धर्मशाला: कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रभारी एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, कांग्रेस जाति के आधार पर जनगणना की बात कर रही है. कांग्रेस की नियत में खोट है. वे विभाजन के बल पर अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है, जिसे देश के लोग कभी स्वीकार नही करेंगे. 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में विकास किया है.
"एक ओर जहां भाजपा अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता के हकों की बात कर रही है. वहीं, दूसरी और कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में मुस्लिम को आरक्षण देने और ओबीसी कोटे को कम करने की बात कर रही है. कांग्रेस के घोषणा पत्र में हिंदुत्व को खत्म करने की बात हो रही है. ऐसा लग रहा है की ये कांग्रेस का नहीं मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र है":- विपिन सिंह परमार, भाजपा प्रभारी, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र
"व्यवस्था परिवर्तन नहीं, सत्ता परिवर्तन की राह पर CM सुक्खू"
वहीं, विपिन सिंह परमार ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि इस सुख की सरकार से जनता दुखी हो चुकी है. व्यवस्था परिवर्तन की बात करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज सत्ता परिर्वतन की राह पर चल पड़े हैं. जनता चाहती है कि इस कांग्रेस सरकार से अब जल्द से जल्द छुटकारा मिले.
"मुख्यमंत्री कांगड़ा की जनता के हकों को छीन रहे"
इसके अलावा विपिन सिंह परमार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला भवन निर्माण को लेकर लेकर सीएम सुक्खू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री केंद्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला भवन निर्माण को शायद कहीं और ले जाना चाहते हैं. यही कांरण है कि अभी तक वे 30 करोड़ रुपया जमा नहीं करवा पाए हैं. मुख्यमंत्री कांगड़ा की जनता के हकों को छीन रहे हैं.
उन्होंने कहा भारत की राष्ट्रपति मुर्मू द्रौपदी 6 जून को धर्मशाला में सीयू में दीक्षांत समारोह में भाग लेने आ रही हैं. मेरा उनसे निवेदन रहेगा कि वे प्रदेश सरकार का मार्ग दिखाए ताकि धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सके.
विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस उम्मीदवार आनंद शर्मा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं है. कांग्रेस उधार के लोगों को टिकट दे रही है. आनंद शर्मा जब केंद्र में मंत्री थे तो उन्होंने हिमाचल के हकों को अनदेखा किया. आनंद शर्मा ने दिल्ली में बैठकर ही राजनीति की है. हिमाचल से उनका कोई लेना देना नहीं है. जबकि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार ने 36 सालों में कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई.