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प्रदूषण से न‍िपटने में नाकाम रही केजरीवाल सरकार, आवंट‍ित फंड नहीं कर पा रही खर्च - विजेन्द्र गुप्ता - Vijendra Gupta BJP attack AAP

BJP attack on AAP: दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को प्रदूषण से न‍िपटने में नाकाम बताया है. द‍िल्‍ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को लेकर इतनी लापरवाह है कि इस मद में आबंटित राशि का 70 फीसदी खर्च तक नहीं कर पाई है. जिसका परिणाम है दिल्ली में प्रदूषण तय मानकों से काफी ज्यादा है जो खतरे का संकेत है.

बीजेपी का आप पर एक और हमला कहा प्रदूषण से न‍िपटने में नाकाम रही केजरीवाल सरका
बीजेपी का आप पर एक और हमला कहा प्रदूषण से न‍िपटने में नाकाम रही केजरीवाल सरका (ETV BHARAT REPORTER)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 20, 2024, 8:05 PM IST

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार पर प्रदूषण की समस्‍या से न‍िपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है. व‍िजेंद्र गुप्‍ता ने आप सरकार पर हमला बोलते हुए उसे इस समस्‍या के समाधान करने में पूरी तरह से विफल बताया है. कहा कि एक हालिया स्‍टडी में खुलासा हुआ है क‍ि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के हिस्से के रूप में केंद्र से प्राप्त कुल राशि का 70 फीसदी से ज्यादा यूं ही पड़ा ज‍िसको खर्च ही नहीं क‍िया जा सका है.

इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी द‍िल्‍ली, देश के दूसरे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कलाइमेट फंड के इस्‍तेमाल के मामले में सबसे खराब स्थिति में है. रिपोर्ट ने एनसीएपी के 5 सालों के संचालन में प्रबंधन पर चिंता जताई है.

रिपोर्ट में यह उजागर किया गया है कि दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, एनसीएपी के तहत अधिकांश फंड को धूल नियंत्रण उपायों पर आवंटित किया गया है,गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार की अक्षमता स्पष्ट है क्योंकि उन्होंने स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने के बजाय लगातार पड़ोसी राज्यों को दोषी ठहराया है. प्रदूषण स्तर इतना गंभीर हो गया है कि शहर रहने योग्य नहीं रहा है.

गुप्ता ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आबंटित की गए फंड का अच्‍छे और सही तरह से इस्‍तेमाल क‍िया होता, तो केंद्र सरकार का 2025 तक प्रदूषण में कम से कम 40 फीसदी की कमी लाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता था. इससे दिल्ली के लोग बीमारियों की चपेट में कम से कम आते और ज्‍यादा स्वस्थ रह पाते.

बीजेपी व‍िधायक ने बल देते हुए कहा क‍ि केजरीवाल सरकार जनता के स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है. वह स‍िर्फ राजनीति पर ध्यान केंद्रित कर सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालने का काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली कई संकटों का सामना कर रही है ज‍िसमें पेयजल की कमी से लेकर वाटर लॉग‍िंग, ट्रैफ‍िक जाम, समय पर चेतावनी के बावजूद मुनक नहर बैराज का उल्लंघन, दिल्ली जल बोर्ड में 72,000 करोड़ रुपये का घाटा, डीटीसी बस खरीद में करोड़ों का भ्रष्टाचार और शराब घोटाला आद‍ि प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं. शराब घोटाले में खुद मुख्यमंत्री और उनके मंत्री तक जेल में हैं.

ये भी पढ़ें : AAP के हर‍ियाणा चुनाव लड़ने पर बोले वीरेंद्र सचदेवा- लोकसभा चुनाव में करारी हार के सदमें में आप कर रही बहकी बातें

उधर, द‍िल्‍ली बीजेपी के मंत्री हरीश खुराना ने भी 'एक्‍स' पर पोस्‍ट शेयर कर सीएम अरव‍िंद केजरीवाल पर न‍िशाना साधा है. खुराना ने कहा क‍ि अरव‍िंद केजरीवाल फिर एक बार एक्सपोज हो गए हैं दिल्ली में प्रदूषण PM 2.5 तय मानको से 2.5 गुना ऊपर और PM 10 तय मानको से पूरे साल 3.5 गुना ऊपर रहता है. हालत यह हैं क‍ि 70 फीसदी फंड जो प्रदूषण दूर करने के लिए रखा जाता है, उसे भी आप सरकार खर्च नहीं कर पा रही है. यह जानना ज़रूरी है क‍ि PM 2.5 के तय मानक 40 है लेकिन औसतन 106 रहता है और PM 10 का तय मानक 60 है लेकिन साल का औसत 219 रहता है. उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि आमतौर पर जब बारिश होती है और मौसम साफ रहता है तो इसका क्रेडिट भी टीम केजरीवाल ही लेती है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली: मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार से बजट में एमसीडी के लिए 10 हजार करोड़ देने की मांग की -

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इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी द‍िल्‍ली, देश के दूसरे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कलाइमेट फंड के इस्‍तेमाल के मामले में सबसे खराब स्थिति में है. रिपोर्ट ने एनसीएपी के 5 सालों के संचालन में प्रबंधन पर चिंता जताई है.

रिपोर्ट में यह उजागर किया गया है कि दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, एनसीएपी के तहत अधिकांश फंड को धूल नियंत्रण उपायों पर आवंटित किया गया है,गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार की अक्षमता स्पष्ट है क्योंकि उन्होंने स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने के बजाय लगातार पड़ोसी राज्यों को दोषी ठहराया है. प्रदूषण स्तर इतना गंभीर हो गया है कि शहर रहने योग्य नहीं रहा है.

गुप्ता ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आबंटित की गए फंड का अच्‍छे और सही तरह से इस्‍तेमाल क‍िया होता, तो केंद्र सरकार का 2025 तक प्रदूषण में कम से कम 40 फीसदी की कमी लाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता था. इससे दिल्ली के लोग बीमारियों की चपेट में कम से कम आते और ज्‍यादा स्वस्थ रह पाते.

बीजेपी व‍िधायक ने बल देते हुए कहा क‍ि केजरीवाल सरकार जनता के स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है. वह स‍िर्फ राजनीति पर ध्यान केंद्रित कर सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालने का काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली कई संकटों का सामना कर रही है ज‍िसमें पेयजल की कमी से लेकर वाटर लॉग‍िंग, ट्रैफ‍िक जाम, समय पर चेतावनी के बावजूद मुनक नहर बैराज का उल्लंघन, दिल्ली जल बोर्ड में 72,000 करोड़ रुपये का घाटा, डीटीसी बस खरीद में करोड़ों का भ्रष्टाचार और शराब घोटाला आद‍ि प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं. शराब घोटाले में खुद मुख्यमंत्री और उनके मंत्री तक जेल में हैं.

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उधर, द‍िल्‍ली बीजेपी के मंत्री हरीश खुराना ने भी 'एक्‍स' पर पोस्‍ट शेयर कर सीएम अरव‍िंद केजरीवाल पर न‍िशाना साधा है. खुराना ने कहा क‍ि अरव‍िंद केजरीवाल फिर एक बार एक्सपोज हो गए हैं दिल्ली में प्रदूषण PM 2.5 तय मानको से 2.5 गुना ऊपर और PM 10 तय मानको से पूरे साल 3.5 गुना ऊपर रहता है. हालत यह हैं क‍ि 70 फीसदी फंड जो प्रदूषण दूर करने के लिए रखा जाता है, उसे भी आप सरकार खर्च नहीं कर पा रही है. यह जानना ज़रूरी है क‍ि PM 2.5 के तय मानक 40 है लेकिन औसतन 106 रहता है और PM 10 का तय मानक 60 है लेकिन साल का औसत 219 रहता है. उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि आमतौर पर जब बारिश होती है और मौसम साफ रहता है तो इसका क्रेडिट भी टीम केजरीवाल ही लेती है.

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