गिरिडीह: बीजेपी 'चलो गांव की ओर' अभियान चला रही है. इसके तहत नेता और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर प्रवास कर रहे हैं. इस दौरान बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चुन्नूकांत और सुरेश साव गिरिडीह विधानसभा अंतर्गत दो सरकारी स्कूलों में पहुंचे. यहां क्लास के दौरान बच्चों से बातचीत की. इस संवाद पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और माले ने आपत्ति जताई और इसे राजनीतिक संवाद बताया. झामुमो ने इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. अब जेएमएम के इस सवाल पर बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव ने जवाब दिया है.
सुरेश साव ने कहा कि पार्टी संगठन के निर्देश पर सभी वर्ग के लोगों से संपर्क किया जा रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की क्या योजनाएं हैं. योजना से लोगों को कितना फायदा हुआ है और इसमें किस तरह के सुधार किये जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इस दौरान लोगों की राय को संगठन और सरकार तक पहुंचाया जा रहा है. इसी क्रम में उन्होंने स्कूल के शिक्षकों और बच्चों से मुलाकात की. उन्होंने बच्चों से शिक्षा और स्कूल की समस्याओं पर बात की.
राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
सुरेश साव ने कहा कि गांव में रहने के दौरान स्कूल में कई समस्याएं देखी गयीं. इतना ही नहीं, बच्चे कई महत्वपूर्ण बातें नहीं जान पा रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. अब जब शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल रही है तो झामुमो-माले नेता अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता स्कूलों में किसी प्रकार का राजनीतिक संवाद नहीं कर रहे हैं. राज्य में सत्ता में रहने वाली पार्टी को यह देखना चाहिए कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिले.
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