रांची: जामताड़ा के कांग्रेसी विधायक व प्रत्याशी डॉ. इरफान अंसारी द्वारा कथित रूप से सीता सोरेन के लेकर की गई टिप्पणी पर भाजपा बेहद मुखर है. झारखंड भाजपा महिला मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार शाम राजभवन जाकर राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा.
इस प्रतिनिधिमंडल में झारखंड प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह, भाजपा प्रदेश मंत्री अनामिका जूही, सीमा शर्मा, राजश्री जयंती, रेणु तिर्की, नीलम चौधरी और अशोक बड़ाइक शामिल रहीं.
राज्यपाल संतोष गंगवार से मिलकर भाजपा महिला मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर कहा कि जामताड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. इरफान अंसारी जिस तरह से अनाप-शनाप बयान देकर समाज में नफरत फैला रहे हैं. उनके खिलाफ खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग झारखंड भाजपा महिला मोर्चा ने की है.
क्या है भाजपा महिला मोर्चा की ओर से राज्यपाल को लिखे पत्र में
'झारखंड के सामाजिक और राजनैतिक जीवन में सीता सोरेन का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण और सम्मानजनक है. वे एक पूर्व विधायक भी हैं साथ ही झारखंड के संघर्ष और बलिदान के प्रतीक माने जाने वाले स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी भी हैं. सीता सोरेन आदिवासी समाज, विशेषकर संथाल समुदाय की प्रतिनिधि हैं और उनका व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं. हाल ही में, झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी द्वारा सार्वजनिक मंच पर सीता सोरेन के खिलाफ टिप्पणी की गई. यह टिप्पणी न केवल सीता सोरेन का अपमान है, बल्कि पूरे आदिवासी समाज, विशेषकर आदिवासी महिलाओं का भी अनादर करती है.
जिस झारखंड राज्य का निर्माण आदिवासियों के उत्थान और सम्मान के लिए हुआ है, उसी राज्य के एक आदिवासी जनप्रतिनिधि के खिलाफ इस तरह के अशोभनीय शब्द का प्रयोग अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इरफान अंसारी के इस अपमानजनक बयान के अतिरिक्त, उन्होंने सीता सोरेन को परेशान करने के उद्देश्य से जामताड़ा थाना में एक फर्जी मामला भी दर्ज करवाया है. यह कदम दर्शाता है कि मंत्री इरफान अंसारी के महिलाओं के प्रति व्यवहार और शब्दों में मानवीयता और शालीनता की कमी है.
अतः हम आदरणीय महामहिम से निवेदन करते हैं कि इरफान अंसारी को उनके मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके ऊपर चुनाव लड़ने से भी रोक लगाई जाए. ऐसे व्यक्ति, जो आदिवासी समाज के प्रति अपमानजनक और असंवेदनशील दृष्टिकोण रखते हैं, उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देना राज्य के आदर्शों के विपरीत है.
हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई करेंगे ताकि झारखंड के आदिवासी समाज का सम्मान और गौरव सुरक्षित रहे.
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