बेमेतरा : छत्तीसगढ़ में तीसरे और अंतिम चरण का मतदान जारी है. बेमेतरा के नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में रामपुर गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया है. ग्रामीणों की मांग है कि उन्होंने कई सालों से मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने की मांग की थी.लेकिन सरकार आई और गई.लेकिन उनकी मांगों पर किसी भी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई.ग्रामीणों ने चुनाव से पहले क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग की थी.लेकिन सड़क नहीं बनीं.इसलिए मतदान वाले दिन ग्रामीणों ने सड़क नहीं बनने पर मतदान का बहिष्कार कर दिया है.
मंत्री दयालदास बघेल का है क्षेत्र : आपको बता दें कि जिस जगह पर मतदान का बहिष्कार हुआ है,वो मंत्री दयालदास बघेल का क्षेत्र है.ग्रामीणों के मुताबिक सड़क नहीं होने पर उनके गांव में एंबुलेंस नहीं आती.यदि कोई बीमार पड़ जाए तो उसे खाट पर टांगकर नजदीकी सड़क वाले गांव तक ले जाया जाता है.
क्यों ग्रामीण कर रहे विरोध : ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी गांव को सड़क नसीब नहीं हुई है.सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा हो रही है. एंबुलेंस भी समय से नहीं पहुंच पाती है. जिससे ग्रामीण काफी दुखी हैं.इसलिए सभी मिलकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. ग्रामीणों के मुताबिक यदि अफसर मीडिया के सामने लिखित में आश्वासन दें दे तो वो मतदान करेंगे.
कलेक्टर को सौंपा था ज्ञापन : रामपुर के ग्रामीणों ने मतदान से एक दिन पहले बेमेतरा कृषि उपज मंडी परिसर में सड़क निर्माण को लेकर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था. ग्रामीणों ने सड़क नहीं होने के कारण मतदान नहीं करने की बात कही थी.वहीं रामपुर के ग्रामीणों को मनाने के लिए बेमेतरा जिला पंचायत के सीईओ टेकचंद अग्रवाल अपर कलेक्टर डॉ अनिल बाजपेयी नवागढ़ के एसडीएम तहसीलदार पटवारी मौके पर मौजूद थे.
पोलिंग बूथ में जड़ा ताला : वहीं दूसरी ओर बेमेतरा जिला के आन्दू घठोली के ग्रामीणों ने पीने की पानी की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार किया है. ग्रामीण महिलाओं ने मतदान केंद्र में ताला जड़ कर सामने खड़े होकर विरोध दर्ज कराया है. मतदान बहिष्कार की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम घनश्याम तंवर, तहसीलदार परमानंद बंजारे और पुलिस की टीम मौके पर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की है,लेकिन ग्रामीणों ने अधिकारियों की बात नहीं मानी.
'' 20 वर्ष से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में पीने की पानी की समस्या है .बच्चे गंदा पानी पीने मजबूर हैं. हम हर मतदान करते है यहां नेताओं ने सिर्फ आश्वासन दिया पानी नहीं.इसलिए जब तक पानी नहीं आएगा मतदान नहीं करेंगे.''- सावित्री बाई, ग्रामीण
पानी नहीं तो मतदान नहीं : आपको बता दें कि पूरा मामला बेमेतरा जिला के आन्दू घठोली का हैं. जहां वर्षों से ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में वाटर लेबल नीचे होने कारण हैंडपंप पानी की जगह हवा उगल रहे हैं. वही स्वच्छ पेयजल जल प्रदाय और नल जल योजना का समुचित लाभ ग्रामीणों को नही मिल पाया हैं. इसलिए समस्या को लेकर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है.