लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नए साल की शुरुआत बड़े बदलावों के साथ होने वाली है. नए साल में पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित हो सकता है. 16 से 30 दिसंबर के बीच सभी जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके बाद पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष का एलान जनवरी 2025 में किया जा सकता है.
अब देखना ये होगा कि क्या क्षत्रिय मुख्यमंत्री और जाट प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब भाजपा दलित, पिछड़ा वर्ग या ब्राह्मण में से किस पर दांव लगाती है. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे़ को संगठनात्मक चुनाव का पर्यवेक्षक बनाया गया है. एक से 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों का चयन होगा, जबकि जिलास्तर पर कार्यशालाएं 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित होंगी. प्रत्येक तीन जिलों के लिए एक केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा.
लखनऊ के विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यशाला में संगठनात्मक चुनाव की तैयारियों पर बुधवार की देर रात तक चर्चा हुई. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, धर्मपाल सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. बैठक में बूथ समितियों, मंडल समितियों और जिला संगठन के गठन पर विस्तार से चर्चा की गई.
राष्ट्रीय सहचुनाव अधिकारी नरेश बंसल ने कहा कि भाजपा परिवारवाद की पार्टी नहीं है, बल्कि परिवार भाव से काम करने वाली पार्टी है. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी ने 2.5 करोड़ से अधिक सदस्यों को जोड़ा है, जो कार्यकर्ता आधारित संगठन की ताकत को दर्शाता है.
भाजपा 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि बूथ स्तर पर मनाएगी. 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसके अलावा, 27 दिसंबर को बाल शहीद दिवस और गणतंत्र दिवस तक संविधान गौरव महोत्सव मनाने की योजना बनाई गई है. पार्टी ने संगठन में युवा और अनुभवी नेतृत्व को प्राथमिकता देते हुए मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों की उम्र सीमा भी तय की है.
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