पटना : सोमवार का दिन बिहार के राजनीति के लिए काफी उथल-पुथल भरा दिन रहा. विपक्ष की ओर से सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले खेला होने की बड़ी-बड़ी दावे किए जा रहे थे. लेकिन जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के साथ ही खेला हो गया. राष्ट्रीय जनता दल के तीन विधायक नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रहलाद यादव सत्ता पक्ष की ओर बैठे नजर आए. यहीं से सब खेल हो गया. विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ वोटिंग में एनडीए की ओर से 125 वोट मिले और महागठबंधन की ओर से 112 वोट. तय हो गया कि एनडीए के पास बहुमत है और खेला करने का दावा करने वाले के साथ ही खेल हो गया.
'कोई हॉर्स ट्रेडिंग नहीं' : विश्वास मत प्राप्त करने के बाद भाजपा विधायक नितिन नवीन ने कहा कि कोई हॉर्स ट्रेडिंग नहीं हुई है. सब कोई खुलेआम सामने बैठे थे. खेला खेलने के शौकीन लोगों को खेलने के लिए खिलौना दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस परिवार में खेला चल रहा हो वह दूसरों को ना देखें और अपना घर देखें. तेजस्वी यादव द्वारा नितिन नवीन को यह कहे जाने की हम चाहेंगे कि आपको पथ निर्माण मंत्री का पद मिल जाए.
'एक परिवार को छोड़कर दूसरे पर भरोसा नहीं': तेजस्वी के इस तंज पर नितिन नवीन ने कहा कि ''हमें तेजस्वी यादव की सिफारिश की कोई आवश्यकता नहीं. मेरे लिए मेरी पार्टी ही काफी है. राजद के अंदर भारी अविश्वास है, क्योंकि एक परिवार के अलावा किसी पर उन्हें भरोसा नहीं है. सभी महत्वपूर्ण विभागों को अपने पास ही तेजस्वी यादव रखे थे, उनकी नजर में पार्टी का दूसरा कोई व्यक्ति काबिल नहीं था.''
'बाड़ेबंदी न की होती तो बहुत से विधायक मतदान करते' : भाजपा विधायक प्रमोद कुमार ने कहा कि यह होना पहले से तय था. राष्ट्रीय जनता दल की जो आईडियोलॉजी है एक परिवार में ही सीमित है. 7 से 8 विभाग के मंत्री पद एक ही परिवार में थे. पार्टी के कई विधायकों को नाराजगी है और चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएंगे, काफी लोग राजद से भाजपा में आएंगे. तेजस्वी यादव ने अपने विधायकों की बंदी नहीं की होती तो काफी विधायक आज सत्ता पक्ष की तरफ बैठकर मत डालते.
'तेजस्वी ने खरीदफरोख्त का माहौल बनाने का प्रयास किया' : उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव को हमने बार-बार चेताया था कि खेला खेलने के चक्कर में नहीं पड़े, क्योंकि क्रिकेट में सफल नहीं हो पाए थे. जिंदगी के खेल में फेल हो गए, लेकिन राजनीति के खेल में झमेला में फंस गए. तेजस्वी यादव ने लोकतंत्र को कमजोर करने का, खरीद फरोख्त का माहौल बनाने का जो प्रयास किया उसकी यहां झांकी देखने को मिली है. पूरी फिल्म अभी बाकी है. तेजस्वी यादव के पास कोई विजन नहीं है. उनके रोजगार के सवाल पर हमारे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने सदन में बयान दे दिया है. वहीं नियोजित शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा से जुड़े सवाल पर विजय सिन्हा ने चुप्पी साध ली.
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