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दृष्टबाधित भी जानेंगे जंगली जानवरों की प्रजाति और विशेषताएं, कानपुर प्राणी उद्यान में बनाई गई ब्रेल गैलरी, मिलेगी फ्री इंट्री - Kanpur Zoological Park

कानपुर प्राणी उद्यान में दृष्टबाधितों के लिए ब्रेल गैलरी का निर्माण किया गया है. इसमें फिलहाल 12 तरह के जानवरों के चित्र और उनसे जुड़ी जानकारी दी गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 4:12 PM IST

कानपुर प्राणी उद्यान में दृष्टबाधितों के लिए ब्रेल गैलरी का निर्माण किया गया है.

कानपुर : प्राणी उद्यान से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आई है. यहां पर पहली बार दृष्टबाधितों के लिए एक ब्रेल गैलरी बनाई गई है, जिसके जरिए अब दृष्टबाधित भी कानपुर जू में आकर जानवरों के बारे में जानकारी पा सकेंगे. कानपुर प्राणी उद्यान के क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि इस गैलरी की शुरुआत में अभी हमने 12 प्रमुख जानवरों की तस्वीरें और उनकी विशेषताओं के बारे में बताया है.

प्राणी उद्यान के 50 वर्ष पूरे होने पर गैलरी का निर्माण

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कानपुर जू के क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि कानपुर जू ने अपने 50 साल पूरे कर लिए हैं. और अब इसी खुशी में यहां पर जो दृष्टबाधित आएंगे, उनके लिए इस ब्रेल गैलरी का निर्माण कराया गया है. इससे वह भी यहां पर जानवरों के बारे में जानकारी कर सकेंगे. बताया कि कानपुर प्राणी उद्यान में जो 12 विशेष जानवर मौजूद हैं, इस ब्रेल गैलरी में हमने उन सभी के बारे में जानकारी साझा की है. फिलहाल अभी वहां पर इतना स्पेस नहीं है कि कई अन्य जानवरों की तस्वीरें लगाई जा सकें. इस वजह से हमने अभी शुरुआती दौर पर 12 विशेष जानवरों की तस्वीरों को यहां पर लगाया है. जैसे-जैसे यहां पर आने वाले लोगों की रुचि इस ब्रेल गैलरी के बारे में बढ़ेगी, उसके बाद इसको और भी बढ़ाया जाएगा. बताया कि प्रदेश का यह दूसरा ऐसा प्राणी उद्यान जो है, जहां पर इस गैलरी का निर्माण कराया गया है. इससे पहले इस ब्रेल गैलरी का निर्माण लखनऊ में किया जा चुका है. इस ब्रेल गैलरी में आने वाले दृष्टबाधितों के लिए प्रवेश निशुल्क दिए जाने का फैसला किया गया है.

आईए जानते हैं क्या है ब्रेल लिपि

ब्रेल पद्धति एक तरह की लिपि है. जिसमें स्पर्श कर पढ़ा और लिखा जाता है. नावेद इकराम ने बताया कि ऐसे में कानपुर जू में जो ब्रेल गैलरी बनाई गई है, उसको छूकर यहां पर आने वाले दृष्टबाधित जानवरों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंग. बताया कि जो तस्वीर यहां पर लगाई गई है, उसमें जानवरों के वजन, उनकी डाइट, उनकी विशेषता, उनका जीवन काल, उनके प्रजनन और उनकी लंबाई समेत कई अन्य जानकारी के बारे में लिखा गया है.

इन 12 विशेष जानवरों की इस ब्रेल गैलरी में लगाई गई तस्वीरें

क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि शुरुआत में अभी इस ब्रेल गैलरी में हम लोगों ने मगरमच्छ, बारासिंघा, सारस, हिमालय का काला भालू, एक सिंह वाला गैंडा , भारतीय मोर, लकड़बग्घा, बनमानुष, दरियाई घोड़ा समेत कुल 12 जानवरों की तस्वीरें लगाई हैं. बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है.

यह भी पढ़ें : कानपुर शहर के लोग घर मंगा सकेंगे जेल की कैंटीन में बने पकवान, ई-कॉमर्स कंपनियां करेंगी मदद

यह भी पढ़ें : दुर्गा और सावित्री का छूटेगा साथ, जू में बढ़ेगा सफेद बाघों का कुनबा

कानपुर प्राणी उद्यान में दृष्टबाधितों के लिए ब्रेल गैलरी का निर्माण किया गया है.

कानपुर : प्राणी उद्यान से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आई है. यहां पर पहली बार दृष्टबाधितों के लिए एक ब्रेल गैलरी बनाई गई है, जिसके जरिए अब दृष्टबाधित भी कानपुर जू में आकर जानवरों के बारे में जानकारी पा सकेंगे. कानपुर प्राणी उद्यान के क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि इस गैलरी की शुरुआत में अभी हमने 12 प्रमुख जानवरों की तस्वीरें और उनकी विशेषताओं के बारे में बताया है.

प्राणी उद्यान के 50 वर्ष पूरे होने पर गैलरी का निर्माण

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कानपुर जू के क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि कानपुर जू ने अपने 50 साल पूरे कर लिए हैं. और अब इसी खुशी में यहां पर जो दृष्टबाधित आएंगे, उनके लिए इस ब्रेल गैलरी का निर्माण कराया गया है. इससे वह भी यहां पर जानवरों के बारे में जानकारी कर सकेंगे. बताया कि कानपुर प्राणी उद्यान में जो 12 विशेष जानवर मौजूद हैं, इस ब्रेल गैलरी में हमने उन सभी के बारे में जानकारी साझा की है. फिलहाल अभी वहां पर इतना स्पेस नहीं है कि कई अन्य जानवरों की तस्वीरें लगाई जा सकें. इस वजह से हमने अभी शुरुआती दौर पर 12 विशेष जानवरों की तस्वीरों को यहां पर लगाया है. जैसे-जैसे यहां पर आने वाले लोगों की रुचि इस ब्रेल गैलरी के बारे में बढ़ेगी, उसके बाद इसको और भी बढ़ाया जाएगा. बताया कि प्रदेश का यह दूसरा ऐसा प्राणी उद्यान जो है, जहां पर इस गैलरी का निर्माण कराया गया है. इससे पहले इस ब्रेल गैलरी का निर्माण लखनऊ में किया जा चुका है. इस ब्रेल गैलरी में आने वाले दृष्टबाधितों के लिए प्रवेश निशुल्क दिए जाने का फैसला किया गया है.

आईए जानते हैं क्या है ब्रेल लिपि

ब्रेल पद्धति एक तरह की लिपि है. जिसमें स्पर्श कर पढ़ा और लिखा जाता है. नावेद इकराम ने बताया कि ऐसे में कानपुर जू में जो ब्रेल गैलरी बनाई गई है, उसको छूकर यहां पर आने वाले दृष्टबाधित जानवरों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंग. बताया कि जो तस्वीर यहां पर लगाई गई है, उसमें जानवरों के वजन, उनकी डाइट, उनकी विशेषता, उनका जीवन काल, उनके प्रजनन और उनकी लंबाई समेत कई अन्य जानकारी के बारे में लिखा गया है.

इन 12 विशेष जानवरों की इस ब्रेल गैलरी में लगाई गई तस्वीरें

क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि शुरुआत में अभी इस ब्रेल गैलरी में हम लोगों ने मगरमच्छ, बारासिंघा, सारस, हिमालय का काला भालू, एक सिंह वाला गैंडा , भारतीय मोर, लकड़बग्घा, बनमानुष, दरियाई घोड़ा समेत कुल 12 जानवरों की तस्वीरें लगाई हैं. बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है.

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