पटना: राजधानी पटना का पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र हमेशा से बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है. नए परिसीमन के बाद 2009 में पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में पहली बार चुनाव हुआ. बीजेपी के टिकट पर फिल्म स्टार बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव लड़े. विरोध में राजद के विजय यादव और कांग्रेस से शेखर सुमन मैदान में थे. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को जीत मिली.
भाजपा का रहा है दबदबाः वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा से शत्रुघ्न सिन्हा उम्मीदवार बनाए गए. जदयू ने प्रसिद्ध चिकित्सक गोपाल प्रसाद सिन्हा को टिकट दिया. कांग्रेस से भोजपुरी फिल्म अभिनेता कुणाल सिंह को टिकट दिया गया. इस बार भी भाजपा के शत्रुघ्न सिन्हा को जीत मिली थी. भाजपा से बढ़ती दूरी के कारण वर्ष 2019 में पार्टी ने शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट नहीं दिया. उनकी जगह रविशंकर प्रसाद को भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार बनाया. शत्रुघ्न सिन्हा, कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब से चुनाव लड़े. लेकिन, परिणाम भाजपा के पक्ष में रहा. शत्रुघ्न सिन्हा को हार का सामना करना पड़ा.
किनके बीच है मुकाबलाः लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने रविशंकर प्रसाद को फिर से उम्मीदवार बनाया है. रविशंकर प्रसाद राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं साथ ही केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. इस बार रवि शंकर प्रसाद का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार अंशुल अविजीत से है. अंशुल, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे हैं. कांग्रेस पार्टी में प्रवक्ता रहे हैं. अंशुल अविजित कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया है. पटना साहिब सीट के लिए दोनों पार्टियों लगातार मेहनत कर रही है स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पटना में आकर रोड शो किया था.
कायस्थ वोटर बहुल क्षेत्रः पटना साहिब लोकसभा सीट कायस्थ बाहुल्य सीट मानी जाती है. कहा जाता है कि कायस्थ जाति का वोट जिन्हें मिलता है वह चुनाव जीतता है. रविशंकर प्रसाद भी कायस्थ जाति से आते हैं. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 21 लाख 36 हजार 684 है. इस बार 20878 नए मतदाता जुड़े हैं. पिछले बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद ने बाजी मारी थी और उन्हें 6 लाख 75 हजार 506 मत प्राप्त हुए थे. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को मात्र 3 लाख 22 हजार 849 वोट मिला था. पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में 8 लाख कायस्थ जाति के मतदाता हैं, जिनका वोट निर्णायक होता है.
पटना साहिब के विधानसभा क्षेत्रः पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा आते हैं. पटना साहिब लोकसभा सीट में बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और फतुहा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इन 6 सीटों में से चार सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. पटना साहिब विधानसभा से नंदकिशोर यादव, दीघा विधानसभा क्षेत्र से संजीव चौरसिया, बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से नितिन नवीन और कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र से अरुण सिन्हा बीजेपी के विधायक हैं. दो सीट पर राजद का कब्जा है. फतुहा विधानसभा से राजद के रामानंद यादव एवं बख्तियारपुर विधानसभा से राजद के अनिरुद्ध कुमार विधायक हैं.
संस्कृतिक महत्व: पटना साहिब को सिख धर्म में अत्यधिक सम्मान प्राप्त है. यहां स्थित तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा, सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है. यह सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. इसके अलावा, पटना शहर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से भी भरपूर है, जो इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है.
अर्थव्यवस्था: पटना साहिब क्षेत्र में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां होती हैं. जिनमें व्यापार, उद्योग, कृषि और सेवा क्षेत्र शामिल हैं. पटना शहर बिहार का प्रमुख व्यावसायिक और आर्थिक केंद्र है. यहां अनेक व्यवसाय और व्यापारिक गतिविधियाँ संचालित होती हैं.
राजनीतिक महत्व: पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व के कारण, बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. राजनीतिक दृष्टि से, यह क्षेत्र बीजेपी और कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों के बीच मुकाबले का प्रमुख केंद्र रहा है. पटना साहिब क्षेत्र का राजनीतिक महत्व और भी बढ़ने की संभावना है.
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