लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी/एसटी) समुदाय में हत्या, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िताओं को मिलने वाली आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार की ओर से बीते महीने 1447 करोड़ का बजट जारी किया गया था. बजट को समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश के सभी 75 जिलों को आवंटित कर दिया है.
बीते करीब साढ़े सात वर्षों से अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के साथ हुए अपराधों से पीड़ित लोगों को एससी एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 और नागरिक अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, यह सहायता 85,000 रुपये से 8.25 लाख रुपये तक होती है. प्रदेश में बीते कई वर्षों से अनुसूचित जाति-जनजाति के विभिन्न मामलों में पीड़ित लोगों को मिलने वाले मुआवजे को सरकार की ओर से जारी किया गया है. जिसके बाद विभाग की तरफ से सभी जिलों को पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए संबंधित जिला अधिकारियों को पत्र भी भेजा गया है.
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति के उत्पीड़न के मामले में पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने के लिए 1447 करोड़ का बजट बीते 27 सितंबर को जारी किया था. इसके बाद सभी संबंधित 75 जिलों को इस संबंध में आवंटित बजट वितरित कर दिया गया है. साथ ही सभी संबंधित विभागों को यह भी बता दिया गया है कि वह लंबित पड़े ऐसे मामलों में पीड़िताओं को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करें. पूरे प्रदेश में करीब 10143 मामले एससी-एसटी एक्ट के लंबित थे, जिसमें पीड़ितों को आर्थिक लाभ दिया जाना है.
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