शिमला: हिमाचल सरकार द्वारा बीते दिन ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन पर पैसे वसूलने को लेकर भाजपा भड़क गई है. भाजपा ने सुक्खू सरकार पर आम जनता पर महंगाई का बोझ डालने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही डीजल पर 7 रु टैक्स बढ़ाकर जनता पर 2500 करोड़ का कमर तोड़ बोझ डाल दिया था.
राजवी बिंदल ने कहा, "सुक्खू सरकार ने एचआरटीसी में सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को हटा कर जनता को त्रस्त करने का काम किया है. महिलाओं को बस किराए में लाभ बंद, सामान पर शुक्ल लगाना, एचआरटीसी बसों में रियायती सुविधा का लाभ उठाने वाले सभी पुलिस कर्मियों, जेल अधिकारी, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सुरक्षा सेवाएं स्टाफ को अब बस यात्रा की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी. ऐसा अनुमान है कि आने वाले समय में बस किराया और बढ़ सकता है".
बिंदल ने कहा, "जब भी चुनाव आते है तो सरकार के खजाने भर जाते, जैसे ही चुनाव समाप्त हो जाते है. वैसे ही आत्मनिर्भर को गाथा शुरू हो जाती है और टैक्स शुरू हो जाता है. चुनाव में गारंटी और चुनाव के बाद यह कांग्रेस सरकार किसान और जनता को महंगाई का तोहफा देती है. हिमाचल में बिजली दरों में 19% तक सेस का इजाफा कर दिया गया. वहीं, 125 यूनिट की निशुल्क बिजली बंद होने से करीब साढ़े दस लाख उपभोक्ता इस योजना से बाहर हो जाएंगे. पूर्व की जयराम सरकार ने साल 2022 में 14 लाख उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली योजना से फायदा पहुंचाया था. कांग्रेस ने चुनाव में 300 यूनिट फ्री बिजली का वादा किया था, वह तो अब एक सपना ही बन कर रह गया".
बिंदल ने कहा कांग्रेस सरकार ने अब तो पानी भी महंगाई के गोले में ले लिया है. गांव में जनता का मुफ्त पानी हुआ बंद, यह है कांग्रेस की जनविरोधी सरकार. हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अब पानी के बिल चुकाने होंगे, प्रदेश में लोगों को फ्री में कुछ नहीं मिलेगा. लोगों से अब हर महीने पानी का 100 रुपए बिल प्रति कनेक्शन वसूला जाएगा. इसके अतिरिक्त अब जनता को 50 हजार की इनकम सर्टिफिकेट देना होगा, यह सर्टिफिकेट कौन देगा और कौन एकत्रित करेगा. ग्रामीण इलाकों में 10 हजार पेयजल योजनाओं का पानी पी रहे 17 लाख उपभोक्ताओं को पानी की कीमत चुकानी होगी. राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल करीब 856 करोड़ रुपए का बोझ डाल दिया है.
उन्होंने कहा की डिपुओं में सरसों का तेल 13 रुपए महंगा कर सरकार ने जनता पर बोझ डालने का काम किया है. प्रदेश भर के सस्ते राशन के डिपुओं में मिलने वाला सरसों तेल महंगा हो गया है. राशनकार्ड धारकों को सरसों तेल के 13 रुपए अधिक चुकाने पड़ेंगे, जिसका सीधा असर प्रदेश के साढ़े 19 लाख राशनकार्ड धारकों पर पड़ेगा.
बिंदल ने कहा की हिमाचल में कांग्रेस सरकार द्वारा 1500 संस्थान, स्कूल, सहारा योजना, हिमकेयर, शगुन योजना, स्वभलंबन योजना को निर्जीव कर दिया गया है. इस सभी योजनाओं के लिए धन का प्रबंधन नहीं किया जा रहा है, जिससे हिमाचल के सभी वर्गों को मिल रहे लाभ को रोक दिया गया है. सरकार की मंशा जनता को मिल रही सुविधा से दूर करना है.
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