पटना : तीसरे चरण की बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक की जांच ईओयू कर रही है. बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई की टीम पकड़े गए 200 से ज्यादा शिक्षक अभ्यर्थियों से पूछताछ कर रही है. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. अब इस मामले में ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) की एंट्री हुई है, टीम मामले की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) मामले में क्या फैसला लेती हैं, उस पर नजरें रहेंगी.
क्या शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर हुआ लीक? : बिहार के 26 जिलों के 415 परीक्षा केंद्रों पर तीसरे चरण की बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. सभी परीक्षा केन्द्र पर सीसीटीवी और एआई से नजर रखी जा रही थी. इसी बीच करीब 10 बजे सुबह एक खबर वायरल हुई कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की आशंका है. बताया गया कि बिहार और झारखंड की सामा पर हजारीबाग के करीब एक बैंक्वेट हॉल में कई सॉल्वर जुटे थे.
250 अभ्यर्थी हिरासत में लिए गए : इसके बाद बिहार पुलिस के कान खड़े हुए. टीम हजारीबाग पहुंची और लोकल पुलिस की मदद से ताबड़तोड़ छापेमारी की. यहां एक बैंक्वेट हॉल से पुलिस ने करीब 250 से ज्यादा अभ्यर्थियों को पकड़ा और शुक्रवार की देर रात इन्हें पटना लाया गया. सूत्रों की माने तो इन अभ्यर्थियों को बैंक्वेट हॉल में रातभर शिक्षक भर्ती परीक्षा के सवालों को रटवाया गया, जिसके बाद सुबह सभी अभ्यर्थियों को बस से परीक्षा देने जाना था. लेकिन उससे पहले ही अभ्यर्थियों को पुलिस ने पकड़ लिया.
ईओयू ने कई लोगों पकड़ा : ईओयू सूत्रो की माने तो इन अभ्यर्थियों का सेंटर पटना, बेगूसराय, बिहारशरीफ और आसपास था. परीक्षा के दिन यानी शुक्रवार सुबह सभी को अलग अलग सेंटर पर सभी को ल जाया जा रहा था, लेकिन पुलिस ने सभी को पकड़ लिया. खास बात यह थी कि इनमें से किसी के पास मोबाइल नहीं था. बैंक्वेट हॉल से 500 से ज्यादा एडमिट कार्ड भी मिले है. पुलिस ने पांच लोगों को भी पकड़ा है, जिन्हें पेपर लीक का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. सभी बिहार के रहने वाले हैं.
क्या बोले हजारीबाग एसपी? : वहीं हजारीबाग एसपी ने बताया कि, शुक्रवार को बिहार में परीक्षा संपन्न हुई है. सूचना मिली कि परीक्षा का प्रश्न पत्र हजारीबाग में लीक हो गया. बिहार पुलिस आई थी, लोकल पुलिस की मांग की गई. जिसके बाद बड़ा ऑपरेशन चलाया गया. जिसमें यह सफलता हाथ लगी है. बताया जाता है कि अब तक के इतिहास में यह सबसे बड़ा परीक्षा प्रश्न पत्र लिक केस है.
''बरही से 90, पेलावल से 70, पदमा से 80 कोर्रा से 15 और कटकमसांडी से 15 अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया है. 5 मास्टरमाइंड भी गिरफ्तार हुए हैं. जिनके पास से प्रश्न पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव बरामद किया गया है. मास्टरमाइंड ने छात्रों को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था.'' - अरविंद कुमार सिंह, एसपी, हजारीबाग
पेपर लीक पर तेजस्वी के सवाल : वहीं पेपर लीक की खबरों के बाद अब इस मामले में सियासी हंगामा मच गया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि हमने 17 महीनों में 4 लाख से ज्यादा नौकरियां दी, लेकिन हमारे समय में तो ऐसा नहीं हुआ?. बिहार में तीसरे चरण की BPSC शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक के कारण 4 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को परेशानी हुई है. आखिर ऐसा क्यों हुआ? हमने 𝟏𝟕 महीनों में 𝟒 लाख से अधिक नौकरियां दी, कभी भी किसी नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ.
''हमने केवल 𝟕𝟎 दिनों में दो चरण में 𝟐 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की. शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों चरणों में 𝟏𝟕 लाख से अधिक अभ्यर्थी होने के बावजूद भी कभी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली. सब नियुक्ति निष्पक्ष, पारदर्शी और सहज प्रक्रिया से हुई.'' - तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
ये भी पढ़ें : 'बिहार में 1000 करोड़ की पेपर लीक इंडस्ट्री', सवाल- केंद्र के नए कानून से कसेगा शिकंजा? एक क्लिक में जानें पूरा डिटेल
ये भी पढ़े : क्या है एंटी पेपर लीक बिल, आसान भाषा में समझें