वाराणसी : वैशाख पूर्णिमा को लेकर वाराणसी में खास तैयारी है. आज बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी. धर्म नगरी काशी में आज दुनियाभर के बौद्ध अनुयायी सारनाथ पहुंचेंगे.यहां बुद्ध के अस्थि कलश के दर्शन होंगे. महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध के अस्थि कलश के दर्शन आम भक्त कर सकेंगे. बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ में कई तरह के आयोजन किए जाएंगे.
भगवान बुद्ध के जीवन की तीन बातों जन्म, ज्ञान प्राप्ति और निर्वाण के कारण वैशाख पूर्णिमा विशेष तिथि मानी जाती है. इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. इसी दिन उन्हें ज्ञान की भी प्राप्ति हुई थी. महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव भिक्षु सम्मितानंद थेरो ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह 6 बजे से 11 बजे तक महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध के अस्थि कलश के दर्शन आम भक्त कर सकेंगे. साल में सिर्फ एक दिन अस्थि कलश का दर्शन होता है.
कई इलाकों से होकर गुजरेगी धम्म यात्रा : उन्होंने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा पर धम्म यात्रा भी निकलेगी जो सारनाथ के कई इलाकों से गुजरेगी. साथ ही साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में संगीत संध्या का आयोजन किया जाएगा. अगर सुरक्षा की बात करें को गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है. गहरे पानी में जाने से लोगों को रोका जाएगा. श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की जाएगी. बता दें कि हर साल सारनाथ में इस दिन भव्य तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
ले सकेंगे लाइट एंड साउंड शो का आनंद : सारनाथ में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाना है. लाइट एंड साउंड शो 6:30 शुरू होकर 7 बजे खत्म होता था. अब यह शाम 7 बजे शुरू होकर 7:30 बजे समाप्त होगा. इस शो के समय में परिवर्तन किया गया है. पर्यटन विभाग द्वारा यह निर्णय बढ़ती गर्मी को देखते हुए लिया गया है. उपनिदेशक पर्यटन आरके रावत ने बताया कि गर्मी के चलते बहुत से पर्यटकों का कहना था कि यहां होने वाली लाइट एंड साउंड शो के समय को परिवर्तित किया जाए. भगवान बुद्ध के जीवन वृत्तांत पर आधारित लाइट एंड साउंड शो में पर्यटकों को आधा घंटे पहले प्रवेश दिया जाएगा.
पूर्णिमा तिथि को लेकर धार्मिक मान्यता : हिंदू पंचाग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 5:50 बजे से होगी, जो अगले दिन यानी 23 मई को शाम 6:20 बजे तक रहेगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को मनाई जा रही है. सुबह स्नान और दान का कार्यक्रम भी होगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की पूजा भी करनी चाहिए. इस दिन रात के समय में चंद्रोदय के समय उन्हें अर्घ्य देना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इससे आर्थिक समस्याएं दूर होती है.
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