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आपराधिक मानहानि मामले में न बीजेपी नेता छैल बिहारी पेश हुए, न कोई AAP नेता

criminal defamation case: AAP के पांच नेताओं के खिलाफ भाजपा नेता छैल बिहारी गोस्वामी की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई बुधवार को टल गई. अदालत अगली सुनवाई 14 फरवरी को करेगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 24, 2024, 7:23 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने भाजपा नेता छैल बिहारी गोस्वामी की ओर दाखिल आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई को टाल दिया. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने अगली सुनवाई 14 फरवरी को करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट में न तो शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता छैल बिहारी पेश हुए और न ही पांचों आरोपी AAP नेता. कोर्ट को बताया गया कि इस मामले के आरोपी राघव चड्डा को जारी समन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसकी अगली सुनवाई 28 फरवरी को है. उसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को करने का आदेश दिया.

इस मामले के आरोपियों सत्येंद्र जैन, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना पेश नहीं हुए. आरोपियों सत्येंद्र जैन, आतिशी मार्लेना और राघव चड्डा ने कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए सुनवाई की अगली तिथि को पेश होना सुनिश्चित करने का आदेश दिया. आरोपी दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज न तो खुद पेश हुए और न ही उनकी ओर से कोई वकील पेश हुआ. उसके बावजूद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ कोई निरोधात्मक आदेश नहीं दिया.

10 नवंबर 2022 को कोर्ट ने पांच AAP नेताओं की आरोपों से बरी करने की मांग करनेवाली याचिका खारिज कर दिया था. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आरोपियों को समन जारी किया जा चुका है, ऐसे में उस आदेश को वापस नहीं लिया जा सकता.
कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के जिन नेताओं को आरोपों से बरी करने की मांग को खारिज कर दिया, उनमें सत्येंद्र जैन, आतिशी मार्लेना, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज शामिल हैं. दरअसल, शिकायतकर्ता छैल बिहारी गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि आगामी नगर निगम चुनाव जीतने के इरादे से आरोपी नेताओं ने आम जनता को गुमराह करने का काम किया है.

यह भी पढ़ेंः स्वामी प्रसाद के प्राण प्रतिष्ठा वाले बयान पर भड़के योगी के मंत्री, बोले- मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वे कथित तौर पर शिकायतकर्ता और भाजपा के पार्षदों की नकारात्मक छवि बना रहे हैं. AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार बेईमान इरादे से और आगामी नगर निगम चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए तीनों निगमों को लगभग 13,000 करोड़ रुपये की राशि जारी नहीं कर रही है ताकि विकास कार्य नहीं किए जा सकें.

शिकायत में कहा गया है कि दुर्गेश पाठक ने अन्य आप नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें गलत और भ्रामक बयान दिया. ये बयान मानहानि वाले हैं. शिकायतकर्ता के मुताबिक, पाठक ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 1400 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है और बीजेपी पार्षदों ने अवैध रूप से वसूली की है. उस बयान को आम आदमी पार्टी के फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीम किया गया और समाचार पत्रों में प्रकाशित किया था.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में संजय सिंह के पूर्व पीए सर्वेश मिश्रा को जमानत मिली

नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने भाजपा नेता छैल बिहारी गोस्वामी की ओर दाखिल आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई को टाल दिया. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने अगली सुनवाई 14 फरवरी को करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट में न तो शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता छैल बिहारी पेश हुए और न ही पांचों आरोपी AAP नेता. कोर्ट को बताया गया कि इस मामले के आरोपी राघव चड्डा को जारी समन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसकी अगली सुनवाई 28 फरवरी को है. उसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को करने का आदेश दिया.

इस मामले के आरोपियों सत्येंद्र जैन, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना पेश नहीं हुए. आरोपियों सत्येंद्र जैन, आतिशी मार्लेना और राघव चड्डा ने कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए सुनवाई की अगली तिथि को पेश होना सुनिश्चित करने का आदेश दिया. आरोपी दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज न तो खुद पेश हुए और न ही उनकी ओर से कोई वकील पेश हुआ. उसके बावजूद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ कोई निरोधात्मक आदेश नहीं दिया.

10 नवंबर 2022 को कोर्ट ने पांच AAP नेताओं की आरोपों से बरी करने की मांग करनेवाली याचिका खारिज कर दिया था. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आरोपियों को समन जारी किया जा चुका है, ऐसे में उस आदेश को वापस नहीं लिया जा सकता.
कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के जिन नेताओं को आरोपों से बरी करने की मांग को खारिज कर दिया, उनमें सत्येंद्र जैन, आतिशी मार्लेना, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज शामिल हैं. दरअसल, शिकायतकर्ता छैल बिहारी गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि आगामी नगर निगम चुनाव जीतने के इरादे से आरोपी नेताओं ने आम जनता को गुमराह करने का काम किया है.

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शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वे कथित तौर पर शिकायतकर्ता और भाजपा के पार्षदों की नकारात्मक छवि बना रहे हैं. AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार बेईमान इरादे से और आगामी नगर निगम चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए तीनों निगमों को लगभग 13,000 करोड़ रुपये की राशि जारी नहीं कर रही है ताकि विकास कार्य नहीं किए जा सकें.

शिकायत में कहा गया है कि दुर्गेश पाठक ने अन्य आप नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें गलत और भ्रामक बयान दिया. ये बयान मानहानि वाले हैं. शिकायतकर्ता के मुताबिक, पाठक ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 1400 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है और बीजेपी पार्षदों ने अवैध रूप से वसूली की है. उस बयान को आम आदमी पार्टी के फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीम किया गया और समाचार पत्रों में प्रकाशित किया था.

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