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सरपंच का तुगलकी फरमान, परिवार का हुक्कापानी बंद करने का आरोप - BOYCOTT OF FAMILY

कांकेर के जेपरा गांव में परिवार का हुक्कापानी बंद करने का मामला सामने आया है.

Boycott of family in Jepra village
सरपंच का तुगलकी फरमान (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 8, 2024, 4:23 PM IST

कांकेर : भारत भले ही कितना प्रगतिशील हो जाए.लेकिन आज भी समाज में कुछ ऐसे मामले देखने को मिलते हैं,जो ये सोचने पर मजबूर करते हैं,क्या वाकई हम आजाद हैं.कांकेर के चारामा ब्लॉक में ऐसा ही एक मामला सामने आया है.जहां सरपंच के तुगलकी फरमान के कारण 12 सदस्यों का परिवार परेशान है.परिवार का आरोप है कि गांव के सरपंच ने उनका हुक्कापानी बंद करने का फरमान सुनाया है.जिसके बाद ना तो गांव में उनसे कोई बात कर रहा है और ना ही किसी सामाजिक कार्यक्रम में बुला रहा है.यही नहीं उनकी दुकान से सामान खरीदने वालों पर 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

परिवार का हुक्कापानी बंद : कांकेर कलेक्टर के पास जेपरा गांव से 12 सदस्यीय परिवार मदद की गुहार लगाने पहुंचा है.परिवार का आरोप कि उनके गांव के सरपंच ने पूरे परिवार के साथ अन्याय किया है. परिवार के सदस्यों की माने तो गांव ने फरमान सुनाया है कि उनसे गांव का कोई भी व्यक्ति बात नहीं करेगा.यही नहीं उनके दुकान से कोई भी सामान नहीं खरीदेगा.

Boycott of family in Jepra village
12 सदस्यीय परिवार के सामने आर्थिक संकट (ETV Bharat Chhattisgarh)

सरपंच का तुगलकी फरमान : पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी पैतृक संपत्ति गांव में थी. पैतृक संपत्ति पर ही परिवार ने एक मकान बनवाया.लेकिन मकान बनने के बाद से गांव के सरपंच और दूसरे प्रमुख नाराज हो गए.इसकी वजह परिवार को नहीं बताई गई.फिर एक दिन सभी ने एक मत होकर पूरे परिवार का हुक्कापानी बंद करने का फरमान सुना दिया. अब दो हफ्तों से गांव का कोई भी सदस्य परिवार से किसी भी तरह का कोई नाता नहीं रख रहा है. इसलिए अब परिवार कलेक्टर के पास मदद की गुहार लगाने आया है.

सरपंच का तुगलकी फरमान (ETV Bharat Chhattisgarh)

गांव में एकतरफा फैसला सुनाकर हमारा हुक्का पानी बंद कर दिया गया है.यदि हमसे कोई बात करता है तो उस पर जुर्माना लगाने को कहा जाता है-गीतांजलि सिन्हा, पीड़ित

हम लोगों की गांव में एक पैतृक संपत्ति थी. उस जमीन में घर बनाए हैं. जिससे नाराज होकर ग्राम पंचायत सरपंच और प्रमुखों ने हुक्का पानी बन्द कर दिया है. 12 दिन हो गए हैं. हमारे घर कोई आता नहीं है. ना ही बात करते हैं. हमारा आय का जरिया एक दुकान है. वहां भी कोई नहीं सामान लेने आता.- जितेंद्र सिन्हा, पीड़ित

सरपंच ने दी सफाई : वहीं जेपरा गांव के सरपंच ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है. जेपरा सरपंच भागवत नेताम से ईटीवी भारत ने इस बारे में बात की तो उन्होंने फोन पर जानकारी दी.नेताम के मुताबिक परिवार का हुक्कापानी बंद नहीं किया गया है. बस गांव के लोग बातचीत नहीं करते हैं. गांव में गुड़ी के जमीन में निर्माण कार्य कराया गया है. जिसे मना करने कर परिवार नहीं माना. उसी कारण गांव के लोग बात नहीं करते हैं.



इधर परिवार के लोगों ने एक वीडियो भी बनाया है. जिसमें एक ग्रामीण सायकिल से घूमकर लोगों को ये सूचित कर रहा है कि जितेंद्र सिन्हा और उसके परिवार से हुक्का पानी और आना जाना भी बंद रहेगा. पूरा मामला सामने आने के बाद अब प्रशासन ग्रामीणों से बात करने की बात कह रहा है.

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परिवार का हुक्कापानी बंद : कांकेर कलेक्टर के पास जेपरा गांव से 12 सदस्यीय परिवार मदद की गुहार लगाने पहुंचा है.परिवार का आरोप कि उनके गांव के सरपंच ने पूरे परिवार के साथ अन्याय किया है. परिवार के सदस्यों की माने तो गांव ने फरमान सुनाया है कि उनसे गांव का कोई भी व्यक्ति बात नहीं करेगा.यही नहीं उनके दुकान से कोई भी सामान नहीं खरीदेगा.

Boycott of family in Jepra village
12 सदस्यीय परिवार के सामने आर्थिक संकट (ETV Bharat Chhattisgarh)

सरपंच का तुगलकी फरमान : पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी पैतृक संपत्ति गांव में थी. पैतृक संपत्ति पर ही परिवार ने एक मकान बनवाया.लेकिन मकान बनने के बाद से गांव के सरपंच और दूसरे प्रमुख नाराज हो गए.इसकी वजह परिवार को नहीं बताई गई.फिर एक दिन सभी ने एक मत होकर पूरे परिवार का हुक्कापानी बंद करने का फरमान सुना दिया. अब दो हफ्तों से गांव का कोई भी सदस्य परिवार से किसी भी तरह का कोई नाता नहीं रख रहा है. इसलिए अब परिवार कलेक्टर के पास मदद की गुहार लगाने आया है.

सरपंच का तुगलकी फरमान (ETV Bharat Chhattisgarh)

गांव में एकतरफा फैसला सुनाकर हमारा हुक्का पानी बंद कर दिया गया है.यदि हमसे कोई बात करता है तो उस पर जुर्माना लगाने को कहा जाता है-गीतांजलि सिन्हा, पीड़ित

हम लोगों की गांव में एक पैतृक संपत्ति थी. उस जमीन में घर बनाए हैं. जिससे नाराज होकर ग्राम पंचायत सरपंच और प्रमुखों ने हुक्का पानी बन्द कर दिया है. 12 दिन हो गए हैं. हमारे घर कोई आता नहीं है. ना ही बात करते हैं. हमारा आय का जरिया एक दुकान है. वहां भी कोई नहीं सामान लेने आता.- जितेंद्र सिन्हा, पीड़ित

सरपंच ने दी सफाई : वहीं जेपरा गांव के सरपंच ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है. जेपरा सरपंच भागवत नेताम से ईटीवी भारत ने इस बारे में बात की तो उन्होंने फोन पर जानकारी दी.नेताम के मुताबिक परिवार का हुक्कापानी बंद नहीं किया गया है. बस गांव के लोग बातचीत नहीं करते हैं. गांव में गुड़ी के जमीन में निर्माण कार्य कराया गया है. जिसे मना करने कर परिवार नहीं माना. उसी कारण गांव के लोग बात नहीं करते हैं.



इधर परिवार के लोगों ने एक वीडियो भी बनाया है. जिसमें एक ग्रामीण सायकिल से घूमकर लोगों को ये सूचित कर रहा है कि जितेंद्र सिन्हा और उसके परिवार से हुक्का पानी और आना जाना भी बंद रहेगा. पूरा मामला सामने आने के बाद अब प्रशासन ग्रामीणों से बात करने की बात कह रहा है.

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