जयपुर : कांग्रेस विधायक रफीक खान के साथ उनके घर पर आकर सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट रह चुके एक युवक ने मारपीट की. घटना के बाद तुरंत रफीक खान और उनके समर्थकों ने युवक को मौके पर ही पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया. रफीक खान के साथ हुई मारपीट की घटना की कांग्रेस ने निंदा की. साथ ही भाजपा भी रफीक खान के समर्थन में उतर आई. जयपुर के सिविल लाइन से भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि मामला कुछ, लेकिन इस तरह से कानून हाथ में लेना गलत है. अगर किसी तरह की कोई नाराजगी है भी तो उसके लिए न्यायपालिका है.
नीलामी की जांच करेगी एसीबी : शास्त्री नगर में कांवटिया सर्किल के पास एक निजी हॉस्पिटल के पास खाली भूखंड की नगर निगम हेरिटेज ने 10 जून को नीलामी कर दी. इधर, मामले का पता चलाने पर स्थानीय लोगों के साथ ही विधायक गोपाल शर्मा ने नीलामी पर आपत्ति जताई. विधायक गोपाल शर्मा ने नीलामी मामले में भ्रष्टाचार का खेल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को इस संबंध में एसीबी में शिकायत की गई है. शर्मा ने कहा कि शिकायत के बाद गुरुवार को एसीबी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. उन्होंने खुद चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह से मिलकर इस खाली जमीन पर सुपर स्पेशियलिटी वार्ड बनाने का आग्रह किया था. राज्य सरकार 54 करोड़ रुपए की परियोजना पर विचार भी कर रही थी.
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इस बीच हेरिटेज नगर निगम मेयर ने अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन की नीलामी कर दी. हेरिटेज नगर निगम की ओर से भ्रमित करने के लिए विज्ञापन दिया गया था. इससे साफ है कि कोई न कोई इंटेंशन है. सरकारी अस्पताल के पास प्राइवेट हॉस्पिटल को जगह देना भी संदेह उत्पन्न करता है. गोपाल शर्मा ने कहा कि इस विषय को राजनीतिक नहीं बनना चाहिए, लेकिन बड़े अस्पताल को जमीन देने के मामले की जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में भ्रष्टाचार हुआ है. लोगों के मकान के पट्टे अपने नाम से करवा लिए गए हैं. अगर अस्पताल को जगह की जरूरत नहीं है तो लोक कल्याण के लिए इसे दे देनी चाहिए, लेकिन निगम के अफसरों की मंशा लोक कल्याण की नहीं है. पिछले 5 साल में ब्यूरोक्रेसी जनता पर हावी रही है. व्यावसायिक अस्पताल के नाम पर जमीन देना धोखा है. जमीन का आवंटन करने से पहले किसी प्रकार की शर्तें नहीं लगाई गई. ऐसे में अब ये जनता से जुड़ी बात है. इसलिए यह साफ होना जरूरी है.
कानून हाथ में लेना गलत : गोपाल शर्मा ने कहा कि सेना के जवान का सम्मान अपनी जगह है, लेकिन किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. अगर किसी तरह की कोई नाराजगी है और उन्हें लगता है कि उनके साथ कोई अन्याय हुआ है तो उसके लिए हमारे संविधान ने हमें कानूनी अधिकार दिए हैं. उन कानूनी अधिकारों के जरिए आप अपनी बात रखें. इस तरह से किसी भी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि से मारपीट करना निंदनीय ही नहीं, बल्कि कानूनी अपराध भी है.
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गोपाल शर्मा ने कहा कि रफीक खान एक जनप्रतिनिधि हैं. इस तरह से उनके साथ जो मारपीट हुई, वो निंदनीय घटना है. इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए. बता दें कि कांग्रेस विधायक रफीक खान गुरुवार दोपहर को बनीपार्क स्थित अपने आवास के सामने गाड़ी में बैठने के लिए जा रहे थे. उसी दौरान एक युवक ने अचानक उनसे मारपीट शुरू कर दी. घटना के बाद तुरंत रफीक खान और उनके समर्थकों ने युवक को मौके पर ही पकड़ लिया. उसके बाद रफीक खान के समर्थकों ने युवक के साथ भी मारपीट की.
विधायक रफीक खान की ओर से पुलिस को इसकी सूचना दी गई और युवक को सदर थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया. मारपीट करने वाले युवक का नाम विकास जाखड़ बताया जा रहा है. आरोपी सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट रह चुका है, जिसने वीआरएस ले लिया है. वहीं, इस घटना का लाइव वीडियो भी सामने आया है.