जोधपुर. राजस्थान में जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद और शेरगढ विधायक बाबू सिंह राठौड़ तीन दिन से चर्चा में हैं. लगातार दोनों नेताओं के बीच तल्खियां बढ़ रही हैं. गाहे बगाहे एक दूसरे पर पलटवार भी कर रहे हैं. बाबू सिंह राठौड़ के काम नहीं करवाने के आरोप पर शेखावत की सोशल मीडिया टीम काम गिना रही है. इस बीच ईटीवी भारत ने बाबूसिंह राठौड से इस मामले पर बात की, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरा कोई विरोध नहीं है. सिद्धांतों की लड़ाई है. मैंने हमेशा जनता के हित की बात की है.
दो दिन पहले भी मुझे जनता ने कहा कि मंत्री जी आए हैं तो केंद्रीय विद्यालय की बात रखो, तो मैंने कहा, क्योंकि उन्होंने गत वर्ष राजनाथ सिंह जी के सामने कहा था कि स्वीकृति हो गई है. उसके बाद कई जगह पर केंद्रीय विद्यालय खुल गए, लेकिन हमारे यहां नहीं खुला. पार्टी नेताओं के बीच खींचतान से पार्टी के नुकसान पर राठौड़ ने कहा कि मोदी जी हैं तो सब मुमकीन है. भाजपा 400 सीटें जीतेगी. जोधपुर से भी पार्टी भारी मतों से जीतेगी. उनके खुद के सांसद बनने के सवाल पर कहा कि मैंने भी यह नहीं सोचा कि सांसद का चुनाव लडूंगा, लेकिन पार्टी आदेश करेगी तो मैं पार्टी से बंधा हूं, वो आदेश पूरा करूंगा.
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राठौड़ ने कहा कि मैंने जनता की बात की थी. पिछले कार्यकाल में इनके सांसद कोष का 10 करोड़ रुपये लैप्स हुए थे. अपने टिकट में देरी पर उन्होंने कहा कि इंतजार का फल मीठा होता है. इसलिए अंतिम सूची में नाम आया. शेखावत के बाहरी होने की बात पर राठौड़ ने कहा कि मैंने कहा था कि आपका अपने क्षेत्र से प्रेम होगा, इसलिए आपने सैनिक स्कूल झुंझुनू में खुलावाया. जोधपुर में खुलवाना चाहिए था.
सोशल मीडिया पर शेखावत खेमा सक्रिय : बुधवार को हुए घटनाक्रम के बाद शाम को सोशल मीडिया पर शेखावत के फोटो लगे कामों का विवरण फिर जारी हुआ. इतना ही नहीं, यह वायरल हो रहा है कि अपने सांसद के खिलाफ बयान देना अनुशासनहीनता है. आपस में बैठकर भी तो बात कर सकते थे. जो पोस्टर वायरल किए गए हैं, उनमें बाबू सिंह को बाबू भैया बताया गया. यह भी लिखा जा रहा है कि कहीं यह गहलोत एंड कंपनी के इशारों पर तो नहीं नाच रहे हैं.