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'दिल्ली सरकार कर रही संवैधान‍िक उल्‍लंघन...' भाजपा MLA ने LG को पत्र ल‍िख लगाई हस्‍तक्षेप की गुहार - Vijender Gupta Letter to Delhi LG

Vijender Gupta Letter to Delhi LG: रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने अभी तक छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया है. पांचवे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशें मार्च 2021 तक ही लागू थीं और अब तक दिल्ली सरकार नई सिफारिशें जारी नहीं कर पाई है. उन्होंने इस मामले में उप-राज्‍यपाल व‍िनय कुमार सक्‍सेना को पत्र ल‍िखकर हस्तक्षेप की मांग की है.

रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता
रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 25, 2024, 11:25 AM IST

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली सरकार की ओर से छठे व‍ित्त आयोग का गठन नहीं क‍िये जाने के मामले पर अब दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने उप-राज्‍यपाल व‍िनय कुमार सक्‍सेना को पत्र ल‍िखा है. उन्होंने, "आरोप लगाया है क‍ि आयोग गठन नहीं करके दिल्ली सरकार खुले तौर पर संविधान का उल्लंघन कर रही है. इसको लेकर एलजी सक्‍सेना से संवैधानिक उल्लंघन में हस्तक्षेप की मांग की गई है. इस आयोग का कार्यकाल तीन साल पहले अप्रैल 2021 में समाप्‍त हो चुका है. बावजूद इसके डीएफसी गठन नहीं किया गया है."

विजेंद्र गुप्ता का उप-राज्‍यपाल को पत्र
विजेंद्र गुप्ता का उप-राज्‍यपाल को पत्र (ETV Bharat Reporter)

"दिल्ली सरकार कर रही संवैधान‍िक उल्‍लंघन"

विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि, "पांचवें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशें केवल मार्च 2021 तक लागू थीं. तब से, दिल्ली सरकार द्वारा कोई नई सिफारिशें जारी नहीं की गई हैं. इसके चलते सरकार अभी भी नगर निगम को पांचवें डीएफसी की पुरानी सिफारिशों के आधार पर ही फंड मुहैया करवा रही है जोक‍ि गैर संवैधानिक हैं और दिल्ली वासियों के प्रति सरासर नाइंसाफी है."

गुप्ता ने एलजी को अवगत कराते हुए यह भी लिखा है कि, "पांचवे दिल्ली वित्त आयोग की सिफ़ारिश के आधार पर फंड दिए जाने की प्रथा न केवल असंवैधानिक है बल्‍क‍ि अपर्याप्त भी है. उन्‍होंने कहा क‍ि 5वें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिश 3 विभाजित नगर निगमों के लिये थीं जो वर्तमान एकीकृत दिल्ली नगर निगम की परिस्थितियों से पूरी तरह अलग हैं."

यह भी पढ़ें- द‍िल्‍ली LG ने DDCD को किया भंग, कहा- पसंदीदा लोगों को बैठाने के लिए बनी थी कमेटी

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि, "यह अराजकता की स्थिति आम आदमी पार्टी सरकार की अक्षमता को दर्शाती है. पहले, आप पार्टी की सरकार ने दिल्ली नगर निगम को वित्तीय कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराया और इसे वित्तीय संकट का कारण बताया. हाल ही में, केजरीवाल सरकार ने बिना किसी ठोस आधार के केंद्र सरकार पर दोषारोपण किया, जबकि केंद्र सरकार का नगर निगमों से सीधा लेन देन का कोई प्रावधान ही नहीं है."

गुप्ता ने कहा कि, "दिल्ली सरकार ने चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह स्वीकार कर लिया था लेकिन उन्हें लागू नहीं किया. तीसरे डीएफसी की सिफारिश के आधार पर धन आवंटन जारी रखा. यह भी आप सरकार की ओर से किया गया एक स्पष्ट संवैधानिक उल्लंघन था. केजरीवाल सरकार ने अप्रैल 2021 से छठे डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार धन उपलब्ध कराना था, लेकिन संवैधानिक जि‍म्मेदारी को निभाने के बजाय शराब घोटाले में व्यस्त हो गये."

यह भी पढ़ें- दिल्ली के गांवों में होने वाले विकास कार्यों से जुड़ी गतिविधियों को जान सकेंगे लोग

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विजेंद्र गुप्ता का उप-राज्‍यपाल को पत्र
विजेंद्र गुप्ता का उप-राज्‍यपाल को पत्र (ETV Bharat Reporter)

"दिल्ली सरकार कर रही संवैधान‍िक उल्‍लंघन"

विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि, "पांचवें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशें केवल मार्च 2021 तक लागू थीं. तब से, दिल्ली सरकार द्वारा कोई नई सिफारिशें जारी नहीं की गई हैं. इसके चलते सरकार अभी भी नगर निगम को पांचवें डीएफसी की पुरानी सिफारिशों के आधार पर ही फंड मुहैया करवा रही है जोक‍ि गैर संवैधानिक हैं और दिल्ली वासियों के प्रति सरासर नाइंसाफी है."

गुप्ता ने एलजी को अवगत कराते हुए यह भी लिखा है कि, "पांचवे दिल्ली वित्त आयोग की सिफ़ारिश के आधार पर फंड दिए जाने की प्रथा न केवल असंवैधानिक है बल्‍क‍ि अपर्याप्त भी है. उन्‍होंने कहा क‍ि 5वें दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिश 3 विभाजित नगर निगमों के लिये थीं जो वर्तमान एकीकृत दिल्ली नगर निगम की परिस्थितियों से पूरी तरह अलग हैं."

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विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि, "यह अराजकता की स्थिति आम आदमी पार्टी सरकार की अक्षमता को दर्शाती है. पहले, आप पार्टी की सरकार ने दिल्ली नगर निगम को वित्तीय कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराया और इसे वित्तीय संकट का कारण बताया. हाल ही में, केजरीवाल सरकार ने बिना किसी ठोस आधार के केंद्र सरकार पर दोषारोपण किया, जबकि केंद्र सरकार का नगर निगमों से सीधा लेन देन का कोई प्रावधान ही नहीं है."

गुप्ता ने कहा कि, "दिल्ली सरकार ने चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह स्वीकार कर लिया था लेकिन उन्हें लागू नहीं किया. तीसरे डीएफसी की सिफारिश के आधार पर धन आवंटन जारी रखा. यह भी आप सरकार की ओर से किया गया एक स्पष्ट संवैधानिक उल्लंघन था. केजरीवाल सरकार ने अप्रैल 2021 से छठे डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार धन उपलब्ध कराना था, लेकिन संवैधानिक जि‍म्मेदारी को निभाने के बजाय शराब घोटाले में व्यस्त हो गये."

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