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'हिमाचल सरकार का हरियाणा में मिली हार से है कनेक्शन, फजीहत से बचने के लिए सीएम कर रहे बयानबाजी'

राजीव बिंदल ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने सुक्खू सरकार पर 1500 सरकारी संस्थानों को बंद करने का आरोप लगाया.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना
राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना (ETV BHARAT)

शिमला: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर सरकारी संस्थानों को बंद करने और जनता पर टैक्स का बोझ लादने का आरोप लगाए. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार पर कई सवाल खड़े किए.

राजीव बिंदल ने कहा कि, 'हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस की हार और उसके साथ हिमाचल की सरकार का कनेक्शन है. हरियाणा में मिली हार के बाद फजीहत से बचने के लिए खुद सीएम तरह तरह की बयानबाजी पर उतर आए हैं. सीएम यह कहना की भाजपा ने 5000 करोड़ रुपये का बोझ हिमाचल की जनता पर लाद दिया और 1500 संस्थान खोल दिए, तो यह संस्थान, स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलेज, पीएचसी, पटवार सर्कल, बीडीओ के दफ्तर यह सब विकास और जनसेवा के माध्यम हैं. अगर इससे जनता पर पैसे का बोझ पड़ता है तो सच में किसी भी सरकार को ये करना चाहिए. 70 साल के इतिहास में किसी भी सरकार ने संस्थान बंद नहीं किए, लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 1500 के लगभग संस्थान बंद किए. सरकार का कहना है कि संस्थानों को चलाने के लिए धन नहीं है, लेकिन स्थिति बिल्कुल अलग है. कांग्रेस के पास अपने मित्रों को देने के लिए धन की कोई कमी नहीं है, गैरकानूनी तौर पर सीपीएस लगाने हों या उनके लिए व्यवस्था करनी हो उसने लिए धन की कमी नहीं है, लेकिन संस्थान चलाने के नाम पर वहां धन की कमी आड़े आ रही है.'

राजीव बिंदल ने कहा कि, 'गरीब की जेब में से पैसा निकालना, चाहे वो पानी, बिलजी के ऊपर टैक्स लगाना, बिजली का रेट बढ़ाना, स्टांप ड्यूटी को बढ़ाना, डिपो के राशन के दाम को बढ़ाना, बिजली की सब्सिडी को खत्म करना, यह सारी चीजें कर कांग्रेस हिमाचल की जनता से और पैसा वसूल कर रही है और विकास के नाम पर सुक्खू सरकार शून्य है. सीएम इसे व्यवस्था परिवर्तन का नाम दे कर हीरो बनने का प्रयास कर रहे हैं. केंद्र सरकार के सहयोग के बिना एक मिनट भी यह सरकार चल नहीं सकती और जब यह बात आती है तो फिर सीएम और उनके मंत्री बयानों की झड़ी लगाते हैं. दिल्ली में एक मंत्री केंंद्र से मदद की गुहार लगाता है और प्रदेश के लिए सहयोग की मांग करता है, लेकिन दूसरी ओर सीएम, उनके मंत्री हिमाचल में बैठ कर केंद्र की सरकार, मंत्रियों और पीएम को गाली देने का काम करते हैं. ये पूरी की पूरी दोगली बात है.'

ये भी पढ़ें: "सुक्खू सरकार है कर्मचारियों की हितैषी, डबल इंजन सरकार नहीं दे पाई थी OPS"

शिमला: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर सरकारी संस्थानों को बंद करने और जनता पर टैक्स का बोझ लादने का आरोप लगाए. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार पर कई सवाल खड़े किए.

राजीव बिंदल ने कहा कि, 'हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस की हार और उसके साथ हिमाचल की सरकार का कनेक्शन है. हरियाणा में मिली हार के बाद फजीहत से बचने के लिए खुद सीएम तरह तरह की बयानबाजी पर उतर आए हैं. सीएम यह कहना की भाजपा ने 5000 करोड़ रुपये का बोझ हिमाचल की जनता पर लाद दिया और 1500 संस्थान खोल दिए, तो यह संस्थान, स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलेज, पीएचसी, पटवार सर्कल, बीडीओ के दफ्तर यह सब विकास और जनसेवा के माध्यम हैं. अगर इससे जनता पर पैसे का बोझ पड़ता है तो सच में किसी भी सरकार को ये करना चाहिए. 70 साल के इतिहास में किसी भी सरकार ने संस्थान बंद नहीं किए, लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 1500 के लगभग संस्थान बंद किए. सरकार का कहना है कि संस्थानों को चलाने के लिए धन नहीं है, लेकिन स्थिति बिल्कुल अलग है. कांग्रेस के पास अपने मित्रों को देने के लिए धन की कोई कमी नहीं है, गैरकानूनी तौर पर सीपीएस लगाने हों या उनके लिए व्यवस्था करनी हो उसने लिए धन की कमी नहीं है, लेकिन संस्थान चलाने के नाम पर वहां धन की कमी आड़े आ रही है.'

राजीव बिंदल ने कहा कि, 'गरीब की जेब में से पैसा निकालना, चाहे वो पानी, बिलजी के ऊपर टैक्स लगाना, बिजली का रेट बढ़ाना, स्टांप ड्यूटी को बढ़ाना, डिपो के राशन के दाम को बढ़ाना, बिजली की सब्सिडी को खत्म करना, यह सारी चीजें कर कांग्रेस हिमाचल की जनता से और पैसा वसूल कर रही है और विकास के नाम पर सुक्खू सरकार शून्य है. सीएम इसे व्यवस्था परिवर्तन का नाम दे कर हीरो बनने का प्रयास कर रहे हैं. केंद्र सरकार के सहयोग के बिना एक मिनट भी यह सरकार चल नहीं सकती और जब यह बात आती है तो फिर सीएम और उनके मंत्री बयानों की झड़ी लगाते हैं. दिल्ली में एक मंत्री केंंद्र से मदद की गुहार लगाता है और प्रदेश के लिए सहयोग की मांग करता है, लेकिन दूसरी ओर सीएम, उनके मंत्री हिमाचल में बैठ कर केंद्र की सरकार, मंत्रियों और पीएम को गाली देने का काम करते हैं. ये पूरी की पूरी दोगली बात है.'

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