हजारीबागः झारखंड के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों हलचल मची हुई है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के मन में क्या चल रहा है, इसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि वे भाजपा का भी दामन थाम सकते हैं. ऐसे में हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने चंपाई सोरेन पर बड़ी बात कह दी है. उन्होंने वे झामुमो के सच्चे सिपाही रहे, 40 साल तक पार्टी का झंडा ढोया. पार्टी के सबसे निचले पायदान से वे मुख्यमंत्री बने. उनको सम्मान नहीं मिला तो यह दुख का विषय है, उनकी मनोस्थिति को समझा जा सकता है.
सांसद मनीष जायसवाल ने हजारीबाग में मीडिया के साथ बात करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवारवाद वाली पार्टी है. पहले भी यह कहा गया था कि वे एक डमी मुख्यमंत्री हैं. राज्य की सत्ता जेल के अंदर से चल रही थी. उन्हें उनके कार्यकाल के दौरान काम करने नहीं दिया गया. आलम यह रहा कि चंपाई सोरेन अपने मुंह से यह बात स्वीकार कर लिए कि उन्हें काम करने नहीं दिया गया. जो इस बात को दर्शाता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा सिर्फ परिवारवाद पर ही चलती है.
क्या था चंपाई सोरेन के सोशल मीडिया पोस्ट में
चंपाई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि 'पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था. मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.'
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