को लेकर एक बिल्डर अभिषेक व जेई रविप्रकाश के बीच घमासान देखने को मिला. इसका वीडियो भी वायरल हो गया है. वायरल वीडियो के आधार पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने जांच भी शुरू की है. दूसरी ओर रवि प्रकाश यादव का कहना है कि वह इस मामले में पूरी तरह से पाक-साफ हैं और उन्होंने कोई भी घूस नहीं ली है.
वीडियो में दिखता है कि विवाद के दौरान चौथे तल पर भीड़ जुटी है. बिल्डर ने बताया कि बालागंज स्थित पारस लॉन के बगल में कंचनलता वर्मा के नाम से एक प्रापर्टी है. जिसपर वो ग्राउंड फ्लोर व्यावसायिक व प्रथम तल आवासीय बना रहे हैं. निर्माण 2018 में शुरू हुआ था, 2023 में बिल्डिंग सील कर दी गई. आरोप है कि निर्माण कार्य कराने के एवज में जेई रविप्रकाश ने उससे लाखों रुपए वसूले. रुपए लेने के बाद जेई ने नयी फाइल बनाकर बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के आदेश भी पारित करवा दिए. मामला पूर्व में कमिश्नर कोर्ट से खारिज हो चुका है. इसी वजह से बिल्डर व उसके संग आए कई लोग जेई पर चार लाख रुपये वापस करने के लिए कहने लगे.
हालांकि इस दौरान कुर्सी पर बैठे जेई रविप्रकाश खामोश रहे. चौथे तल पर बैठने वाले दूसरे लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से बिल्डर व जेई के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन विवाद ज्यादा बढ़ गया है. वहीं इस मामले में बिल्डर की ओर से एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार को भी अवगत कराया गया है. अध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने संबंध में जोनल अधिकारी राजीव कुमार से बातचीत की है और पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी है. दूसरी ओर और अभियंता रवि प्रकाश यादव का कहना है कि इस मामले में पर पूरी तरह से पाक साफ है और बिल्डर के सारे आरोप असत्य हैं.