जयपुर: राजस्थान में बीजेपी का सदस्यता अभियान धीमी गति से चल रहा है. सवा करोड़ के लक्ष्य के साथ शुरू हुआ यह अभियान अभी तक महज 25 से 26 लाख तक की पहुंच पाया है. अभियान की धीमी गति पर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भले ही एक दिन पहले कड़ी नाराज की जताई हो, लेकिन बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहनदास अग्रवाल इस धीमी गति के सदस्यता अभियान से संतुष्ट हैं.
अग्रवाल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम क्वांटिटी पर नहीं क्वालिटी पर विश्वास करते हैं. अभियान संतोषजनक रूप से चल रहा है, जिसको जो जिम्मेदारी दी गई है, वह जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ पूरा कर रहा है. उन्होंने कहा कि धैर्य और लोकतांत्रिक तरीके से कार्यकर्ता जोड़े जाए,हम इस कार्य नीति पर विश्वास करते हैं, इसलिए राजस्थान में सदस्यता अभियान की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं. प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ता अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे.
कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर राधा मोहन दास ने कहा कि 'मैं एक महीने से राजस्थान हूं. पूरे प्रदेश में घूमने का काम कर रहा हूं. निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर कैबिनेट मंत्रियों तक से बात होती है, लेकिन मेरे सामने कोई नाराजगी नहीं आई. कार्यकर्ताओं में एकदम अलग तरीके का उत्साह है'.
पड़ोसी राज्य में चुनाव की वजह से धीमा अभियान: उधर, सदयता अभियान को लेकर प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कहीं कोई गति धीमी नहीं है. पड़ोसी राज्य में चुनाव है, नेता और कार्यकर्ता चुनाव में लगे हुए हैं, इसलिए अभी सदस्यों की संख्या कम है, जो लक्ष्य दिया गया है उसे पूरा कर लिया जाएगा. कहीं कोई दिक्क्त नहीं है.
कार्यकर्ताओं के नहीं हो रहे काम: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने के सवाल पर कहा कि काम का अंत नहीं होता. डिमांड बढ़ती जाती है. कार्यकर्ताओं के काम की मांग तो रहेगी ही, हमारा कार्यकर्ता मांग रहा है, इसका मतलब वह जागरूक है. प्रदेश में भजनलाल सरकार हर दिन जनता के लिए काम कर रही है. कार्यकर्ता के भी सभी काम हो रहे हैं. सत्ता और संगठन मिलकर काम कर रहे हैं. कहीं कोई तालमेल की कमी नहीं है.
बीएल संतोष ने जताई थी नाराजगी: बता दें कि एक दिन पहले पार्टी मुख्यालय पर पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष ने प्रदेश में सदस्यता अभियान की धीमी गति को लेकर नाराजगी जताई थी. उन्होंने प्रदेश व जिला पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से सवाल किया कि आप प्रवास पर नहीं जा रहे? फील्ड में क्यों नहीं गए? क्या टीम को काम करने में कोई दिक्कत आ रही है? दरअसल दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान में अभी करीब 25 लाख ही सदस्य बने हैं, जबकि टारगेट सवा करोड़ का है.