लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के मिश्रिख से सांसद अशोक रावत ने सीतापुर में हुए पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाराज होने पर अपनी क्षमा याचना व्यक्त की है. अशोक रावत ने राज्यपाल को पत्र लिखकर उनके ना आने को लेकर वन अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है.
अशोक रावत ने लिखा है कि उनको रात 10:00 बजे इस कार्यक्रम की सूचना दी गई थी. इसलिए वे नहीं आ सके. उन्होंने वन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. जिसके लिए राज्यपाल से अनुरोध किया गया है.
राज्यपाल को लिखे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि मैं लोकसभा क्षेत्र मिश्रिख से चौथी बार का सांसद हूं. 20 जुलाई को जनपद-सीतापुर में पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम एक वृक्ष मां के नाम में आपका आगमन हुआ.
जिला वानिकी अधिकारी (DFO) द्वारा मुझे 19 जुलाई की रात 10 बजे आपके आगमन की सूचना दी गई. अधिकारियों के द्वारा मुझे समय से सूचना ना देने के कारण मैं आपका स्वागत नहीं कर सका और ना ही सहभागिता कर सका.
मेरे द्वारा एक दिन पूर्व ही पार्टी संगठन के कार्यक्रम निर्धारित करके अन्य कार्यक्रम किया गया था. अत्यंत ही दुख के साथ आपको अवगत कराना चाहूंगा कि जिला वानिकी अधिकारी (DFO) के द्वारा इस तरह के आचरण व्यवहार से अत्यंत ही कष्ट हुआ.
आपसे अनुरोध है कि इस तरह के असंवेदनशील व आपके दायित्यों के प्रति लापरवाह जिला वानिकी अधिकारी (DFO) के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कराए जाने का निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के बीच तनातनी के किस्से आम हैं. कई नेताओं ने अधिकारियों की निरंकुशता के खिलाफ पत्र लिखा है. नेता अधिकारियों द्वारा सुनवाई न होने की शिकायत करते रहे हैं. ऐसा ही मामला अब मिश्रिख के सांसद में भी उठा दिया है.
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