धमतरी: जिले के दो गांव बलियारा और बोड़रा के बीच सीमा विवाद गहराता जा रहा है. दोनों गांव के बीच अब तनाव इतना बढ़ गया है कि बवाल जैसी स्थिति बन गई है. बलियारा गांव के लोगों का आरोप है कि सोमवार को बोड़रा गांव के हजारों लोग गांव पहुंच गए और गांव की जमीन पर उगे हरे भरे पेड़ों को काटने लगे. गांव वालों का कहना है कि बलवा की स्थिति बन गई.
इसी विवाद को लेकर मंगलवार को बलियारा गांव के सैकड़ों ग्रामीण कलेक्टर के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे. ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत बोड़रा के ग्रामीण इकठ्ठा होकर गांव पहुंचे और हुड़दंग किया. गांव वालों ने प्रशासन से इस विवाद को सुलझाने की फरियाद लगाई है.
बलियारा और बोड़रा के बीच सीमा विवाद चल रहा है. 30 जनवरी को शासन ने सीमांकन किया था. ये भी कहा गया कि दोनों पंचायतों को मिलकर ही चिन्हांकित किया जाएगा. लेकिन इसी बोड़रा गांव के लोगों ने 12 फरवरी को चिन्हांकन को लेकर पत्र दिया. लेकिन हमारी मांग है कि पहले बैठकर दोनों गांव वाले समझौता करेंगे उसके बाद ही चिन्हांकन किया जाएगा. लेकिन बोड़रा गांव के लोग सुन नहीं रहे हैं -हीरालाल ध्रुव, सरपंच, बलियारा
सोमवार को हजारों बोड़रा गांव वाले घुस गए और हमारे पेड़ों को काट दिया. सीमा रेखा के विवाद को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रशासन को ज्ञापन देने आए हैं. -सूरज तिवारी, ग्राम पटेल बलियारा
दोनों गांवों के बीच सीमा का क्यों है विवाद: बोड़रा गांव की तरफ बलियारा गांव के लोगों की सवा एकड़ जमीन है जबकि बलियारा गांव में बोडरा गांव की 2 एकड़ जमीन है. इसी जमीन पर बलियारा के चार परिवार पिछले 25 सालों से बसे हैं. इन चार घरों को बचाने बलियारा गांव के लोग बोड़रा वालों से बैठकर बात करना चाहते हैं. बलियारा के सरपंच का कहना है कि "उनकी तरफ 3 एकड़ घाट जमीन भी फंसी है. ऐसे मे बोड़रा के लोग यहां की जमीन छोड़ दें हम उनकी जमीन छोड़ देंगे."
गांवों के बीच मध्यस्थता का काम किया: डिप्टी कलेक्टर तेजपाल ध्रुव ने बताया कि बलियारा और बोड़रा गांव के बीच सीमांकन के विवाद को सुलझा दिया गया है. बलियारा गांव के लोगों का कहना है कि बोड़रा गांव के लोगों से बैठकर समझौता करना चाहते हैं. हमने दोनों गांवों के बीच मध्यस्थता का काम किया है.