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उत्तराखंड में बढ़ रहे 'रिश्वतखोरी' के मामले, रंगे हाथ धरे गए कई ऑफिसर्स, चौंकाने वाले आंकड़े, इन नंबरों पर करें शिकायत - Bribe Taker Arrested in Uttarakhand - BRIBE TAKER ARRESTED IN UTTARAKHAND

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand: उत्तराखंड में साल 2023 में 20 और इस साल जनवरी से अब तक राजस्व विभाग, खनन विभाग, जीएसटी विभाग, आबकारी विभाग समेत अन्य विभागों में कई रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत के साथ गिरफ्तार किए गए. ये लिस्ट दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जो कि चौंका रहे हैं. टोल फ्री नंबर 0164 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर अपनी शिकायत दे सकते हैं. शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रहेगी.

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand
उत्तराखंड में बढ़ रहे 'रिश्वत' के मामले (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 23, 2024, 7:52 PM IST

Updated : Sep 23, 2024, 8:09 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के विभागों में काम करवाने के एवज में अमूमन भ्रष्टाचार हो रहा है? रिश्वत देकर कोई भी विभागीय अधिकारी से कैसा भी काम करवा सकता है? क्या आम जनता के काम रिश्वत के बलबूते ही हो रहे हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो बीते कुछ समय से उत्तराखंड में इसलिए पनप रहे हैं क्योंकि एक के बाद एक अलग-अलग विभागों में रिश्वत के साथ कर्मचारी-अधिकारी गिरफ्तार किए गए हैं.

सीएम हेल्पलाइन नंबर कार्यालय का कर्मचारी गिरफ्तारी: उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में कार्य करने वाला एक कर्मचारी अपने एक दूसरे सहयोगी के साथ हाल ही में 20 सितंबर को गिरफ्तार हुआ. बताया गया कि हरिद्वार के मनोज ठकराल ने वेतन का भुगतान न होने पर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद हेल्पलाइन नंबर पर बैठे व्यक्ति ने शिकायत निपटान का झूठा आश्वासन देकर पीड़ित व्यक्ति से पैसे मांगे. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत पुलिस से की. इसके बाद देहरादून पुलिस और एसओजी की टीम ने कर्मचारी को गिरफ्तार किया.

PWD अधिकारी की गिरफ्तारी: 20 सितंबर को ही एक और मामला उत्तराखंड के नैनीताल जिले से सामने आया. विजिलेंस की टीम को सूचना मिली कि लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता दुर्गेश सरकारी ठेकेदार से बिल का भुगतान करने के नाम पर ₹10 हजार रिश्वत मांग रहा है. विजिलेंस को दी शिकायत के बाद टीम ने 20 सितंबर को सहायक अभियंता दुर्गेश को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

बिजली विभाग का रिश्वतखोर गिरफ्तार: देहरादून के हरबर्टपुर के सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने 10 सितंबर को ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. विजिलेंस के अनुसार देहरादून की ट्रैप टीम को सूचना मिली थी कि परवेज आलम नाम का एक कर्मचारी एक व्यक्ति के घर में बिजली का कनेक्शन लगाने के लिए ₹15000 रिश्वत मांग रहा है. सूचना जैसे ही विजिलेंस को मिली वैसे ही विजिलेंस ने अपना जाल बेचकर कर्मचारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.

एलआईसी अधिकारी की रिश्वतखोरी: 10 सितंबर को देहरादून के एलआईसी ऑफिस में सीबीआई की टीम ने छापा मारकर असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को एक व्यक्ति से ₹15 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. आरोप है कि शिकायतकर्ता ने एलआईसी ऑफिस में बिजली का काम किया था. लेकिन काफी दिनों के बाद भी उसके बिल क्लियर नहीं हो पा रहे थे. जिसके बाद असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने शिकायतकर्ता से बिलों के भुगतान के लिए कमीशन के तौर पर ₹50 हजार की डिमांड की थी. मामले की शिकायत सीबीआई को मिली तो दफ्तर पहुंचकर रिश्वतखोर असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.

पुलिस और इंटेलिजेंस में भी रिश्वत: 8 सितंबर को पौड़ी एसएसपी ने हेड कॉन्स्टेबल को ड्यूटी के दौरान अपराधी से सुविधा शुल्क लेने के आरोप में निलंबित कर दिया था. इसी तरह नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने इंटेलिजेंस एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद दोनों के खिलाफ विजिलेंस की टीम ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज भी किया.

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand
रामनगर में इंटेलिजेंस एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते गिरफ्तार (PHOTO- Nainital Vigilance)

RTO दफ्तर में घूसखोरी: परिवहन विभाग में बिना पैसे दिए काम नहीं होते, ऐसी ही एक सूचना के बाद विजिलेंस की टीम ने 22 अगस्त को पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार स्थित आरटीओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक को ₹3 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. इसके बाद विजिलेंस ने अधिकारी के घर पर भी घंटों तक तलाशी ली. विजिलेंस ने बताया कि वरिष्ठ सहायक के खिलाफ गोपनीय जांच किसी ने करने के लिए एक शिकायती पत्र दिया था. इसके बाद टीम ने इंटेलिजेंस के आधार पर वरिष्ठ सहायक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand
काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक 90 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार. (PHOTO- ETV Bharat)

परिवहन विभाग में अधिकारी गिरफ्तार: 17 अगस्त को काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक को विजिलेंस की टीम ने रोडवेज में अनुबंधित बसों का संचालन करवाने के एवज में 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. आरोप है कि अधिकारी शिकायतकर्ता मनीष अग्रवाल से अनुबंधित बसों का संचालन करवाने के एवज में रुपए मांग रहे थे. नहीं देने पर उनकी बसों को कहीं भी, कभी भी खड़ा कर दिया जाता था. इस बात से परेशान होकर मनीष अग्रवाल ने एक शिकायती पत्र विजिलेंस और अपने विभाग को भी दिया था. इसके बाद विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए सहायक महाप्रबंधक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

शिक्षा विभाग भी घूसखोरी से दूर नहीं: विजिलेंस की टीम ने शिकायत के आधार पर 12 जुलाई को हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी अजयुद्दीन को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया था. खंड शिक्षा अधिकारी पर आरोप लगा कि वह एक शिक्षक को क्लीन चिट देने के एवज में रिश्वत मांग रहा है. इसकी शिकायत विजिलेंस से की गई. विजिलेंस ने जाल बिछाया और अधिकारी को शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand
खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी अजयुद्दीन को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार (PHOTO- ETV Bharat)

अमूमन मामलों में विजिलेंस रिश्वतखोरी की शिकायत पर छापा मारती है तो पहले ही रिश्वत के रुपयों पर केमिकल लगा देती है. जैसे ही शिकायतकर्ता या पीड़ित रुपए अधिकारी या कर्मचारी को देता है, तो वह केमिकल रुपए लेने वाले के हाथों में भी लग जाता है. इसके बाद हाथों को पानी से गीला किया जाता है तो केमिकल का रंग साफ दिखने लगता है. ये तकनीक सबूत के तौर पर विजिलेंस या अन्य एजेंसी अक्सर करती है. खंड शिक्षा अधिकारी को गिरफ्तार करने के लिए भी विजिलेंस ने ये तकनीक अपनाई थी.

पकड़ा गया GST अधिकारी: जून महीने में भी रिश्वतखोरी से जुड़ी एक घटना ने खूब चर्चाएं बटोरी थी. देहरादून में जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर शशिकांत दुबे को विजिलेंस की टीम ने 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इसके बाद उनके घर पर भी तलाशी की गई. विजिलेंस की तरफ से बताया गया था कि असिस्टेंट कमिश्नर रेस्टोरेंट के बिलों में जीएसटी की कुछ कमियों को बताकर भारी जुर्माना वसूलना और उन पर दबाव बना रहे थे. इसके बाद मामला रिश्वत तक पहुंच गया. विजिलेंस की टीम ने अपना जाल बिछाकर असिस्टेंट कमिश्नर को गिरफ्तार कर लिया था.

आबकारी अधिकारी ने मांगे रुपए: विजिलेंस ने जुलाई महीने में रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को एक शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.

साल 2023 में 20 कर्मचारी गिरफ्तार: विजिलेंस ने जनवरी माह में की गई कार्रवाई का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए बताया था कि विजिलेंस ने सरकारी विभागों में 8 अलग-अलग कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. साल 2023 में 20 कर्मचारी और अधिकारियों को गिरफ्तार किया.

दर्ज करा सकते हैं शिकायत: उत्तराखंड में लगातार मुख्यमंत्री और डीजीपी अभिनव कुमार के स्तर से दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि रिश्वत लेने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को किसी भी सूरत में ना छोड़ा जाए. सतर्कता विभाग के निदेशक वी मुरुगेशन का कहना है कि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी काम कराने के एवज में किसी भी दफ्तर या अन्य जगह से रुपए की डिमांड करता है तो तत्काल प्रभाव से टोल फ्री नंबर 0164 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. शिकायतकर्ता का नाम, पता और अन्य पहचान को गोपनीय रखा जाएगा. भ्रष्टाचार की सूचना व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर भी दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में घूसखोर इंजीनियर गिरफ्तार, विजिलेंस ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते धरा

ये भी पढ़ें: विजिलेंस का बड़ा एक्शन, बिजली विभाग का JE ₹15 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्तार, बिचौलिया भी दबोचा

ये भी पढ़ें: मुंबई में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने CGST अधीक्षक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया

ये भी पढ़ें: पौड़ी एसएसपी ने रिश्वत लेने के आरोप में हेड कॉस्टेबल को किया निलंबित, सीओ कोटद्वार को सौंपी जांच

देहरादूनः उत्तराखंड के विभागों में काम करवाने के एवज में अमूमन भ्रष्टाचार हो रहा है? रिश्वत देकर कोई भी विभागीय अधिकारी से कैसा भी काम करवा सकता है? क्या आम जनता के काम रिश्वत के बलबूते ही हो रहे हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो बीते कुछ समय से उत्तराखंड में इसलिए पनप रहे हैं क्योंकि एक के बाद एक अलग-अलग विभागों में रिश्वत के साथ कर्मचारी-अधिकारी गिरफ्तार किए गए हैं.

सीएम हेल्पलाइन नंबर कार्यालय का कर्मचारी गिरफ्तारी: उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में कार्य करने वाला एक कर्मचारी अपने एक दूसरे सहयोगी के साथ हाल ही में 20 सितंबर को गिरफ्तार हुआ. बताया गया कि हरिद्वार के मनोज ठकराल ने वेतन का भुगतान न होने पर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद हेल्पलाइन नंबर पर बैठे व्यक्ति ने शिकायत निपटान का झूठा आश्वासन देकर पीड़ित व्यक्ति से पैसे मांगे. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत पुलिस से की. इसके बाद देहरादून पुलिस और एसओजी की टीम ने कर्मचारी को गिरफ्तार किया.

PWD अधिकारी की गिरफ्तारी: 20 सितंबर को ही एक और मामला उत्तराखंड के नैनीताल जिले से सामने आया. विजिलेंस की टीम को सूचना मिली कि लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता दुर्गेश सरकारी ठेकेदार से बिल का भुगतान करने के नाम पर ₹10 हजार रिश्वत मांग रहा है. विजिलेंस को दी शिकायत के बाद टीम ने 20 सितंबर को सहायक अभियंता दुर्गेश को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

बिजली विभाग का रिश्वतखोर गिरफ्तार: देहरादून के हरबर्टपुर के सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने 10 सितंबर को ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. विजिलेंस के अनुसार देहरादून की ट्रैप टीम को सूचना मिली थी कि परवेज आलम नाम का एक कर्मचारी एक व्यक्ति के घर में बिजली का कनेक्शन लगाने के लिए ₹15000 रिश्वत मांग रहा है. सूचना जैसे ही विजिलेंस को मिली वैसे ही विजिलेंस ने अपना जाल बेचकर कर्मचारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.

एलआईसी अधिकारी की रिश्वतखोरी: 10 सितंबर को देहरादून के एलआईसी ऑफिस में सीबीआई की टीम ने छापा मारकर असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को एक व्यक्ति से ₹15 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. आरोप है कि शिकायतकर्ता ने एलआईसी ऑफिस में बिजली का काम किया था. लेकिन काफी दिनों के बाद भी उसके बिल क्लियर नहीं हो पा रहे थे. जिसके बाद असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने शिकायतकर्ता से बिलों के भुगतान के लिए कमीशन के तौर पर ₹50 हजार की डिमांड की थी. मामले की शिकायत सीबीआई को मिली तो दफ्तर पहुंचकर रिश्वतखोर असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.

पुलिस और इंटेलिजेंस में भी रिश्वत: 8 सितंबर को पौड़ी एसएसपी ने हेड कॉन्स्टेबल को ड्यूटी के दौरान अपराधी से सुविधा शुल्क लेने के आरोप में निलंबित कर दिया था. इसी तरह नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने इंटेलिजेंस एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद दोनों के खिलाफ विजिलेंस की टीम ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज भी किया.

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand
रामनगर में इंटेलिजेंस एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते गिरफ्तार (PHOTO- Nainital Vigilance)

RTO दफ्तर में घूसखोरी: परिवहन विभाग में बिना पैसे दिए काम नहीं होते, ऐसी ही एक सूचना के बाद विजिलेंस की टीम ने 22 अगस्त को पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार स्थित आरटीओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक को ₹3 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. इसके बाद विजिलेंस ने अधिकारी के घर पर भी घंटों तक तलाशी ली. विजिलेंस ने बताया कि वरिष्ठ सहायक के खिलाफ गोपनीय जांच किसी ने करने के लिए एक शिकायती पत्र दिया था. इसके बाद टीम ने इंटेलिजेंस के आधार पर वरिष्ठ सहायक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand
काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक 90 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार. (PHOTO- ETV Bharat)

परिवहन विभाग में अधिकारी गिरफ्तार: 17 अगस्त को काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक को विजिलेंस की टीम ने रोडवेज में अनुबंधित बसों का संचालन करवाने के एवज में 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. आरोप है कि अधिकारी शिकायतकर्ता मनीष अग्रवाल से अनुबंधित बसों का संचालन करवाने के एवज में रुपए मांग रहे थे. नहीं देने पर उनकी बसों को कहीं भी, कभी भी खड़ा कर दिया जाता था. इस बात से परेशान होकर मनीष अग्रवाल ने एक शिकायती पत्र विजिलेंस और अपने विभाग को भी दिया था. इसके बाद विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए सहायक महाप्रबंधक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

शिक्षा विभाग भी घूसखोरी से दूर नहीं: विजिलेंस की टीम ने शिकायत के आधार पर 12 जुलाई को हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी अजयुद्दीन को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया था. खंड शिक्षा अधिकारी पर आरोप लगा कि वह एक शिक्षक को क्लीन चिट देने के एवज में रिश्वत मांग रहा है. इसकी शिकायत विजिलेंस से की गई. विजिलेंस ने जाल बिछाया और अधिकारी को शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

Bribe Taker Arrested in Uttarakhand
खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी अजयुद्दीन को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार (PHOTO- ETV Bharat)

अमूमन मामलों में विजिलेंस रिश्वतखोरी की शिकायत पर छापा मारती है तो पहले ही रिश्वत के रुपयों पर केमिकल लगा देती है. जैसे ही शिकायतकर्ता या पीड़ित रुपए अधिकारी या कर्मचारी को देता है, तो वह केमिकल रुपए लेने वाले के हाथों में भी लग जाता है. इसके बाद हाथों को पानी से गीला किया जाता है तो केमिकल का रंग साफ दिखने लगता है. ये तकनीक सबूत के तौर पर विजिलेंस या अन्य एजेंसी अक्सर करती है. खंड शिक्षा अधिकारी को गिरफ्तार करने के लिए भी विजिलेंस ने ये तकनीक अपनाई थी.

पकड़ा गया GST अधिकारी: जून महीने में भी रिश्वतखोरी से जुड़ी एक घटना ने खूब चर्चाएं बटोरी थी. देहरादून में जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर शशिकांत दुबे को विजिलेंस की टीम ने 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इसके बाद उनके घर पर भी तलाशी की गई. विजिलेंस की तरफ से बताया गया था कि असिस्टेंट कमिश्नर रेस्टोरेंट के बिलों में जीएसटी की कुछ कमियों को बताकर भारी जुर्माना वसूलना और उन पर दबाव बना रहे थे. इसके बाद मामला रिश्वत तक पहुंच गया. विजिलेंस की टीम ने अपना जाल बिछाकर असिस्टेंट कमिश्नर को गिरफ्तार कर लिया था.

आबकारी अधिकारी ने मांगे रुपए: विजिलेंस ने जुलाई महीने में रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को एक शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.

साल 2023 में 20 कर्मचारी गिरफ्तार: विजिलेंस ने जनवरी माह में की गई कार्रवाई का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए बताया था कि विजिलेंस ने सरकारी विभागों में 8 अलग-अलग कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. साल 2023 में 20 कर्मचारी और अधिकारियों को गिरफ्तार किया.

दर्ज करा सकते हैं शिकायत: उत्तराखंड में लगातार मुख्यमंत्री और डीजीपी अभिनव कुमार के स्तर से दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि रिश्वत लेने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को किसी भी सूरत में ना छोड़ा जाए. सतर्कता विभाग के निदेशक वी मुरुगेशन का कहना है कि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी काम कराने के एवज में किसी भी दफ्तर या अन्य जगह से रुपए की डिमांड करता है तो तत्काल प्रभाव से टोल फ्री नंबर 0164 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. शिकायतकर्ता का नाम, पता और अन्य पहचान को गोपनीय रखा जाएगा. भ्रष्टाचार की सूचना व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर भी दे सकते हैं.

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Last Updated : Sep 23, 2024, 8:09 PM IST
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