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भाजपा ने बिजली संकट के लिए गहलोत सरकार को ठहराया जिम्मेदार, बोले-दूसरे राज्यों को चुकानी पड़ रही है लाखों युनिट बिजली - electricity crisis in rajasthan

राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है. कांग्रेस जहां बिजली संकट को लेकर भाजपा सरकार को घेर रही है. वहीं, भाजपा इसके लिए अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.

राजस्थान में बिजली संकट
राजस्थान में बिजली संकट (ETV Bharat GFX Team)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 28, 2024, 6:10 PM IST

भाजपा ने बिजली संकट के लिए गहलोत सरकार को ठहराया जिम्मेदार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती को लेकर सरकार और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस बिजली संकट को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है, तो वहीं भाजपा इसके लिए अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दूसरे राज्यों से बैंकिंग समझौता किया था, जिसके चलते आज हर दिन 147 लाख यूनिट बिजली अन्य राज्यों को लौटानी पड़ रही है.

दरअसल, लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने बयान जारी कर कहा कि "राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज बिजली आपूर्ति और बिजली संकट पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, लेकिन वो एक तथ्य नहीं बता रहे हैं कि किस कारण आज प्रदेश में बिजली संकट के हालत बने हैं. ये उनकी सरकार की कुनीति थी, जिसने राजस्थान को नुकसान पहुंचाया है. इसका जिक्र वो नहीं कर रहे हैं. कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने, जिसके मुखिया खुद अशोक गहलोत थे. उन्होंने दूसरे राज्यों के साथ बैंकिंग समझौता किया और बिजली ली. आज जब बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब राजस्थान को 147 लाख यूनिट बिजली हर दिन दूसरे राज्यों को चुकानी पड़ रही है, जिसके कारण राज्य के लोगों का हित प्रभावित हो रहा है. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पा रही है."

इसे भी पढ़ें-पीएचईडी मंत्री के बयान पर डोटासरा का पलटवार, कहा- बिजली पानी का मचा हाहाकार, बालाजी बनने, फूंक मारने की ललकार - Dotasara Attack On PHED Minister

कांग्रेस सरकार ने उत्पादन तंत्र को बर्बाद किया : लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि वो (अशोक गहलोत) यह तथ्य भी छिपा रहे हैं कि पांच साल में उनकी सरकार के समय हाइड्रो पावर प्लांट और थर्मल पावर प्लांट को किस तरह बर्बाद किया गया, जिससे बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है. मई का महीना चल रहा है. भीषण गर्मी है और तापमान 50 डिग्री के पास है, जब बिजली की सबसे ज्यादा डिमांड है, लेकिन वो यह नहीं बता रहे हैं कि उनकी सरकार के समय सितंबर महीने में जब बरसात हो चुकी थी, बिजली की डिमांड बहुत कम थी. तब भी कांग्रेस सरकार के मंत्री अशोक चांदना को बिजली की मांग को लेकर बूंदी के कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठना पड़ा था. किस तरह पांच साल कांग्रेस पार्टी की सरकार में बिजली को लेकर हालत बद से बदतर होते गए. उसका जिक्र कांग्रेस के लोग नहीं कर रहे हैं. आज जो राजस्थान की जनता को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. उसकी जिम्मेदार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार है.

भाजपा ने किए बिजली कंपनियों से एमओयू : भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही बिजली संकट को समझा और दो लाख 24 हजार करोड़ का एमओयू बिजली कंपनियों के साथ किया, ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी का लोगों को सामना नहीं करना पड़े. इसके सुखद परिणाम आपको जल्द देखने को मिलेंगे. एक अच्छी मंशा के साथ एक मजबूत सरकार ने काम किया. उस सरकार के भी काम-काज में आज सहयोग करने के बजाए जिस तरह की बयानबाजी कांग्रेस के लोग कर रहे हैं. वो निंदनीय है. जिनके कारण आज यह बिजली का संकट खड़ा हुआ है.

भाजपा ने बिजली संकट के लिए गहलोत सरकार को ठहराया जिम्मेदार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती को लेकर सरकार और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस बिजली संकट को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है, तो वहीं भाजपा इसके लिए अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दूसरे राज्यों से बैंकिंग समझौता किया था, जिसके चलते आज हर दिन 147 लाख यूनिट बिजली अन्य राज्यों को लौटानी पड़ रही है.

दरअसल, लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने बयान जारी कर कहा कि "राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज बिजली आपूर्ति और बिजली संकट पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, लेकिन वो एक तथ्य नहीं बता रहे हैं कि किस कारण आज प्रदेश में बिजली संकट के हालत बने हैं. ये उनकी सरकार की कुनीति थी, जिसने राजस्थान को नुकसान पहुंचाया है. इसका जिक्र वो नहीं कर रहे हैं. कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने, जिसके मुखिया खुद अशोक गहलोत थे. उन्होंने दूसरे राज्यों के साथ बैंकिंग समझौता किया और बिजली ली. आज जब बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब राजस्थान को 147 लाख यूनिट बिजली हर दिन दूसरे राज्यों को चुकानी पड़ रही है, जिसके कारण राज्य के लोगों का हित प्रभावित हो रहा है. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पा रही है."

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कांग्रेस सरकार ने उत्पादन तंत्र को बर्बाद किया : लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि वो (अशोक गहलोत) यह तथ्य भी छिपा रहे हैं कि पांच साल में उनकी सरकार के समय हाइड्रो पावर प्लांट और थर्मल पावर प्लांट को किस तरह बर्बाद किया गया, जिससे बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है. मई का महीना चल रहा है. भीषण गर्मी है और तापमान 50 डिग्री के पास है, जब बिजली की सबसे ज्यादा डिमांड है, लेकिन वो यह नहीं बता रहे हैं कि उनकी सरकार के समय सितंबर महीने में जब बरसात हो चुकी थी, बिजली की डिमांड बहुत कम थी. तब भी कांग्रेस सरकार के मंत्री अशोक चांदना को बिजली की मांग को लेकर बूंदी के कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठना पड़ा था. किस तरह पांच साल कांग्रेस पार्टी की सरकार में बिजली को लेकर हालत बद से बदतर होते गए. उसका जिक्र कांग्रेस के लोग नहीं कर रहे हैं. आज जो राजस्थान की जनता को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. उसकी जिम्मेदार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार है.

भाजपा ने किए बिजली कंपनियों से एमओयू : भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही बिजली संकट को समझा और दो लाख 24 हजार करोड़ का एमओयू बिजली कंपनियों के साथ किया, ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी का लोगों को सामना नहीं करना पड़े. इसके सुखद परिणाम आपको जल्द देखने को मिलेंगे. एक अच्छी मंशा के साथ एक मजबूत सरकार ने काम किया. उस सरकार के भी काम-काज में आज सहयोग करने के बजाए जिस तरह की बयानबाजी कांग्रेस के लोग कर रहे हैं. वो निंदनीय है. जिनके कारण आज यह बिजली का संकट खड़ा हुआ है.

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