लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने जबसे भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ ही पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया है, तबसे वह पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर आकाश आनंद सभी राज्यों के लिए बसपा का प्रमुख चेहरा हैं. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में आकाश आनंद अहम भूमिका निभा रहे हैं. बुआ और भतीजे की जोड़ी इस बार ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां और जनसभाएं कर विपक्षी दलों के माथे पर पसीना ला रहे हैं. इस बार के चुनाव में सबकी नजर आकाश आनंद पर टिकी हैं, क्योंकि युवा आकाश आनंद के एक से बढ़कर एक जोशीले बयान और खुलकर सरकार के साथ ही विपक्षी दलों पर निशाना साध रहे हैं. सोशल मीडिया पर तो आकाश आनंद को लेकर तमाम चर्चाएं भी जारी हैं. कोई कह रहा है कि पार्टी को ऐसा नेता मिल गया है जो बहुजन समाज पार्टी को फिर से जिंदा कर देगा. किसी का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो समाजवादी पार्टी अपने बारे में अभी से सोचना शुरू कर दे.
आनंद का जोशीले अंदाज ने विपक्ष को सोचने पर किया मजबूर
लंदन से पढ़ाई करने के बाद पॉलिटिक्स में कदम रखने वाले आकाश आनंद इन दिनों रैलियों और जनसभाओं में छाए हुए हैं. लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने में आकाश आनंद कामयाब होते नजर आ रहे हैं. जहां एक तरफ सभी राजनीतिक दल बीएसपी की खस्ता हालत को देखते हुए नजर अंदाज कर रहे थे, वहीं आकाश आनंद के तीखे बयान और जोशीले अंदाज ने उन्हें चर्चा में ला दिया है. विपक्षी दलों के नेता आकाश आनंद को लेकर चर्चा कर रहे हैं और पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी आकाश आनंद से काफी उम्मीद लगाने लगे हैं. अभी तक जो बीएसपी का वोटर पार्टी से खिसक रहा था वह भी धीरे-धीरे पार्टी से जुड़ने लगा है. आकाश आनंद की जनसभा में उमड़ती भीड़ बीएसपी मुखिया मायावती को भी हैरान कर रही है.
आकाश के निशाने पर भाजपा
आकाश आनंद ने अपनी रैलियों और जनसभाओं में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार को निशाने पर रखा है. विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार जोशीले अंदाज में भी भाषण दे रहे हैं. आकाश आनंद का पेपर लीक मामले में आया जोशीला भाषण हर तरफ चर्चा का विषय बन गया. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. उन्होंने कहा था कि 'पेपर लीक होता है तो मन करता है कि जो ऐसा कर रहा है उसे जमीन में गाड़ दें. इसके अलावा गुजरात मॉडल को लागू करने को लेकर भी लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हुए थे. बेरोजगारी को लेकर सरकार पर भी खूब निशाना साधा. पांच किलो राशन के बदले वोट लेने के लिए भाजपा सरकार पर हमलावर हुए. शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर खूब निशाना साध रहे हैं. आकाश के निशाने पर सिर्फ भाजपा ही नहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी हैं. उनकी सरकार के कार्यकाल का भी हिसाब मांग रहे हैं और जनता को आगाह कर रहे हैं.
यूपी में आकाश पर हो गई पहली एफआईआर
कहते हैं कि इंसान जोश में होश भी खो देता है और कभी-कभी यह उस पर भारी भी पड़ जाता है. ऐसा ही बसपा नेता आकाश आनंद के साथ भी हुआ. एक रैली में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर प्रहार करते हुए यहां तक कह दिया है कि भाजपा चोरों और आतंकवादियों के पार्टी है. फिर क्या था यह बयान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा और उन्होंने आकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी.
2014 लोकसभा, 2022 विधानसभा अकेले लड़ना पड़ा भारी
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी को 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ना भारी पड़ा था. इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया था. 2019 का लोकसभा चुनाव बीएसपी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके लड़ा तो पार्टी 10 सीटें जीतने में कामयाब हुई. लेकिन साल 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव आया तो पार्टी ने फिर एक बार अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया और इसका नतीजा भी उल्टा ही हुआ. बहुजन समाज पार्टी 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट ही जीतने में सफल हो पाई. अब एक बार फिर 2024 का लोकसभा चुनाव बीएसपी अकेले लड़ रही है. नतीजे चार जून को आएंगे तब पता चलेगा कि बहुजन समाज पार्टी का अकेले लड़ने का फैसला सही था या गलत. इन्हीं नतीजों से पता चलेगा कि आकाश आनंद की मेहनत कितना रंग लाई. अपने कोर वोटरों को बसपा में वापस लाने की कोशिश कितनी कामयाब हुई.