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दिल्ली: बसपा ने AAP के पुराने नेताओं को टिकट देकर बढ़ाईं मुश्किलें, जानिए कैसे हो सकता है पार्टी को नुकसान - LOK SABHA ELECTION 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

BSP gave tickets to old AAP leaders: नई दिल्ली और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर बसपा ने AAP के पुराने नेताओं को टिकट देकर उसके लिए परेशानी खड़ी कर दी हैं.

AAP के पुराने नेताओं को टिकट देकर बसपा ने बढ़ाईं मुश्किलें
AAP के पुराने नेताओं को टिकट देकर बसपा ने बढ़ाईं मुश्किलें (Etv bharat reporter)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 7, 2024, 10:59 PM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन खत्म होने के बाद अब राजनीतिक सरगर्मियां जोर पकड़ने लगी हैं. इधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने नई दिल्ली और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों को बदलकर आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थोड़ी बढ़ा दी हैं. दरअसल, बसपा ने दो सीटों पर आम आदमी पार्टी के ही चेहरों को चुनावी मैदान में उतार दिया है.

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर बसपा ने मोहम्मद वकार चौधरी को टिकट देकर आम आदमी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने का दांव चल दिया है. वकार आप के संस्थापक सदस्य रहे हैं और आप प्रत्याशियों को हर चुनाव में लाखों रुपये चंदा देते रहे हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी में रहकर वकार चौधरी ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा की जंगपुरा और ओखला विधानसभा में अच्छी पकड़ बनाई थी.

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव के बीच BSP में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद, नई दिल्ली सीट से लड़ेंगे चुनाव

मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी की ओर से वकार चौधरी को जंगपुरा विधानसभा का प्रभारी बनाया गया था. वकार जंगपुरा में मुस्लिम समाज के लोगों के बीच में आप के पक्ष में प्रचार में जुटे थे. लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी से मतभेद के चलते चार दिन पहले ही वह बसपा में शामिल हो गए. अब वह खुद चुनाव मैदान में हैं. वकार चौधरी का मुख्य फोकस मुस्लिम वोटरों के बीच में ही चुनाव प्रचार करने का है. इससे आम आदमी पार्टी को नुकसान होने की पूरी संभावना है.

इसके अलावा वकार चौधरी के साथ कुछ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता व्यक्तिगत रूप से भी जुड़े थे. वे भी चुनाव में वकार चौधरी का साथ दे सकते हैं. वकार चौधरी दिल्ली में मुस्लिम समाज के बीच भी यह संदेश भी दे रहे हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों में से किसी ने दिल्ली की एक भी लोकसभा सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है. न ही आप ने पंजाब और दिल्ली में मुस्लिम समाज का वोट लेने के बाद किसी मुस्लिम को राज्यसभा भेजा. दिल्ली के दो विधानसभा और दो लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज ने आप को बंपर वोट दिया है. इससे मुस्लिम समाज से एक नेता को राज्यसभा भेजा जाना चाहिए था.

पूर्वी दिल्ली सीट पर मुस्लिमों का है कितना प्रभाव
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट की बात करें तो दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता सबसे अधिक हैं. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 16 प्रतिशत भी अधिक है. इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन होने के चलते पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का एकमुश्त वोट आप प्रत्याशी को मिलने की पूरी संभावना थी. लेकिन, अब बसपा ने वकार चौधरी को टिकट देकर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की जीत की राह को कठिन जरूर बना दिया है.

वकार चौधरी मुस्लिमों का जितना भी वोट मिलेगा वह वोट आप प्रत्याशी के हिस्से से ही कम होगा. इसके अलावा दिल्ली में दलित वोटर भी आम आदमी पार्टी को वोट देते हैं. लेकिन, कुछ दलितों का झुकाव बसपा की ओर भी रहता है. ऐसे में कुछ दलित वोट भी बसपा प्रत्याशी के पाले में छिटक सकता है. इसके अलावा वकार चौधरी पैसे से भी मजबूत प्रत्याशी हैं. उन्होंने अपने हलफनामे में खुद के और पत्नी के पास 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का ब्यौरा दिया है. इसलिए बसपा प्रत्याशी जितनी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा आप की मुश्किलें उतनी अधिक बढ़ेंगी.

नई दिल्ली लोकसभा सीट पर कैसे होगा नुकसान
इसी तरह बसपा ने नई दिल्ली लोकसभा सीट पर 10 अप्रैल तक आम आदमी पार्ट की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राजकुमार आनंद को टिकट देकर इस लोकसभा सीट पर दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर दी है. नई दिल्ली लोकसभा सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या ठीक ठाक है. यहां की करोल बाग और पटेल नगर दो विधानसभाएं एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इस सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या 21 प्रतिशत से अधिक है.

इसके अलावा इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी छह प्रतिशत से अधिक है. इस तरह राजकुमार आनंद खुद दलित और धनी प्रत्याशी होने के चलते मजबूती से चुनाव लड़कर आप को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री रहने के चलते उन्होंने दलित समुदाय में अपनी दलित हितैषी की छवि भी बनाने की कोशिश की है. वे आम आदमी पार्टी छोड़ने के पहले ही दिन से आप और अरविंद केजरीवाल पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने किसी भी आयोग में दलित को अध्यक्ष न बनाने को लकर भी दिल्ली सरकार पर निशाना साधा था.

तीन लोकसभा सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर हितैषी होने का दम भर रही बसपा
बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली की चांदनी चौक, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अबुल कलाम आजाद, अब्दुल बासित और मोहम्मद वकार चौधरी को टिकट दिया है. इसके आधार पर बसपा मुस्लिम हितैषी होने का दम भर रही है. चांदनी चौक और दक्षिणी दिल्ली सीट पर भी मुस्लिम प्रत्याशी आप और कांग्रेस का नुकसान करेंगे. चांदनी चौक सीट पर भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या छह प्रतिशत से अधिक है.

बसपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह का कहना है कि दिल्ली की सातों सीटों में से किसी पर भी आप और कांग्रेस ने मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है. जबकि बसपा ने तीन-तीन सीटों पर मुस्लिमों को टिकट देकर उनको दिल्ली में सम्मान दिया है. पहले कांग्रेस हमें AAP की B टीम बताती थी तो आप कांग्रेस की B टीम बताती थी. लेकिन, अब दोनों का आपस में गठबंधन होने से साफ हो गया है कौन किनके साथ है. इसलिए बहन मायावती दोनों नाराज हैं और उन्होंने सातों सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे सचिन पायलट, बिजेंद्र सिंह और सीपी जोशी

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन खत्म होने के बाद अब राजनीतिक सरगर्मियां जोर पकड़ने लगी हैं. इधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने नई दिल्ली और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों को बदलकर आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थोड़ी बढ़ा दी हैं. दरअसल, बसपा ने दो सीटों पर आम आदमी पार्टी के ही चेहरों को चुनावी मैदान में उतार दिया है.

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर बसपा ने मोहम्मद वकार चौधरी को टिकट देकर आम आदमी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने का दांव चल दिया है. वकार आप के संस्थापक सदस्य रहे हैं और आप प्रत्याशियों को हर चुनाव में लाखों रुपये चंदा देते रहे हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी में रहकर वकार चौधरी ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा की जंगपुरा और ओखला विधानसभा में अच्छी पकड़ बनाई थी.

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव के बीच BSP में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद, नई दिल्ली सीट से लड़ेंगे चुनाव

मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी की ओर से वकार चौधरी को जंगपुरा विधानसभा का प्रभारी बनाया गया था. वकार जंगपुरा में मुस्लिम समाज के लोगों के बीच में आप के पक्ष में प्रचार में जुटे थे. लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी से मतभेद के चलते चार दिन पहले ही वह बसपा में शामिल हो गए. अब वह खुद चुनाव मैदान में हैं. वकार चौधरी का मुख्य फोकस मुस्लिम वोटरों के बीच में ही चुनाव प्रचार करने का है. इससे आम आदमी पार्टी को नुकसान होने की पूरी संभावना है.

इसके अलावा वकार चौधरी के साथ कुछ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता व्यक्तिगत रूप से भी जुड़े थे. वे भी चुनाव में वकार चौधरी का साथ दे सकते हैं. वकार चौधरी दिल्ली में मुस्लिम समाज के बीच भी यह संदेश भी दे रहे हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों में से किसी ने दिल्ली की एक भी लोकसभा सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है. न ही आप ने पंजाब और दिल्ली में मुस्लिम समाज का वोट लेने के बाद किसी मुस्लिम को राज्यसभा भेजा. दिल्ली के दो विधानसभा और दो लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज ने आप को बंपर वोट दिया है. इससे मुस्लिम समाज से एक नेता को राज्यसभा भेजा जाना चाहिए था.

पूर्वी दिल्ली सीट पर मुस्लिमों का है कितना प्रभाव
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट की बात करें तो दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता सबसे अधिक हैं. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 16 प्रतिशत भी अधिक है. इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन होने के चलते पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का एकमुश्त वोट आप प्रत्याशी को मिलने की पूरी संभावना थी. लेकिन, अब बसपा ने वकार चौधरी को टिकट देकर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की जीत की राह को कठिन जरूर बना दिया है.

वकार चौधरी मुस्लिमों का जितना भी वोट मिलेगा वह वोट आप प्रत्याशी के हिस्से से ही कम होगा. इसके अलावा दिल्ली में दलित वोटर भी आम आदमी पार्टी को वोट देते हैं. लेकिन, कुछ दलितों का झुकाव बसपा की ओर भी रहता है. ऐसे में कुछ दलित वोट भी बसपा प्रत्याशी के पाले में छिटक सकता है. इसके अलावा वकार चौधरी पैसे से भी मजबूत प्रत्याशी हैं. उन्होंने अपने हलफनामे में खुद के और पत्नी के पास 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का ब्यौरा दिया है. इसलिए बसपा प्रत्याशी जितनी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा आप की मुश्किलें उतनी अधिक बढ़ेंगी.

नई दिल्ली लोकसभा सीट पर कैसे होगा नुकसान
इसी तरह बसपा ने नई दिल्ली लोकसभा सीट पर 10 अप्रैल तक आम आदमी पार्ट की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राजकुमार आनंद को टिकट देकर इस लोकसभा सीट पर दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर दी है. नई दिल्ली लोकसभा सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या ठीक ठाक है. यहां की करोल बाग और पटेल नगर दो विधानसभाएं एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इस सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या 21 प्रतिशत से अधिक है.

इसके अलावा इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी छह प्रतिशत से अधिक है. इस तरह राजकुमार आनंद खुद दलित और धनी प्रत्याशी होने के चलते मजबूती से चुनाव लड़कर आप को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री रहने के चलते उन्होंने दलित समुदाय में अपनी दलित हितैषी की छवि भी बनाने की कोशिश की है. वे आम आदमी पार्टी छोड़ने के पहले ही दिन से आप और अरविंद केजरीवाल पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने किसी भी आयोग में दलित को अध्यक्ष न बनाने को लकर भी दिल्ली सरकार पर निशाना साधा था.

तीन लोकसभा सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर हितैषी होने का दम भर रही बसपा
बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली की चांदनी चौक, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अबुल कलाम आजाद, अब्दुल बासित और मोहम्मद वकार चौधरी को टिकट दिया है. इसके आधार पर बसपा मुस्लिम हितैषी होने का दम भर रही है. चांदनी चौक और दक्षिणी दिल्ली सीट पर भी मुस्लिम प्रत्याशी आप और कांग्रेस का नुकसान करेंगे. चांदनी चौक सीट पर भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या छह प्रतिशत से अधिक है.

बसपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह का कहना है कि दिल्ली की सातों सीटों में से किसी पर भी आप और कांग्रेस ने मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है. जबकि बसपा ने तीन-तीन सीटों पर मुस्लिमों को टिकट देकर उनको दिल्ली में सम्मान दिया है. पहले कांग्रेस हमें AAP की B टीम बताती थी तो आप कांग्रेस की B टीम बताती थी. लेकिन, अब दोनों का आपस में गठबंधन होने से साफ हो गया है कौन किनके साथ है. इसलिए बहन मायावती दोनों नाराज हैं और उन्होंने सातों सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

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