जैसलमेर : सीमा सुरक्षा बल के अपर महानिदेशक (पश्चिम कमांड) सतीश एस खंडारे राजस्थान फ्रंटियर जोधपुर के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रविवार को जैसलमेर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहुंचे. उन्होंने सीमा सुरक्षा बल जैसलमेर दक्षिण सेक्टर की सीमा चौकियों का दौरा किया. इस दौरान बीएसएफ के दक्षिण सेक्टर के डीआईजी विक्रम कुंवर समेत बीएसएफ के अन्य अधिकारियों मौजूद रहे.
डीआईजी और कार्यवाहक कमांडेंट ने अपर महानिदेशक को जैसलमेर बॉर्डर के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य, सीमा प्रबंधन की जटिलताओं और सीमा पर हो रही विभिन्न ऑपरेशनल गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. अपर महानिदेशक ने सीमा चौकी पर तैनात जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया और उनकी कठिन सेवा की सराहना की. इसके बाद उन्होंने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित महिला सीमा चौकी का दौरा किया. यह चौकी पूरी तरह से महिला जवानों द्वारा संचालित है.
उन्होंने महिला जवानों के साहस की सराहना की. साथ ही उनके बीच मिठाई बांटकर उन्हें दीवाली की शुभकामनाएं दीं और सीमा व देश की सुरक्षा में उनके महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की. अपर महानिदेशक ने जैसलमेर (दक्षिण) सेक्टर द्वारा की जा रही सुरक्षा व्यवस्थाओं और प्रशासनिक कार्यों के बारे में बीएसएफ अधिकारियों के साथ चर्चा की. इस दौरान बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें बॉर्डर डोमिनेशन को सुदृढ़ करने और जवानों के कल्याण के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी, जिसकी अपर महानिदेशक ने सराहाना की.
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BSF देश की पहली रक्षा पंक्ति : इससे पहले दौरे के पहले दिन जोधपुर में अपर महानिदेशक ने बीएसएफ रेजिंग डे समारोह की तैयारियों का भी जायजा लिया. तैयारियों से संतुष्ट होकर उन्होंने टीम की मेहनत की सराहना की और कहा कि रेजिंग डे एक महत्वपूर्ण अवसर है जो बल की गौरवशाली विरासत और बलिदानों को सम्मानित करने का प्रतीक है. गौरतलब है कि बीएसएफ का राइजिंग डे इस बार राजस्थान के जोधपुर में मनाया जाएगा.
अपर महानिदेशक ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल देश की पहली रक्षा पंक्ति है. बीएसएफ के अधिकारी और जवान पूरी सतर्कता और प्रतिबद्धता के साथ सीमा की सुरक्षा में तैनात हैं और किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले इन जवानों पर न केवल बीएसएफ बल्कि पूरा देश गर्व करता है.