ETV Bharat / state

इस बार हेमा मालिनी करेंगी दशहरा मेले का उद्घाटन, 28 साल पहले हुआ था ये विवाद... कोर्ट पहुंचा था मामला - Kota Dussehra Mela 2024 - KOTA DUSSEHRA MELA 2024

Kota Dussehra Mela 2024, मथुरा सांसद व बॉलीवुड ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी इस बार दशहरे पर कोटा आ रही हैं. वो यहां कोटा में दशहरा मेले का उद्घाटन करेंगी. वहीं, 28 साल पहले पैसे लेने के बाद भी वो नहीं आईं थीं और ये मामला कोर्ट तक पहुंचा था.

Kota Dussehra Mela 2024
हेमा मालिनी करेंगी दशहरा मेले का उद्घाटन (ETV BHARAT GFX)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 27, 2024, 4:26 PM IST

कोटा : कोटा के 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही है. इस बार मेले का उद्घाटन मथुरा सांसद व बॉलीवुड अनिनेत्री हेमा मालिनी करेंगी. हालांकि, ये वो ही हेमा मालिनी हैं, जो 1996 में कोटा दशहरा मेले में आने के लिए अग्रिम राशि तक ले चुकी थीं. उसके बाद भी मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं थीं. इस मामले को 28 साल बीत चुके हैं. वहीं, करीब 19 साल पहले ये मामला कोर्ट पहुंचा था. याचिका लगाने वाले पूर्व पार्षद व कांग्रेस नेता सुरेश गुर्जर ने हेमा मालिनी को न्यायालय में पेश करवाने की मांग रखी थी.

सुरेश गुर्जर ने कहा कि हेमा मालिनी से पिछला बकाया वसूलना चाहिए था. उन्होंने इसकी मांग भी की थी. साथ ही इस मामले में साल 2006 में अपने वकील के जरिए स्थायी लोक अदालत में दायर की थी. इसमें हेमा मालिनी, उनके तत्कालीन निजी सचिव एमए मेहता, नृत्य विहार कला केंद्र, तत्कालीन आयुक्त नगर निगम, महापौर और जिलाधीश कोटा को पार्टी बनाया गया. इसमें हेमा मालिनी को कोर्ट में पेश करवाने और अग्रिम भुगतान वापस लेने की मांग रखी थी. हेमा मालिनी को नोटिस भी जारी किए गए थे, उसके बाद भी वो नहीं आईं थीं. बाद में स्थानीय वकील के जरिए उन्होंने कार्रवाई को आगे बढ़वाया था.

इसे भी पढ़ें - दशहरे मेले पर आचार संहिता और चुनाव का खतरा, न जनप्रतिनिधि और न अधिकारी ले रहे इंटरेस्ट

हालांकि, न्यायालय में लंबी चली सुनवाई के बाद गुर्जर की याचिका को खारिज कर दिया गया. इस पर गुर्जर ने कहा कि कोटा की जनता और राजस्थान सरकार का पैसा उस समय व्यर्थ गया था. ऐसे में कलाकार को भी ध्यान में रखना चाहिए और पैसा वापस लौटा देना चाहिए. अब हेमा मालिनी दोबारा आ रही हैं तो वो अपने मांग को फिर से दोहरा रहे हैं.

ये था पूरा प्रकरण : साल 1996 में नगर निगम ने 2 लाख 56 हजार रुपए पर हेमा मालिनी से कोटा आने का करार किया था. उस समय कोटा की महापौर सुमन श्रृंगी थीं. दशहरे मेले में उन्हें बुलाने के लिए अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया था. साथ ही प्रचार प्रसार सहित कुल मिलाकर कर 50 हजार रुपए तब नगर निगम ने खर्च किए थे, लेकिन अंतत: हेमा मालिनी कोटा नहीं आईं. बाद में यह मामला कोर्ट पहुंचा.

मुकदमे में नगर निगम की तरफ से कहा गया कि पुलिस और प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलने के चलते वो नहीं आ पाई थीं. ऐसे में उनकी और उनकी टीम के सदस्यों के आने और जाने के टिकट कंफर्म थे. यह सब रद्द करने पड़े थे. इसी के चलते पैसे की वसूली वापस नहीं हो पाई. दूसरी तरफ 1997 अनुमति नहीं मिलने के चलते नहीं आ पाई थीं.

3 अक्टूबर को कोटा आएंगी हेमा मालिनी : मेले के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने कहा कि 131वें कोटा राष्ट्रीय दशहरा मेले का आगाज हेमा मालिनी की नृत्य नाटिका से 3 अक्टूबर को होगा. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मौजूद रहेंगे. इसी दिन रामलीला का भी शुभारंभ होगा. सुबह 9 बजे आशापुरा माता मंदिर में दुर्गा पूजन होगा. उसके बाद शाम को 6 बजे श्रीराम रंगमंच पर ध्वजारोहण और रामलीला का शुभारंभ होगा और फिर देर शाम 7.30 बजे विजयश्री रंगमंच पर नृत्य नाटिका दुर्गा और आतिशबाजी के साथ मेले का रंगारंग आगाज होगा.

कोटा : कोटा के 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही है. इस बार मेले का उद्घाटन मथुरा सांसद व बॉलीवुड अनिनेत्री हेमा मालिनी करेंगी. हालांकि, ये वो ही हेमा मालिनी हैं, जो 1996 में कोटा दशहरा मेले में आने के लिए अग्रिम राशि तक ले चुकी थीं. उसके बाद भी मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं थीं. इस मामले को 28 साल बीत चुके हैं. वहीं, करीब 19 साल पहले ये मामला कोर्ट पहुंचा था. याचिका लगाने वाले पूर्व पार्षद व कांग्रेस नेता सुरेश गुर्जर ने हेमा मालिनी को न्यायालय में पेश करवाने की मांग रखी थी.

सुरेश गुर्जर ने कहा कि हेमा मालिनी से पिछला बकाया वसूलना चाहिए था. उन्होंने इसकी मांग भी की थी. साथ ही इस मामले में साल 2006 में अपने वकील के जरिए स्थायी लोक अदालत में दायर की थी. इसमें हेमा मालिनी, उनके तत्कालीन निजी सचिव एमए मेहता, नृत्य विहार कला केंद्र, तत्कालीन आयुक्त नगर निगम, महापौर और जिलाधीश कोटा को पार्टी बनाया गया. इसमें हेमा मालिनी को कोर्ट में पेश करवाने और अग्रिम भुगतान वापस लेने की मांग रखी थी. हेमा मालिनी को नोटिस भी जारी किए गए थे, उसके बाद भी वो नहीं आईं थीं. बाद में स्थानीय वकील के जरिए उन्होंने कार्रवाई को आगे बढ़वाया था.

इसे भी पढ़ें - दशहरे मेले पर आचार संहिता और चुनाव का खतरा, न जनप्रतिनिधि और न अधिकारी ले रहे इंटरेस्ट

हालांकि, न्यायालय में लंबी चली सुनवाई के बाद गुर्जर की याचिका को खारिज कर दिया गया. इस पर गुर्जर ने कहा कि कोटा की जनता और राजस्थान सरकार का पैसा उस समय व्यर्थ गया था. ऐसे में कलाकार को भी ध्यान में रखना चाहिए और पैसा वापस लौटा देना चाहिए. अब हेमा मालिनी दोबारा आ रही हैं तो वो अपने मांग को फिर से दोहरा रहे हैं.

ये था पूरा प्रकरण : साल 1996 में नगर निगम ने 2 लाख 56 हजार रुपए पर हेमा मालिनी से कोटा आने का करार किया था. उस समय कोटा की महापौर सुमन श्रृंगी थीं. दशहरे मेले में उन्हें बुलाने के लिए अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया था. साथ ही प्रचार प्रसार सहित कुल मिलाकर कर 50 हजार रुपए तब नगर निगम ने खर्च किए थे, लेकिन अंतत: हेमा मालिनी कोटा नहीं आईं. बाद में यह मामला कोर्ट पहुंचा.

मुकदमे में नगर निगम की तरफ से कहा गया कि पुलिस और प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलने के चलते वो नहीं आ पाई थीं. ऐसे में उनकी और उनकी टीम के सदस्यों के आने और जाने के टिकट कंफर्म थे. यह सब रद्द करने पड़े थे. इसी के चलते पैसे की वसूली वापस नहीं हो पाई. दूसरी तरफ 1997 अनुमति नहीं मिलने के चलते नहीं आ पाई थीं.

3 अक्टूबर को कोटा आएंगी हेमा मालिनी : मेले के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने कहा कि 131वें कोटा राष्ट्रीय दशहरा मेले का आगाज हेमा मालिनी की नृत्य नाटिका से 3 अक्टूबर को होगा. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मौजूद रहेंगे. इसी दिन रामलीला का भी शुभारंभ होगा. सुबह 9 बजे आशापुरा माता मंदिर में दुर्गा पूजन होगा. उसके बाद शाम को 6 बजे श्रीराम रंगमंच पर ध्वजारोहण और रामलीला का शुभारंभ होगा और फिर देर शाम 7.30 बजे विजयश्री रंगमंच पर नृत्य नाटिका दुर्गा और आतिशबाजी के साथ मेले का रंगारंग आगाज होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.