वाराणसी: इजरायल आर ईरान के बीच चल रहे युद्ध में वाराणसी निवासी युवक फंस गया है. उसके घर वालों को उसकी चिंता सता रही है. युवक के पिता भी पिछले 10 साल से गायब हैं. उनको खोजने की काफी कोशिश की गई पर उनका पता नहीं चला. घर की जिम्मेदारी और परिवार पर लदे कर्ज को उतारने के लिए युवक इजरायल में काम करने के लिए गया था.
वाराणसी के चोलापुर क्षेत्र के कोहासी गांव निवासी बृजेश कुमार गौरव इजरायल वार जोन में फंसे हुए हैं. वह कौशल विकास संस्था के तहत इजरायल गए थे. वहां एक होटल में जॉब करते हैं. बृजेश की मां आशा देवी ने बताया कि 2 अक्टूबर को जब ईरान ने इजरायल पर हमला किया तब बेटा हम लोगों से वीडियो कॉल पर बात कर रहा था.
उसी समय ईरान की करीब 400 मिसाइलें उनके क्षेत्र के आसपास गिरीं, जिसको उसने बाहर निकल कर हम लोगों को दिखाया. उस दिन आसमान से आग बरस रही थी. भारतीय समयानुसार रात करीब 2 बजे बात हुई थी. आशा ने आगे बताया कि बेटा डरा हुआ है, जब भी कुछ होता है तो वो फोन करता है. वो मुझसे और अपनी बहन से बात करता है. फिलहाल वो अभी सुरक्षित है रोज काम पर जा रहा है.
मां आशा ने आगे बताया कि बिना मजबूरी के कोई अपने बेटे को नहीं बाहर भेजता. चार साल पहले बेटी की शादी कराई थी. जिससे ढाई लाख का कर्ज चढ़ गया था. जिसको उतारने के लिए वो विदेश गया है. तब ये नहीं पता था कि युद्ध शुरू हो जाएगा.
10 साल पहले काम पर निकले पिता घर नहीं लौटे: आशा देवी ने बताया की बृजेश के पिता सुनील कुमार वर्मा 10 साल पहले 2014 में घर से सुबह काम पर निकलें थे लेकिन, आज तक घर वापस नहीं लौटे. आज तक उनका कोई सुराग नहीं मिला जबकि हम लोगों ने उनको खोजने की बहुत कोशिश की.
थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. डीएम एसएसपी से गुहार लगाई. मगर कहीं हमारी सुनवाई नहीं हुई. बृजेश की छोटी बहन ने बताया की जिस दिन ईरान ने हमला किया है भैया घबरा गए हैं. हम लोगों को फोन पर मिसाइल गिरते हुए दिखाया था. भैया को रहने के लिए बंकर मिला हुआ है.
ये भी पढ़ेंः ईरान-इजरायल युद्ध आंखों-देखी; सायरन बजते ही बंकर में घुस जाते