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झारखंड विधानसभा चुनावः खूंटी सीट पर 25 साल से खूंटा गाड़कर विराजमान हैं बीजेपी के नीलकंठ सिंह, कोई नहीं है टक्कर में - KHUNTI ASSEMBLY SEAT

खूंटी में 25 सालों से नीलकंठ सिंह मुंडा का दबदबा है. भाजपा के इस किले को तोड़ने के लिए महागठबंधन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 14, 2024, 2:56 PM IST

खूंटी: झारखंड विधानसभा चुनाव करीब है. सभी दल जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हैं. खूंटी विधानसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है. भाजपा के इस अभेद्य किला को कोई भी ध्वस्त नहीं कर पाया है. 2000 से लेकर 2019 तक विधानसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को कोई हरा नहीं पाया है. बीजेपी से विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा 25 साल से इस क्षेत्र के विधायक के तौर पर डटे हुए हैं.

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित झारखंड की खूंटी विधानसभा सीट खूंटी जिले में आती है. इस क्षेत्र में कुल 223305 मतदाता हैं. इनमें 108325 पुरुष, 114979 महिला वोटर हैं. जबकि 1 थर्ड जेंडर वोटर शामिल है. भाजपा के इस अभेद्य किला को ध्वस्त करने के लिए झामुमो के कई दिग्गज चुनावी मैदान में आए. इसके बावजूद भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने बड़े अंतरों से जीत हासिल कर किले को मजबूत बनाए रखा है

खूंटी विधानसभा सीट का इतिहास

चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा विधायक चुने गए. उनको इस चुनाव में कुल 59,198 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर झामुमो के उम्मीदवार सुशील पाहन रहे थे. उनको इस चुनाव में कुल 32,871 वोट मिले थे. झारखंड विकास मोर्चा इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहा था, उसकी उम्मीदवार दयामनी बारला को कुल 20,726 वोट मिले थे

2019 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा59,198
सुशील पाहनझामुमो32,871
दयामनी बारलाजेवीएम20,726

2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 2 महिला उम्मीदवार भी थीं. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार नीलकंठ सिंह मुंडा को सबसे अधिक 47, 032 वोट मिले थे. झामुमो ने इस चुनाव में जिदन होरो को मैदान में उतारा था. उनको कुल 25,517 वोट मिले थे. कांग्रेस इस चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने वाली तीसरे नंबर की पार्टी थी. उसकी उम्मीदवार पुष्पा सुरीन को कुल 17,544 वोट मिले थे.

2014 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा47,032
जिदन होरोझामुमो 25,517
पुष्पा सुरीनकांग्रेस 17,544

वर्ष 2009 के झारखंड विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा सीट पर कुल 13 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 12 पुरुष और एक महिला थी. बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नीलकंठ सिंह मुंडा को इस चुनाव में कुल 32,067 वोट मिले थे. झामुमो के टिकट पर जेल में रहते हुए चुनाव लड़ रहे मासी चरण पूर्ति (कुछ दिनों पहले जमीन पर कब्जा करने के आरोप में जेल) को कुल 31,631 वोट मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी रोशन कुमार सुरीन तीसरे स्थान पर थे और उनको 20,116 वोट मिले थे.

2009 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा32,067
मासी चरण पूर्तिझामुमो 31,631
रोशन कुमार सुरीनकांग्रेस 20,116

वर्ष 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 12 पुरुष और 4 महिला उम्मीदवार थीं. इस चुनाव में लोगों ने बीजेपी पर भरोसा जताया और नीलकंठ सिंह मुंडा को कुल 43,663 वोट मिले. कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे रोशन कुमार सुरीन दूसरे स्थान पर रहे थे. रोशन कुमार सुरीन को 27,963 वोट मिले थे. झारखंड पार्टी (जेकेपी) इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी. उनके उम्मीदवार एलिस्टर बोदरा को 11,240 वोट मिले थे.

2005 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा43,663
रोशन कुमार सुरीनकांग्रेस 27,963
एलिस्टर बोदराजेकेपी11,240

झारखंड में कभी भी चुनावी घोषणा हो सकती है. जिसे देखते हुए जल्द ही भाजपा भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है. 2014 से लेकर लगातार लोकसभा चुनाव के दौरान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा पर पार्टी विरोधी काम कर अपने बड़े भाई कांग्रेस के सांसद कालीचरण मुंडा को सहयोग करने का आरोप लगा है. हाल के दिनों में पार्टी के कई दिग्गजों ने भी इसका खुलासा किया था.

हालांकि नीलकंठ सिंह मुंडा अपने ऊपर लगे आरोपों को दरकिनार करते हुए कहते रहे हैं कि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, वह स्वीकार होगा. अब देखना यह होगा कि खूंटी विधनसभा सीट पर 2000 से लेकर 2019 के चुनाव में बेहतर परिणम देने वाले विधायक नीलकंठ चुनावी मैदान में रहेंगे तो उनके सामने उम्मीदवार कौन होगा. क्योंकि यहां से कभी कांग्रेस, कभी झामुमो तो कभी दोनों दलों के उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें झामुमो दूसरे स्थान पर रहा है.

ये भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले इंडिया गठबंधन खेमे में खटपट? कांग्रेस ने तोरपा और खूंटी पर ठोका दावा

ये भी पढ़ें: खूंटी विधानसभा सीटः बीजेपी का चेहरा कौन, नीलकंठ को फिर मिलेगा मौका या आएगा कोई और!

खूंटी: झारखंड विधानसभा चुनाव करीब है. सभी दल जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हैं. खूंटी विधानसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है. भाजपा के इस अभेद्य किला को कोई भी ध्वस्त नहीं कर पाया है. 2000 से लेकर 2019 तक विधानसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को कोई हरा नहीं पाया है. बीजेपी से विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा 25 साल से इस क्षेत्र के विधायक के तौर पर डटे हुए हैं.

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित झारखंड की खूंटी विधानसभा सीट खूंटी जिले में आती है. इस क्षेत्र में कुल 223305 मतदाता हैं. इनमें 108325 पुरुष, 114979 महिला वोटर हैं. जबकि 1 थर्ड जेंडर वोटर शामिल है. भाजपा के इस अभेद्य किला को ध्वस्त करने के लिए झामुमो के कई दिग्गज चुनावी मैदान में आए. इसके बावजूद भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने बड़े अंतरों से जीत हासिल कर किले को मजबूत बनाए रखा है

खूंटी विधानसभा सीट का इतिहास

चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा विधायक चुने गए. उनको इस चुनाव में कुल 59,198 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर झामुमो के उम्मीदवार सुशील पाहन रहे थे. उनको इस चुनाव में कुल 32,871 वोट मिले थे. झारखंड विकास मोर्चा इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहा था, उसकी उम्मीदवार दयामनी बारला को कुल 20,726 वोट मिले थे

2019 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा59,198
सुशील पाहनझामुमो32,871
दयामनी बारलाजेवीएम20,726

2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 2 महिला उम्मीदवार भी थीं. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार नीलकंठ सिंह मुंडा को सबसे अधिक 47, 032 वोट मिले थे. झामुमो ने इस चुनाव में जिदन होरो को मैदान में उतारा था. उनको कुल 25,517 वोट मिले थे. कांग्रेस इस चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने वाली तीसरे नंबर की पार्टी थी. उसकी उम्मीदवार पुष्पा सुरीन को कुल 17,544 वोट मिले थे.

2014 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा47,032
जिदन होरोझामुमो 25,517
पुष्पा सुरीनकांग्रेस 17,544

वर्ष 2009 के झारखंड विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा सीट पर कुल 13 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 12 पुरुष और एक महिला थी. बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नीलकंठ सिंह मुंडा को इस चुनाव में कुल 32,067 वोट मिले थे. झामुमो के टिकट पर जेल में रहते हुए चुनाव लड़ रहे मासी चरण पूर्ति (कुछ दिनों पहले जमीन पर कब्जा करने के आरोप में जेल) को कुल 31,631 वोट मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी रोशन कुमार सुरीन तीसरे स्थान पर थे और उनको 20,116 वोट मिले थे.

2009 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा32,067
मासी चरण पूर्तिझामुमो 31,631
रोशन कुमार सुरीनकांग्रेस 20,116

वर्ष 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें 12 पुरुष और 4 महिला उम्मीदवार थीं. इस चुनाव में लोगों ने बीजेपी पर भरोसा जताया और नीलकंठ सिंह मुंडा को कुल 43,663 वोट मिले. कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे रोशन कुमार सुरीन दूसरे स्थान पर रहे थे. रोशन कुमार सुरीन को 27,963 वोट मिले थे. झारखंड पार्टी (जेकेपी) इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी. उनके उम्मीदवार एलिस्टर बोदरा को 11,240 वोट मिले थे.

2005 में खूंटी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नामपार्टी प्राप्त मत
नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा43,663
रोशन कुमार सुरीनकांग्रेस 27,963
एलिस्टर बोदराजेकेपी11,240

झारखंड में कभी भी चुनावी घोषणा हो सकती है. जिसे देखते हुए जल्द ही भाजपा भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है. 2014 से लेकर लगातार लोकसभा चुनाव के दौरान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा पर पार्टी विरोधी काम कर अपने बड़े भाई कांग्रेस के सांसद कालीचरण मुंडा को सहयोग करने का आरोप लगा है. हाल के दिनों में पार्टी के कई दिग्गजों ने भी इसका खुलासा किया था.

हालांकि नीलकंठ सिंह मुंडा अपने ऊपर लगे आरोपों को दरकिनार करते हुए कहते रहे हैं कि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, वह स्वीकार होगा. अब देखना यह होगा कि खूंटी विधनसभा सीट पर 2000 से लेकर 2019 के चुनाव में बेहतर परिणम देने वाले विधायक नीलकंठ चुनावी मैदान में रहेंगे तो उनके सामने उम्मीदवार कौन होगा. क्योंकि यहां से कभी कांग्रेस, कभी झामुमो तो कभी दोनों दलों के उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें झामुमो दूसरे स्थान पर रहा है.

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