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लोकसभा चुनाव के पहले चरण में प्रचार में बीजेपी ने किया टॉप, फिसड्डी साबित हुए कांग्रेस के नेता - lok sabha election 2024

उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ. इन सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए राजनीतिक दलों ने ताकत झोंक दी थी. जानिए किस पार्टी ने सबसे अधिक प्रचार-प्रसार किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 19, 2024, 7:52 PM IST

लखनऊ: पहले चरण की जिन आठ लोकसभा सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ, उन पर चुनाव प्रचार 17 अप्रैल को थम गया था. इन सीटों पर विजय श्री हासिल करने के लिए तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं ने जमकर रैलियां और जनसभाएं कीं. उत्तर प्रदेश के नेताओं ने तो इन सीटों पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के साथ कांग्रेस पार्टी के भी नेता चुनाव मैदान में उतरे. जिन पार्टियों के बड़े नेताओं ने इन सीटों को अपने पाले में करने के लिए जमकर पसीना बहाया, उनकी मेहनत कितनी सफल हुई, यह तो 4 जून को पता चलेगा. इन सभी सीटों पर भाजपा के नेताओं ने सबसे ज्यादा रैलियां कीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रचार किया, जबकि कांग्रेस के बड़े नेता रैलियों से दूरी ही बनाए रखे. प्रियंका गांधी ने सिर्फ एक रोड शो किया, जबकि राहुल गांधी ने अखिलेश यादव के साथ सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कोई भी बड़ा नेता पहले चरण में उत्तर प्रदेश में झांकने नहीं आया.



19 अप्रैल को पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर और मुजफ्फरनगर में मतदान हुआ. इन सभी सीटों पर प्रचार का आगाज भारतीय जनता पार्टी ने किया था. इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस के नेताओं ने भी रैलियां और जनसभाएं कीं. सबसे ज्यादा जोर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने ही लगाया है. एनडीए गठबंधन के सहयोगी इन सीटों पर प्रचार के लिए उतरे. पहले चरण की इन सीटों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार से पांच जनसभाएं और रोड शो किया. उन्होंने मेरठ सहारनपुर और पीलीभीत में चुनावी रैलियां की और गाजियाबाद में रोड शो किया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 22 जनसभाओं को संबोधित किया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी करीब आधा दर्जन रैलियां की हैं. मुजफ्फरनगर, बिजनौर, पीलीभीत, मुरादाबाद और नगीना में जनसभाएं कीं. कांग्रेस के बड़े नेताओं की बात की जाए तो राहुल गांधी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अखिलेश यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने उतरे, लेकिन कोई भी जनसभा नहीं की. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में सहारनपुर में रोड शो किया था. उन्होंने किसी भी सीट पर कोई रैली नहीं की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पहले चरण की एक सीट पर एक भी रैली नहीं की. इसके अलावा राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी एक सीट पर चुनाव प्रचार किया.

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी पहले चरण की एक सीट पर चुनाव प्रचार करने उतरी थी. पार्टी के बिजनौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी के पक्ष में मायावती ने जनसभा की. इसके अलावा पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर व उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने भी नगीना लोकसभा सीट से चुनाव प्रचार के शुरुआत की थी. राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी अपनी पार्टी की लोकसभा सीट पर तो जनसभा और रैली की ही, बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में भी दो रैलियों और जनसभाओं को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी जयंत चौधरी ने मंच साझा कर एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में समर्थन जुटाया.

लखनऊ: पहले चरण की जिन आठ लोकसभा सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ, उन पर चुनाव प्रचार 17 अप्रैल को थम गया था. इन सीटों पर विजय श्री हासिल करने के लिए तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं ने जमकर रैलियां और जनसभाएं कीं. उत्तर प्रदेश के नेताओं ने तो इन सीटों पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के साथ कांग्रेस पार्टी के भी नेता चुनाव मैदान में उतरे. जिन पार्टियों के बड़े नेताओं ने इन सीटों को अपने पाले में करने के लिए जमकर पसीना बहाया, उनकी मेहनत कितनी सफल हुई, यह तो 4 जून को पता चलेगा. इन सभी सीटों पर भाजपा के नेताओं ने सबसे ज्यादा रैलियां कीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रचार किया, जबकि कांग्रेस के बड़े नेता रैलियों से दूरी ही बनाए रखे. प्रियंका गांधी ने सिर्फ एक रोड शो किया, जबकि राहुल गांधी ने अखिलेश यादव के साथ सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कोई भी बड़ा नेता पहले चरण में उत्तर प्रदेश में झांकने नहीं आया.



19 अप्रैल को पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर और मुजफ्फरनगर में मतदान हुआ. इन सभी सीटों पर प्रचार का आगाज भारतीय जनता पार्टी ने किया था. इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस के नेताओं ने भी रैलियां और जनसभाएं कीं. सबसे ज्यादा जोर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने ही लगाया है. एनडीए गठबंधन के सहयोगी इन सीटों पर प्रचार के लिए उतरे. पहले चरण की इन सीटों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार से पांच जनसभाएं और रोड शो किया. उन्होंने मेरठ सहारनपुर और पीलीभीत में चुनावी रैलियां की और गाजियाबाद में रोड शो किया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 22 जनसभाओं को संबोधित किया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी करीब आधा दर्जन रैलियां की हैं. मुजफ्फरनगर, बिजनौर, पीलीभीत, मुरादाबाद और नगीना में जनसभाएं कीं. कांग्रेस के बड़े नेताओं की बात की जाए तो राहुल गांधी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अखिलेश यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने उतरे, लेकिन कोई भी जनसभा नहीं की. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में सहारनपुर में रोड शो किया था. उन्होंने किसी भी सीट पर कोई रैली नहीं की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पहले चरण की एक सीट पर एक भी रैली नहीं की. इसके अलावा राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी एक सीट पर चुनाव प्रचार किया.

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी पहले चरण की एक सीट पर चुनाव प्रचार करने उतरी थी. पार्टी के बिजनौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी के पक्ष में मायावती ने जनसभा की. इसके अलावा पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर व उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने भी नगीना लोकसभा सीट से चुनाव प्रचार के शुरुआत की थी. राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी अपनी पार्टी की लोकसभा सीट पर तो जनसभा और रैली की ही, बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में भी दो रैलियों और जनसभाओं को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी जयंत चौधरी ने मंच साझा कर एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में समर्थन जुटाया.


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