नई दिल्लीः महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में बुधवार को बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की ओर से राऊज एवेन्यू कोर्ट में दलीलें पेश की गई. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी को करने का आदेश दिया. सिंह की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई.
उनके वकील ने कोर्ट से कहा कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई. शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है. विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. इसके पहले सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा था कि विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है. शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है.
उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है, क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है. ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है. 23 जनवरी को महिला पहलवानों की ओर से ओवरसाइट कमेटी के गठन और उसकी जांच पर सवाल उठाया गया था.
महिला पहलावानों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी का गठन प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्राम सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट (पॉश) के प्रावधानों के अनुरुप नहीं किया गया था. उन्होंने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी नहीं है. ऐसे में ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का पर्याप्त आधार है. जॉन ने कहा था कि महिला पहलवान का सांस कोई महिला ही कर सकती है कोई पुरुष नहीं.